माहौल खराब नहीं होने देंगे, गुरुद्वारे की मर्यादा का था ध्यान, अमृतपाल की गिरफ्तारी पर बोली पंजाब पुलिस

पंजाब पुलिस ने खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया है. अमृतपाल को मोगा के रोड़ेवाल गुरुद्वारा से हिरासत में लिया गया था, जिसके बाद बठिंडा एयरपोर्ट से स्पेशल विमान के जरिए असम की डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया गया है. पहले कहा जा रहा था कि अमृतपाल ने सरेंडर किया है, इसको लेकर पंजाब पुलिस के आईजी ने बताया कि उसे केंद्रीय एजेंसियों के साथ संयुक्त ऑपरेशन में गिरफ्तार किया गया है. 

अमृतपाल की गिरफ्तारी पर क्या बोली पंजाब पुलिस? 

पंजाब पुलिस के आईजी सुखचैन सिंह गिल ने बताया कि आज सुबह पौने सात बजे अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार किया गया. हमें इंटेलिजेंस मिला था कि वह गुरुद्वारा के अंदर मौजूद है, जिसके बाद पंजाब पुलिस और खुफिया एजेंसियों के संयुक्त ऑपरेशन में हमने पूरे गांव को घेर लिया था. हमने गुरुद्वारे की मर्यादा को ध्यान में रखते हुए इस ऑपरेशन को अंजाम दिया. 

एनएसए के तहत हुई गिरफ्तारी 

आईजी सुखचैन गिल ने बताया कि अमृतपाल के खिलाफ एनएसए के तहत गिरफ्तारी की गई है. उन्होंने चेतावनी दी किसी को भी माहौल खराब करने की इजाजत नहीं दी जाएगी. इंटेलिजेंट इनपुट के आधार पर आज सुबह पौने सात बजे अमृतपाल की गिरफ्तारी की गई है. वहीं आईजी ने पंजाब की जनता को धन्यवाद भी दिया. उन्होंने कहा कि इस पूरे ऑपरेशन के दौरान जनता ने पंजाब में शांति व्यवस्था बनाए रखी. इसके साथ ही पंजाब पुलिस ने लॉ एंड ऑर्डर को मैनेज किया. 

अमृतपाल सिंह के खिलाफ बनाया था प्रेशर 

पंजाब के आईजी ने कहा कि पुलिस ने बीते 35 दिनों से अमृतपाल के ऊपर प्रेशर बनाकर रखा था. पुलिस के सभी विभाग केंद्रीय एजेंसियों के साथ पूरे ताल-मेल में काम कर रहे थे. आज सुबह पौने सात बजे अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्होंने कहा कि हमारे पास सूचना थी कि अमृतपाल गुरुद्वारे के अंदर है तो गुरुद्वारे की मर्यादा को ध्यान में रखते हुए हमने इस पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया है. पंजाब के तमाम विभाग 4 इंटेलिजेंस विंग, सब एक-दूसरे के साथ मिलकर काम कर रहे थे.  

गिरफ्तारी या सरेंडर पर क्या बोली पुलिस?

वहीं जब पुलिस अधिकारी से पूछा गया कि बताया जा रहा है कि अमृतपाल ने सरेंडर किया है या गिरफ्तारी हुई है, इस पर सुखचैन गिल ने कहा कि अमृतपाल के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं था. हम लोगों ने गुरुद्वारे की मर्यादा का ध्यान रखते हुए इस पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया. उसने सरेंडर नहीं किया बल्कि पुलिस के पास इसका इनपुट था कि वो गुरुद्वारे के अंदर मौजूद है, जिसके बाद केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर इस ज्वाइंट ऑपपेशन को अंजाम दिया गया.

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