पाकिस्तान में बैठे आतंक के आका और ISI जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को परोसने के लिए नई-नई चाल चल रहे हैं. खुफिया सूत्रों ने आजतक को जानकारी मिली कि पाकिस्तान राजौरी और पुंछ से सबसे ज्यादा आतंकी घुसपैठ और आतंकी वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं. इसके पीछे वजह है यहां के खतरनाक जंगल. जी हां, राजौरी के कोटरंका का केसरी हिल का इलाका काफी खतरनाक है. अगर भौगोलिक तौर पर देखा जाए तो इस इलाके में कटीली झाड़ियां और बड़े-बड़े पत्थरों के बोल्डर मिल जाते हैं, जो आतंकियों के लिए ढाल का काम करते हैं. इसके साथ ही इस इलाके में 12 से अधिक प्राकृतिक गुफाएं भी हैं, जिनमें आतंकी बड़ी घटना को अंजाम देकर या फिर घुसपैठ करके छुप जाते हैं. यही गुफाएं इन दिनों सुरक्षाबलों के लिए एक टेढ़ी खीर बनी हुई हैं.
केसरी हिल्स के इलाके में 3 बड़ी आतंकी वारदात
सुरक्षाबलों के सूत्रों की मानें तो केसरी हिल के इलाके में पिछले कुछ महीनों में तीन आतंकी बड़ी वारदात हो चुकी हैं. इस साल की शुरुआत में राजौरी के डोंगरी में हमला करने के बाद आतंकवादियों ने आम नागरिकों की हत्या कर दी थी.
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इसी केसरी हिल के इलाके में पिछले महीने पुंछ में सैन्य वाहन पर स्टिकी बम से हमला कर दिया था. इस हमले में पांच जवान शहीद हो गए थे. हाल ही में सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन त्रिनेत्र लांच किया था.
अब इसी केसरी हिल के इलाके का फायदा उठा करके आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों पर आईईडी ब्लास्ट किया. इसके बाद सुरक्षाबलों को काफी नुकसान पहुंचा, जिसमें हमारे 5 जवान शहीद हो गए.
सूत्र बताते हैं कि इस इलाके में बनी प्राकृतिक गुफाओं को आतंकी शेल्टर के तौर पर इस्तेमाल करते हैं और यहां छिपकर ऑपरेशन करने गए सुरक्षाबलों को निशाना बनाते हैं. इन दिनों सुरक्षाबलो के लिए इन प्राकृतिक गुफाओं में छिपे आतंकियों की करतूत काफी चैलेंजिंग हो गई है.
इन 10 रास्तों का इस्तेमाल करते हैं आतंकी
आजतक के पास आतंकियों के घुसपैठ के रास्तों की खुफिया जानकारी मौजूद है. जानकारी के मुताबिक जम्मू कश्मीर के केसरी हिल्स में प्राकृतिक तौर पर कई रास्ते बने हुए हैं, जो आतंकियों को घुसपैठ करने में मदद करते हैं. स्थानीय ओवर ग्राउंड वर्कर इन इलाकों की पूरी जानकारी पाक आतंकियों को देते हैं, जिसके बाद आतंकी चोरी छुपे घुसपैठ करते हैं.
1. दुधनियाल लॉन्च पैड (POK) रुट से कैथनवाली फारेस्ट से मगाम फारेस्ट से कुपवाड़ा आतंकी आ सकते हैं.
2. केल लॉन्च पैड रूट से लोलाब घाटी से Kshama Krlapora से कुपवाड़ा में घुसपैठ का प्लान है.
3. नल्ली (POK) रुट से होते हुए मंजियोट के रास्ते दंडसेर फारेस्ट के जरिए कालाकोट से घुसपैठ हो सकती है.
4. कोटकोतेरा(POK) रुट से होते हुए आतंकी बगला और कालाकोट पहुंचने की फिराक में.
5. निकैल (POK) रूट से राजौरी और पुंछ में निकैल से बुधल होते हुए मंजीकोट के रास्ते घुसपैठ हो सकती है.
6. बताल गांव (POK) से आतंकी कस नाला होते हुए राजौरी में घुसपैठ की फिराक में.
7. बोई (POK) से आतंकी सोन गली, गुरसैंन, सुर्रन कोट होते हुए जम्मू कश्मीर में घुसपैठ कर सकते हैं.
8. खुईरेरट्टा (POK) से होते आतंकी मोहरा गैप से नौशेरा और सुंदरबनी में घुसपैठ कर सकते हैं.
9. आतंकी कश्मीर के शोपियां में घुसपैठ करने के लिए “हिल काका” के एरिया से POK से घुसपैठ कर सकते हैं.
10. आतंकी गुरेज, माछिल, केरन सेक्टर, गुलमर्ग से आने के लिए “उस्ताद पोस्ट” रूट का इस्तेमाल कर सकते हैं.
राजौरी सेक्टर के 40 गांव सुरक्षा बलों के लिए खतरा
हाल में इंटेलिजेंस को इनपुट्स मिले थे कि POK के गांवों में आतंकियों को इकट्ठा किया जा रहा है.
पुंछ सेक्टर के सामने: POK के गांवों में बड़े पैमाने पर आतंकियों को जुटाया जा रहा है. ये जगहें हैं- बोकरा गली, चकियास, चिरीकोट, काहूता, चप्परकड़ा, कालामुला, मंदार, बल्लनवाली, धोक, काचारबन, सनई रावलकोट.
बिम्बर गली के सामने: POK के गांवों में जैश और लश्कर के आतंकियों को इकट्ठा करने की सूचना खुफिया एजेंसियों को मिली थी. इन आतंक के 7 गांवों की लिस्ट में पंजन, मैट्रीयन, गोरागुजरान, लनजोट, दांतोंटे, ताराकुंडी और जांद्रोट शामिल हैं.
लोगों के बीच छिपकर रह रहे हैं आतंकी
सूत्रों के मुताबिक आतंकियों को POK में गांववालों के बीच छिपाकर रखने के पीछे ISI की चाल यह है कि इन पर किसी भी सुरक्षा एजेंसीय की नजर न पड़े. राजौरी के कोटरंका के केसरी हिल की कटीली झाड़ियों, बड़े-बड़े पत्थरों के घिरे इलाके से आतंकियों की घुसपैठ कराई जाए. उसके बाद सुरक्षाबलों पर निशाना बनाकर बड़ा हमला किया जाए.
गुज्जर और बकरवाल के लोग टारगेट पर
भाटादूड़ियां का जो घना जंगल है, उसमें कई इलाकों में गुज्जर और बकरवाल समुदाय के लोग रहते हैं. इस समुदाय के लोग खेती के साथ-साथ चरवाहे का भी काम करते हैं. आतंकी घुसपैठ करने के लिए इन रास्तों का इस्तेमाल करते हैं, जहां पर कई तरीके की प्राकृतिक गुफाएं जंगल हैं. वे इसके लिए ओवरग्राउंड वर्कर और चरवाहों की मदद लेते हैं. आतंकी गुर्जर और बकरवाल समुदाय के लोगों को बंदूक की दम पर डराकर घाटी की तरफ जाने के रास्तों को पूछते हैं. अगर वे रास्ता बताने से इनकार कर देते हैं कि आतंकी उन्हें गोली मार देते हैं. सुरक्षा बल इन तमाम आतंकियों की तकनीक को डिकोड कर रही है और इनसे निपटने के बड़े प्लान तैयार किए गए हैं.

राजनाथ सिंह और मनोज पांडे जाएंगे राजौरी
राजौरी में आज भी आतंकियों के खिलाफ सेना का ‘ऑपरेशन ऑल आउट’ जारी है. इसी बीच केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जम्मू पहुंच गए हैं. वह राजौरी भी जाएंगे और पुंछ सेक्टर में चल रहे अभियानों की समीक्षा करेंगे. सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे भी मौके पर जाएंगे. उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ऑपरेशन की समीक्षा करने के लिए ग्राउंड ज़ीरो पर मौजूद हैं, जहां सैनिकों ने उन्हें बताया कि कैसे आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ की शुरुआत हुई. राजौरी में शहीद हुए जवानों को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रद्धांजलि अर्पित की. राजौरी में शहीद हुए जवानों के नाम लांस नायक रुचिन सिंह, नायक अरविंद कुमार, हवलदार नीलम सिंह और पैराट्रूपर सिद्धांत चेत्री, प्रमोद नेगी हैं.