तिरुवनंतपुरम से शोरानूर जाने वाली वेनाड एक्सप्रेस ट्रेन उस वक्त चर्चा में आ गई जब इसके लोको पायलट ने ट्रेन को अलप्पुझा जिले के चेरियानाड रेलवे स्टेशन पर नहीं रोका. हालांकि, जैसे ही लोको पायलट को इस बात का अहसास हुआ कि ट्रेन को उस स्टेशन पर हाल्ट नहीं किया गया तो लोको पायलट ट्रेन को 700 मीटर से अधिक रिवर्स में चलाकर उस स्टेशन पर वापस पहुंचा.
ये घटना चेरियानाड रेलवे लाइन पर हुई. बता दें, मावेलिक्कारा और चेंगन्नूर के बीच ट्रेन को थोड़ी देर चेरियानाड रेलवे स्टेशन पर रुकना था. लोको पायलट द्वारा ट्रेन को रिवर्स दिशा में इसलिए ले जाया गया ताकि जिन यात्रियों को वहां ट्रेन से उतरना था, वो उतर सकें और जिन यात्रियों को उस स्टेशन से ट्रेन को बोर्ड करना था, वो बोर्ड कर सकें.
रेलवे की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, इस पूरे मामले में पैसेंजर्स द्वारा कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई है. साथ ही, ट्रेन अपने गंतव्य पर सही समय पर पहुंची गई. ट्रेन को रिवर्स दिशा में ले जाने के कारण टाइम में 8 मिनट का फर्क आया था, लेकिन लोको पायलट ने उस समय को यात्रा के दौरान कवर कर लिया और ट्रेन अपने टाइम से गंतव्य पर पहुंची.
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रेलवे की मानें तो चेरियानाड रेलवे स्टेशन पर कोई सिग्नल और स्टेशन मास्टर न होने के कारण लोको पायलट द्वारा ये गलती हुई होगी. अधिकारियों की मानें तो ये रेलवे का आंतरिक मामला है और लोको पायलट से इस पूरे मामले पर सफाई मांगी जाएगी. हालांकि, इस पूरे मामले पर रेलवे द्वारा कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है.