तीस्ता के खिलाफ चार्जफ्रेम की प्रक्रिया पूरी:नरेंद्र मोदी और गुजरात सरकार की मानहानि के मामले में 22 मई को होगी सुनवाई

अहमदाबाद2 महीने पहले

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तीस्ता सीतलवाड़ सबूत के तौर पर अन्य दस्तावेजों को स्वीकार करने की निवेदन याचिका दाखिल करने आज अहमदाबाद कोर्ट में मौजूद रहीं। - Dainik Bhaskar

तीस्ता सीतलवाड़ सबूत के तौर पर अन्य दस्तावेजों को स्वीकार करने की निवेदन याचिका दाखिल करने आज अहमदाबाद कोर्ट में मौजूद रहीं।

2002 के गुजरात दंगों से जुड़े मामलों के सिलसिले में झूठे साक्ष्य गढ़कर तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी और गुजरात सरकार को बदनाम करने के मामले में एसआईटी ने चार्जफ्रेम की प्रक्रिया पूरी कर ली है। इस मामले में अब 22 मई को पहली सुनवाई होगी। केस के दूसरे आरोपी पूर्व डीजीपी आरबी श्रीकुमार ने डिस्चार्ज की याचिका दाखिल की है।

श्रीकुमार ने अपनी याचिका में लिखा है कि इस मामले में मेरे खिलाफ कोई केस नहीं बनता है। मेरे खिलाफ पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर शिकायत दर्ज कराई गई है। इसलिए इस मेरा नाम डिस्चार्ज कर मुझे इस केस से बरी किया जाए।

पूर्व DGP श्रीकुमार ने खुद को केस डिस्चार्ज की याचिका लगाई। कहा- मेरे खिलाफ कोई केस नहीं है।

पूर्व DGP श्रीकुमार ने खुद को केस डिस्चार्ज की याचिका लगाई। कहा- मेरे खिलाफ कोई केस नहीं है।

आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है एसआईटी
बता दें, इस मामले में एसआईटी ने अहमदाबाद की सत्र अदालत में तीस्ता सीतलवाड़, सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक आर.बी. श्रीकुमार और पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट के खिलाफ पिछले साल 21 सितंबर को आरोप पत्र दाखिल किया था। कोर्ट के आदेश पर एसआईटी को अब चार्जफ्रेम की प्रक्रिया पूरी करनी थी, जो आज कर ली गई है। यानी कि अब इस मामले में अदालती कार्रवाई शुरू हो जाएगी।

जांच अधिकारी एवं सहायक पुलिस आयुक्त बी.वी. सोलंकी ने बताया कि यहां मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया। पूर्व आईपीएस अधिकारी से वकील बने राहुल शर्मा को भी इस मामले में गवाह बनाया गया है।

तीसरे आरोपी पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट हिरासत में हुई एक मौत के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं।

तीसरे आरोपी पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट हिरासत में हुई एक मौत के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं।

पूर्व IPS संजीव भट्ट उम्रकैद की सजा काट रहे हैं
बता दें, पिछले साल जून के अंतिम सप्ताह में गिरफ्तार तीस्ता सीतलवाड़ को उच्चतम न्यायालय के दो सितंबर के आदेश के बाद अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया गया था। इसके बाद गुजरात हाईकोर्ट ने आर.बी. श्रीकुमार की जमानत याचिका मंजूर कर ली थी। जबकि तीसरे आरोपी संजीव भट्ट पालनपुर की जेल में बंद हैं। यहां वे हिरासत में हुई एक मौत के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं।

नरेंद्र मोदी के खिलाफ साजिश रचने का आरोप
कोर्ट में एसआईटी ने 100 पन्नों की चार्जशीट फाइल की है। चार्जशीट में कहा गया है कि तीस्ता सीतलवाड़, पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट और आर.बी. श्रीकुमार चाहते थे कि तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मामले में जेल हो जाए। इसके लिए इन तीनों ने मिलकर झूठे साक्ष्य गढ़े थे, ताकि किसी तरह से नरेंद्र मोदी को फंसाया जा सके।

7 फरवरी, 2002 को साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन की दो बोगियों में आग लगी दी गई थी, जिसमें 59 लोगों की मौत हुई थी। इसके अगले ही दिन पूरे गुजरात में दंगे भड़क गए थे।

7 फरवरी, 2002 को साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन की दो बोगियों में आग लगी दी गई थी, जिसमें 59 लोगों की मौत हुई थी। इसके अगले ही दिन पूरे गुजरात में दंगे भड़क गए थे।

तीनों पर लगा है फर्जी कहानियां गढ़ने का आरोप
चार्जशीट में यह भी आरोप लगाए गए हैं कि तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को फंसाने के लिए अधिवक्ताओं की पूरी फौज लगा दी गई थी, ताकि किसी तरह से उनको जेल भेजने का काम किया जा सके। फर्जी दस्तावेज, काल्पनिक कहानियां गढ़ने का आरोप इन तीनों पर लगा है। चार्जशीट में कहा गया है कि डरा-धमका कर पीड़ितों के साइन कराए गए. जो लोग साथ नहीं देते को तैयार थे, उन्हें डराया धमकाया गया. पूर्व सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक आर.बी. श्रीकुमार पर एक गवाह को धमकी देने का आरोप है.

पीड़ितों को गुमराह करने का आरोप
चार्जशीट में तीस्ता सीतलवाड़ पर कांग्रेस के साथ मिलकर काम करने का आरोप लगाया गया है. उन पर आरोप है कि वह गुजरात दंगे के जो भी पीड़ित राहत शिविरों में रहते थे, उनके पास जाती थीं और उन्हें गुमराह करती थीं. तीस्ता सीतलवाड़ पीड़ितों को मामला राज्य से बाहर की कोर्ट में ले जाने के लिए कहती थीं. यही नहीं उन्होंने इस काम के लिए अपने एनजीओ की मदद से करोड़ों का फंड भी इकट्ठा किया था। फंड का काफी पैसा खुद पर खर्च किया। आरोप है कि इस काम में उनका साथ पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट और आर.बी. श्रीकुमार का भी सहयोग मिला था।

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