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- The First Abort Mission For India’s Maiden Human Spaceflight ‘Gaganyaan’ Would Be Conducted At The End Of August This Year.
अगस्त में लॉन्च होगा गगनयान प्रोजेक्ट का पहला अबॉर्ट मिशन:इसरो चीफ ने दी डिटेल; कामयाब हुए तो इतिहास रच देंगे हम
नई दिल्ली3 दिन पहले
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देश का पहला मानव अंतरिक्ष अबॉर्ट मिशन इस साल अगस्त में लॉन्च किया जाएगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख एस सोमनाथ ने यह जानकारी दी। यहां भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (पीआरएल) में एक कार्यक्रम के मौके पर मीडियाकर्मियों से बात करते हुए उन्होंने बताया कि टेस्ट रॉकेट के साथ तीन अबॉर्ट मिशनों में से पहले मिशन को इसी साल लॉन्च किया जाएगा। दरअसल गगनयान, इसरो का एक प्रोजेक्ट है, इसमें तीन मिशन होंगे।
इसका पहला मिशन मानव रहित होगा। दूसरे मिशन में एक रोबोट को भेजा जाएगा और आखिरी यानी तीसरे मिशन में अंतरिक्ष में तीन एस्ट्रोनॉट को भेजा जाएगा।
इसरो प्रमुख ने बताया की दूसरा मिशन अगले साल यानी 2024 में लॉन्च किया जाएगा। मिशन कामयाब हुआ तो इतिहास रचेगा। केंद्र सरकार ने गगनयान प्रोजेक्ट के लिए 10 हजार करोड़ रूपए का फंड जारी किया था। इस मिशन को 2022 तक पूरा होना था लेकिन कोरोना के चलते इसमें देरी होती गई। इस मिशन के तहत अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस में भेजा जाएगा।
इसमें ISRO के अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी से 400 किलोमीटर दूर अंतरिक्ष में यात्रा करेंगे। अगर हमारा यह मिशन कामयाब हुआ, तो भारत अंतरिक्ष में मानव भेजने वाले देशों में अपना नाम दर्ज कराते हुए इतिहास रच देगा।
आधुनिक क्षमता से लैस होगी गगनयान प्रोजेक्ट की स्पेस शिप
गगनयान प्रोजेक्ट के लिए बनाई गई स्पेस शिप को में तीन अंतरिक्ष यात्रियों के मुताबिक डिजाइन किया गया है। आधुनिक क्षमता से लैस इस शिप का वजन करीब 3.7 टन होगा। ये स्पेस शिप तीनों यात्रियों के साथ सात दिनों तक अंतरिक्ष का चक्कर लगाएगी। इसरो प्रमुख ने कहा कि, ‘ इस मिशन को पूरा करने के लिए हमने एक नया रॉकेट बनाया है जो श्री हरिकोटा में तैयार है। इसमें क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप सिस्टम की असेंबलिंग अभी बाकी है।
अगले साल होगी भारत के पहले मानव रहित मिशन की शुरुआत
इसरो प्रमुख सोमनाथ के मुताबिक “अगले साल की शुरुआत तक इसरो मानवरहित मिशन लॉन्च करेगा। स्पेस से इसे सुरक्षित वापस लाना हमारा मकसद है। इस प्रोजेक्ट की सबसे बड़ी चुनौती अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा है। इसके लिए इसरो ने दो प्लान तैयार किए हैं। पहला प्लान क्रू एस्केप सिस्टम है, इसमें रॉकेट में कोई भी इमरजेंसी होने तो तुरंत ही ये सिस्टम एक्टिव हो जाएगा। वहीं दूसरा प्लान हेल्थ मैनेजमेंट सिस्टम से जुड़ा है।
मिशन में अंतरिक्षयात्रियों को ट्यूब से निगलना होगा खाना
गगनयान प्रोजेक्ट के इस मिशन में स्पेस की यात्रा करने वाले अंतरिक्ष यात्रियों को यात्रियों के लिए खाने का मैन्यू भी पिछले दिनों सामने आया था। इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने बताया था कि पहले अभियान के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों को सिर्फ पैलेटाइज्ड खाना मिलेगा, जिसे ट्यूब से निगलना होगा। इस अभियान में इसरो उन देशों की भी मदद लेगा, जो अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेज चुके हैं।
अब तक 3 देशों ने मानव को अंतरिक्ष में भेजा है
गगनयान मिशन की कामयाबी के साथ ही भारत अपनी जमीन से अंतरिक्ष में मानव भेजने वाला चौथा देश बन जाएगा। इससे पहले रूस, अमेरिका और चीन ऐसा कर चुके हैं। इसरो गगनयान के साथ ही आदित्य एल-1 और चंद्रयान 3 की तैयारी में जुटा है।