राजस्थान कांग्रेस के चार घंटे की 'हम साथ-साथ हैं' फिल्म का The End अभी बाकी!

‘काल करे सो आज कर, आज करे से अब,पल में प्रलय होएगी,बहुरि करेगा कब’, कबीर के ये दोहे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को राजस्थान कांग्रेस की मीटिंग में सुनाए. गुरुवार को हुई 4 घंटे की बैठक में मल्लिकार्जुन खड़गे राष्ट्रीय अध्यक्ष की हैसियत से सख्त अंदाज में नजर आ रहे थे तो  पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष दृढृ सलाहकार के रंग में नजर आए. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के योजनाओं की खूब प्रशंसा भी हुई और कमियां भी गिनाई गई. 

मानी गईं सचिन पायलट की मांगे

बैठक में सभी वक्ताओं ने अपनी दिल की बात कही. बैठक में ज्यादातर उन मंत्रियों और विधायकों को बुलाया गया था जो दोनों तरफ से बयानबाजी नहीं करते हैं. बैठक के बाद संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सचिन पायलट के लिए संभावनाओं की गली छोड़ते हुए कहा कि कांग्रेस किसी को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं करेगी जो कि छत्तीसगढ़ की मीटिंग के बाद नहीं कहा गया था और कहा गया था कि भूपेश बघेल ही चेहरा होंगे. सचिन पायलट के राजस्थान प्रदेश कांग्रेस (आरपीएससी) के पुनर्गठन की मांग भी मान ली गई है और वसुंधरा राजे सरकार के दौरान हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने की भी बात मान ली गई. इसलिए माना जा रहा है कि कांग्रेस अब सचिन पायलट को जो भी पद देगी, वो मान जाएंगे.

खड़गे की नसीहत

राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की योजनाओं की तारीफ की और कहा कि आपके दो पेज योजनाओं के मेरे पास पहुंच गए हैं मगर दो पेज शिकायतों के भी हैं. एससी, एसटी पर अत्याचार के मामले में गंभीरता बरतने की जरूरत है. राहुल गांधी ने भी योजनाओं की तारीफ की मगर कहा कि सब को एकजुट रहने की जरूरत है. खड़गे ने गहलोत-पायलट दोनों को नसीहत देते हुए कहा कि अबतक जो हो गया वो भूल जाओ आगे से मिलकर काम करो. 

खड़गे ने कर्नाटक माडल की चर्चा करते हुए कहा कि हम कर्नाटक की तर्ज पर चुनाव लड़ेंगे. टिकट के लिए सर्वे हो रहा है, जिनका नाम सर्वे में आएगा उन्हें हीं टिकट दिया जाएगा. यहां मौजूद लोगों के भी नाम नहीं आए तो टिकट कट सकते हैं. इसके लिए दो महीने पहले सितंबर में टिकटों की घोषणा हो जाएगी. कर्नाटक मॉडल के खड़गे के जिक्र के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि मुख्यमंत्री सिद्दरमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के तर्ज पर पायलट-गहलोत साथ चलेंगे.

राहुल बोले- पार्टी का भी हो प्रचार

राहुल गांधी ने कहा कि राजस्थान में बाबुओं का राज चल रहा है जबकि राज कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का होना चाहिए. राहुल गांधी ने सचिन पायलट की बगावत और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के 25 सितंबर की बगावत का जिक्र किए बिना कहा कि जो पार्टी के प्रति लॉयल रहेगा उसका ख्याल पार्टी हमेशा रखती है. राहुल गांधी ने राजस्थान सरकार के कामों के प्रचार से कांग्रेस के दूर रखने की बात का जिक्र किए  बिना कहा कि सरकार के साथ पार्टी का भी प्रचार होनी चाहिए. इसलिए प्रेस कांफ्रेस में केसी वेणुगोपाल ने कहा कि सरकार के कामकाज के साथ-साथ पार्टी भी अपना प्रचार शुरू करेगी. राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी को हराया जा सकता है और राजस्थान में हम एकजुट रहें तो जुनाव जीत सकते हैं.

मंत्री बोले- अति आत्मविश्वास ठीक नहीं

इस बैठक में शामिल तीन मंत्रियों-विधायकों ने कहा कि हम बीजेपी से जीतने का बात तो कह रहे हैं कि लेकिन गहलोत-पायलट का झगड़ा तो खत्म कराओ. हम इतना अच्छा काम कर रहे हैं लेकिन बीजेपी वाले हमारे झगड़े पर मजा ले जाते हैं. खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचारियावास ने कहा कि एक ही आदमी के पास सारी पावर है. पावर का विकेंद्रीकरण होना चाहिए. तीन महीने बचे हैं पावर शेयरिंग का फार्मूला निकलना चाहिए. रघु शर्मा जैसे नेताओं ने कहा कि अति आत्मविश्वास ठीक नही है हमें इतिहास से सबक लेना चाहिए.

पायलट ने कही अहम बात

सचिन पायलट के भाषण पर खुशी जाहिर करते हुए केसी वेणुगोपाल ने कहा कि सचिन पायलट ने अच्छा बोला. पायलट ने कहा कि सरकार अच्छा काम कर रही है मगर हम सबको एकजुट होकर चुनाव में जाना होगा. हम हर बार अच्छा काम करते हैं मगर एक बार कांग्रेस तो एक बार बीजेपी की सरकार आती है ये परंपरा टूटनी चाहिए. पायलट ने कहा कि मेरा कोई गुट नही है. मेरे नेता राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी है.

माना जा रहा है कि इस मीटिंग से कांग्रेस ने सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दोनों को संदेश दे दिया है कि कांग्रेस पार्टी किसी एक नेता की नही है. पायलट को लेकर जल्दी हीं कोई घोषणा हो सकती है. ज्यादा संभावना जताई जा रही है कि कांग्रेस उन्हें महासचिव बनाए और कैंपेन कमेटी के चेयरमैन बनें. ताकि टिकट वितरण में स्क्रिनिंग कमेटी में रहकर अपने लोगों को टिकट दिलवा सकें.बैठक के बाद सभी नेताओं ने पार्टी को लेकर सभी प्रकार के निर्णय को लेकर आखिरी फैसला कांग्रेस आलाकमान पर छोड़ा.

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