तमिलनाडु गर्वनर 5 घंटे में मंत्री की बर्खास्तगी पर पलटे:जेल में बंद सेंथिल बालाजी को हटाया था, अब अटॉर्नी जनरल से लेंगे सलाह
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चेन्नई3 दिन पहले

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यह तस्वीर 14 जून की है। ED की गिरफ्तारी के बाद सेंथिल बालाजी ने सीने में दर्द की शिकायत की थी और रोने लगे थे। - Dainik Bhaskar

यह तस्वीर 14 जून की है। ED की गिरफ्तारी के बाद सेंथिल बालाजी ने सीने में दर्द की शिकायत की थी और रोने लगे थे।

तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने गुरुवार शाम 7 बजे कैश फॉर जॉब स्कैम के आरोप में जेल में बंद मंत्री सेंथिल बालाजी को बर्खास्त कर दिया था। मगर पांच घंटे बाद उन्होंने फैसला वापस ले लिया।

गर्वनर ने बालाजी को तत्काल प्रभाव से मंत्रिपरिषद से बर्खास्त करने का आदेश जारी किया था। अब वह अटार्नी जनरल की सलाह के बाद अंतिम फैसला लेंगे।

मीडिया रिपोटर्स के मुताबिक, गर्वनर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से सलाह लेने के बाद अपना फैसला वापस लिया। उधर CM एमके स्टालिन ने इस फैसले को गलत बताया था और इसे कोर्ट में चुनौती देने की बात कही थी।

तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने शुक्रवार को बालाजी को मंत्री पद से बर्खास्त करने के मुद्दे पर राज्यपाल आरएन रवि को पत्र लिखा। स्टालिन ने कहा- मैं फिर से कहता हूं कि आपके पास मेरे मंत्रियों को बर्खास्त करने की कोई शक्ति नहीं है। यह अधिकार निर्वाचित मुख्यमंत्री का है।

चेन्नई में DMK हेडक्वार्टर के बाहर पोस्टर लगाए गए हैं। इनमें मोदी कैबिनेट में शामिल उन मंत्रियों पर निशाना साधा गया है, जिन पर केस चल रहे हैं।

चेन्नई में DMK हेडक्वार्टर के बाहर पोस्टर लगाए गए हैं। इनमें मोदी कैबिनेट में शामिल उन मंत्रियों पर निशाना साधा गया है, जिन पर केस चल रहे हैं।

सेंथिल फिलहाल मंत्री बने रहेंगे
देर रात गवर्नर हाउस के सूत्रों ने बताया कि गवर्नर ने इस मुद्दे पर अटॉर्नी जनरल से बात की और अपने फैसले को रोक दिया। बालाजी अब मंत्री बने रहेंगे।

सेंथिल पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। 14 जून को ED ने उन्हें गिरफ्तार किया था। बाद में कोर्ट ने बालाजी को 12 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। कहा जा रहा है राज्यपाल ने सेंथिल को बर्खास्त करने के लिए CM एमके स्टालिन से भी राय-मशविरा नहीं किया था।

गर्वनर के फैसले के बाद CM स्टालिन ने कहा- यह गैर कानूनी है, हम कोर्ट जाएंगे।

गर्वनर के फैसले के बाद CM स्टालिन ने कहा- यह गैर कानूनी है, हम कोर्ट जाएंगे।

CM एमके स्टालिन ने कहा कि, राज्यपाल को किसी मौजूदा मंत्री को बर्खास्त करने का अधिकार नहीं है। हम कानूनी लड़ाई लड़ेंगे।

DMK नेता बोले- राज्यपाल कौन होते हैं, क्या उनके पास संवैधानिक अधिकार है?
DMK नेता सरवनन अन्नादुरई ने चेन्नई में कहा कि सेंथिल बालाजी को बर्खास्त करने वाले राज्यपाल कौन होते हैं, क्या उनके पास संवैधानिक अधिकार है? वह सनातन धर्म के अनुसार कार्य कर रहे हैं, लेकिन सनातन धर्म हमारे देश का कानून नहीं है।

हमारा संविधान हमारी बाइबिल, गीता, कुरान है। हम उनसे अनुरोध करते हैं कि वे संविधान को ठीक से पढ़ें। उनके पास अधिकार नहीं है, वह अपने आकाओं को खुश करने के लिए इस तरीके से काम कर रहे हैं।

अभी जेल में बंद हैं सेंथिल

साल 2011-16 के दौरान AIADMK शासन में बालाजी ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर थे। उन पर नौकरियों के बदले पैसा लेने का आरोप लगा है।

साल 2011-16 के दौरान AIADMK शासन में बालाजी ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर थे। उन पर नौकरियों के बदले पैसा लेने का आरोप लगा है।

राजभवन से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि मंत्री वी सेंथिल बालाजी पर नौकरियों के लिए पैसा लेने और मनी लॉन्ड्रिंग सहित भ्रष्टाचार के कई गंभीर मामलों में क्रिमिनल केस चल रहे हैं।

एक मंत्री के रूप में अपने पद का दुरुपयोग करते हुए वह जांच को प्रभावित कर रहे हैं और कानून की राह में बाधा डाल रहे हैं। सेंथिल अभी न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं। उनके खिलाफ एंटी करप्शन एक्ट और IPC के तहत कुछ अन्य क्रिमिनल केसेज में पुलिस जांच चल रही है।

ऐसी उचित आशंकाएं हैं कि मंत्रिपरिषद में वी सेंथिल बालाजी के बने रहने से निष्पक्ष जांच सहित कानून की प्रक्रिया पर असर पड़ेगा। इससे राज्य में संवैधानिक तंत्र टूट सकता है। इन परिस्थितियों में, राज्यपाल ने सेंथिल बालाजी को तत्काल प्रभाव से मंत्रिपरिषद से बर्खास्त कर दिया है।

कैश फॉर जॉब्स केस में हुई बालाजी की गिरफ्तारी

यह 14 जून की सुबह की तस्वीर है, जब ED ने मंत्री सेंथिल को हिरासत में लिया था।

यह 14 जून की सुबह की तस्वीर है, जब ED ने मंत्री सेंथिल को हिरासत में लिया था।

यह मामला राज्य के परिवहन विभाग में नौकरी के बदले पैसे देने से जुड़ा है। साल 2011-16 के दौरान AIADMK शासन में बालाजी ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर थे। इस स्कैम के सामने आने के बाद पुलिस ने छानबीन शुरू की। बालाजी और 46 अन्य लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई। इसमें मंत्री के साथ परिवहन निगमों के कई सीनियर अधिकारी नामजद थे।

मामला बाद में ED के पास पहुंचा। ED ने बालाजी को समन भेजा। मगर मंत्री ने इसके खिलाफ कोर्ट का रुख किया। मगर सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी। पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस और ED को उनके खिलाफ जांच करने की अनुमति दी थी। पढ़ें पूरी खबर…

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