'न टायर्ड हूं, न रिटायर्ड…', वाजपेयी की लाइन लेकर बोले सबसे बड़ा सियासी संकट झेल रहे शरद पवार

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के मुखिया शरद पवार ने आज तक के साथ हुई बातचीत में माना कि उनकी 2014 और 2019 के चुनावों में बीजेपी के साथ बातचीत हुई थी लेकिन विचारधारा अलग होने से बातचीत आगे नहीं बढ़ी. अपने भतीजे अजित पवार की बगावत पर प्रतिक्रिया देते हुए पवार ने कहा कि वह 82 साल की उम्र में भी काम कर सकते हैं. शरद पवार की यह टिप्पणी अजित पवार के उस बयान के कुछ दिन बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि अब समय आ गया है कि उनके चाचा रिटायरमेंट ले लें और राकांपा की कमान उन्हें सौंप दें.

‘आज तक’ से बात करते हुए, शरद पवार ने जोर देकर कहा कि वह ‘अभी बूढ़े नहीं हुए हैं’ और पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के शब्दों को दोहराते हुए उन्होंने कहा, ‘ना टायर्ड हूं, न रिटायर्ड हूं.’ राकांपा मुखिया  ने कहा कि वह पार्टी के लिए काम कर रहे हैं और उनके पास कोई मंत्री पद नहीं है. उन्होंने कहा, ‘मुझे रिटायर होने के लिए कहने वाले वे कौन होते हैं? मैं अभी भी काम कर सकता हूं.’

बीजेपी के इशारे पर हो रहे हैं मुझ पर हमले

शरद पवार ने कहा, ‘यदि पार्टी के अध्यक्ष के रूप में मेरी नियुक्ति अवैध है, तो प्रफुल्ल पटेल और अन्य की तरह की गई सभी नियुक्तियाँ भी अवैध हैं. वह प्रफुल्ल पटेल ही थे जिन्होंने अध्यक्ष पद के लिए मेरा नाम प्रस्तावित किया और मुझे दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में सर्वसम्मति से चुना गया.अजित और अन्य (भुजबल और प्रफुल्ल) द्वारा मुझ पर व्यक्तिगत हमले भाजपा के इशारे पर किए जा रहे हैं.’

अजित पर निशाना

अजित पवार को निशाने पर लेते हुए पवार ने कहा, ‘अजीत को 4 बार उप मुख्यमंत्री बनाया गया, उन्हें मंत्रालय दिए गए, चुनाव हारने के बावजूद प्रफुल्ल पटेल को यूपीए में मंत्री बनाया गया. पी ए संगमा की बेटी जैसे अन्य लोगों को मंत्री बनाया गया लेकिन सुप्रिया को नहीं. क्या ये वंशवाद है? फिर क्या अजीत यह कह रहे हैं यह गलत है.’

पवार ने कहा, ‘अजित का यह कहना गलत है कि अगर हम सेना के साथ जा सकते हैं तो बीजेपी के साथ क्यों नहीं. शिवसेना और बीजेपी में फर्क है.आपातकाल के दौरान और बाद में सेना ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था. हम बीजेपी के खिलाफ हैं यह महत्वपूर्ण है. हिंदुत्ववाद कुछ नहीं है, यह सिर्फ लोगों को गलत रास्ते पर ले जाना है.’

रिटायरमेंट की सलाह पर कही ये बात

अजित पवार के रिटायरमेंट की सलाह पर पवार ने कहा, ‘वे कौन होते हैं मुझे रिटायर होने के लिए कहने वाले. मैंने इन सभी लोगों को प्रस्ताव दिया और कार्यकर्ताओं ने मुझसे काम करते रहने का अनुरोध किया. मैं अब भी काम कर सकता हूं, मैं किसी मंत्री पद पर नहीं हूं, अगर कर सकता हूं तो काम करने में क्या बुराई है. मैं काम कर रहा हूं पार्टी के लिए.ये सरकार बीजेपी चलाएगी. बाकी लोग दिल्ली के आदेशों का पालन करेंगे. यह मत कहो कि मैं बूढ़ा हो गया हूँ. ना टायर्ड हूं, ना रिटायर्ड हूं.’

पवार ने खुलासा करते हुए बताया कि हमने 2014, 17 और 19 में भाजपा के साथ चर्चा की थी लेकिन मैंने तय किया था कि हमें ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि हम विचारधारा पर सहमत नहीं हैं. इसलिए हमने चर्चा करने में कुछ भी गलत नहीं किया क्योंकि यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया है. महत्वपूर्ण बात यह है कि मैं कभी भी भाजपा के साथ नहीं गया.

जमीन पर करूंगा काम

पवार ने कहा कि परिवार में जो हुआ उसकी चर्चा मैं बाहर नहीं करूंगा. बेशक मुझे बुरा लगा कि ये सब मेरे करीब थे लेकिन मैंने पहले भी ऐसी घटनाओं का सामना किया है. मैं पार्टी को फिर से खड़ा करूंगा.उन्होंने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि चुनाव आयोग में क्या होगा, यह होता रहेगा. मैं जमीन पर काम करूंगा.

विपक्ष का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘हमारी कोशिश विपक्षी एकता की है, इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि आप चुनाव जीतेंगे लेकिन विचारधारा के मुद्दे पर आपको एक साथ आना चाहिए. प्रफुल्ल में यह समझने की गंभीरता नहीं है कि वह हंस सकता है.हम बेंगलुरु में मिलेंगे.’ पवार ने कहा कि चलिए महाराष्ट्र में स्थिर सरकार तो है,लेकिन यह सरकार दिल्ली से बीजेपी द्वारा चलाई जाएगी और बाकी लोगों को केवल मंत्री पद मिलेगा.

भुजबल की प्रतिक्रिया

शरद पवार के इंटरव्यू पर अजित पवार गुट के नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री छगन भुजबल ने प्रतिक्रिया दी है. भुजबल ने कहा,  अगर वह कहते हैं कि वह थके हुए या रिटायर नहीं हुए हैं तो अच्छा है, हम भी उनसे ऊर्जा लेंगे. भुजबल ने कहा, ‘एमवीए के दौरान भी अजित पवार दिल्ली गये थे. हम वही करेंगे जो हमें सही लगेगा.अगर अजित को महाराष्ट्र का प्रभार दिया गया तो क्या होगा – वह पहले ही भाषण में कह चुके हैं कि 2017, 19 आदि में क्या हुआ, इसलिए किसी को सहन करना चाहिए.’

विधानसभा सीटों के लक्ष्य पर पर भुजबल ने कहा कि हम सभी बैठ कर निर्णय लेंगे और हम किसी भी समय चुनाव में जाने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि लोकसभा में दहाई का आंकड़ा पार करने का लक्ष्य  है और निश्चित रूप से इस बार हम इसे पार कर लेंगे.

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