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कोलकाता2 दिन पहले
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कलकत्ता हाईकोर्ट ने 21 जून को पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग को राज्य में 24 घंटे के भीतर सेंट्रल फोर्स के 82 हजार जवान तैनात करने का आदेश दिया था।
पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग ने पंचायत चुनाव के लिए केंद्र से सेंट्रल फोर्सेज की 822 कंपनियां मांगी हैं। स्टेट इलेक्शन कमीशन (SEC) ने शुक्रवार को कलकत्ता हाईकोर्ट को यह जानकारी दी। आयोग ने बताया कि उन्होंने 485 कंपनियां अभी मांगी हैं, वहीं 337 कंपनियों की मांग पहले ही कर दी थी।
दरअसल, हाईकोर्ट में आयोग के खिलाफ अवमानना की याचिका लगाई गई थी। याचिका में आरोप था कि SEC ने जानबूझकर हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया।
इस पर हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने आयोग से एफिडेविट दाखिल कर बताने को कहा कि क्या उन्होंने पंचायत चुनाव से जुड़े हाईकोर्ट के आदेश का पालन किया है। यह भी बताने को कहा कि क्या आयोग ने कोर्ट के आदेश का पालन न करने की कोशिश की है।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने 21 जून को पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग को राज्य में 24 घंटे के भीतर सेंट्रल फोर्स के 82 हजार जवान तैनात करने का आदेश दिया था।

वीडियो 14 जून को साउथ परगना जिले में हुई हिंसा की है। पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को पंचायत चुनाव की वोटिंग होनी है। राज्य में चुनाव से पहले कई जगह हिंसा हुई है। इसे रोकने के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट ने सेंट्रल फोर्स की तैनाती का आदेश दिया था।
चुनाव आयोग ने की अवमानना की कार्रवाई बंद करने की मांग
राज्य चुनाव आयोग के वकील ने कोर्ट में कहा कि कमीशन ने कुल 822 कंपनियों के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश में पालन में जानबूझकर कोई देरी नहीं की गई है, इसलिए आयोग के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई बंद कर देनी चाहिए।
कोर्ट ने कहा कि वे 27 जून तक एफिडेविट दाखिल कर दें, जिसके बाद 28 जून को मामले में अगली सुनवाई होगी।
नॉमिनेशन के दौरान कागजों में छेड़छाड़ की CBI जांच होगी
कोर्ट ने 21 जून को पंचायत चुनाव के नॉमिनेशन के दौरान कागजों में छेड़छाड़ की शिकायत पर CBI जांच का भी आदेश दिया। दो कैंडिडेट ने चुनाव रिटर्निंग ऑफिसर पर डॉक्यूमेंट में बदलाव करने का आरोप लगाया था।
दोनों कैंडिडेट हावड़ा जिले के उलुबेरिया-1 ब्लॉक के हैं। उनका कहना है, वे ओबीसी-ए कैटेगरी के हैं। उनके पास सर्टिफिकेट भी है, लेकिन पंचायत चुनाव अधिकारी के दस्तावेजों में SC-W लिखा है और फाइल को अटका दिया गया है।
जस्टिस अमृता सिन्हा ने CBI को 5 जुलाई तक आरोप की जांच करने और 7 जुलाई को अदालत के सामने एक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया, तब मामले की फिर से सुनवाई होगी।
अब पढ़िए बंगाल पंचायत चुनाव में सेंट्रल फोर्स की तैनाती क्यों करनी पड़ी…
बंगाल हिंसा की तस्वीरें…

17 जून को नॉमिनेशन पेपर स्क्रूटनी के दौरान TMC-BJP में झड़प हुई। केंद्रीय मंत्री निशीथ प्रमाणिक के काफिले पर भी हमला हुआ था।

तस्वीर साउथ 24 परगना जिले के कैनिन की है। यहां BDO ऑफिस के बाहर TMC के दो गुटों में मारपीट हुई। बमों से 100 से ज्यादा हमले किए गए।

मुर्शिदाबाद में कांग्रेस कार्यकर्ता की हत्या के एक दिन बाद 10 जून को TMC के एक नेता को गिरफ्तार किया गया था। उसके पास से पिस्टल बरामद की गई।
कब-कब हुई हिंसा…
18 जून : पंचायत चुनाव को लेकर को कूच बिहार के साहेबगंज में भाजपा कैंडिडेट विशाखा दास किस्मत के रिश्तेदार शंभूदास की हत्या कर दी गई थी। भाजपा ने इस हत्या के लिए TMC को जिम्मेदार बताया था।
17 जून : साहेबगंज में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निशीथ प्रमाणिक के काफिले पर भी हमला हुआ था। प्रमाणिक साहेबगंज स्थित ब्लॉक ऑफिस जा रहे थे। यहां कैंडिडेट्स की स्क्रूटनी का काम चल रहा था।
17 जून : मालदा जिले के कलियाचक में TMC नेता की हत्या का मामला सामने आया था। मुस्तफा शेख की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। TMC ने शेख की हत्या का आरोप भाजपा समर्थकों पर लगाया था।
14 जून : साउथ 24 परगना जिले के कैनिंग में कैंडिडेट्स के नॉमिनेशन के दौरान सत्ताधारी TMC के दो गुटों में हिंसक झड़प हो गई थी। दोनों गुटों ने एक-दूसरे पर बम से हमला कर दिया था।
13 जून : इंडियन सेक्युलर फ्रंट (ISF) और तृणमूल कांग्रेस के समर्थक आमने-सामने आ गए थे। साउथ 24 परगना जिले के भांगर से ISF के विधायक नवसाद सिद्दीकी ने कहा कि जब हमारी पार्टी के कार्यकर्ता नामांकन दाखिल करने गए, तो उन्हें TMC के गुंडों ने पीटा।
CM ममता का शांतिपूर्वक नॉमिनेशन का दावा, गर्वनर बोले- हिंसा तो हुई है

पंचायत चुनाव में समस्याओं को लेकर कॉल सेंटर बनाया गया है जिसमें रोजाना 100 से ज्यादा शिकायतें आती हैं।
पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी ने 16 जून को कहा था कि पंचायत चुनाव नॉमिनेशन शांतिपूर्वक हुआ। मगर दो दिन पहले हिंसाग्रस्त इलाकों का दौरा करके लौटे गवर्नर सीवी आनंद बोस ने सोमवार को कहा- मैं CM के बयान पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता।
उनकी धारणा अलग हो सकती है। वह जनता द्वारा चुनी गई नेता हैं। मगर यह सच है कि कुछ इलाकों में हिंसा और झड़प हुई है। मैं वहां गया था, मैनें लोगों से बात की।
उधर गर्वनर के OSD संदीप कुमार सिंह ने बताया कि पंचायत चुनाव में समस्याओं को लेकर कॉल सेंटर बनाया गया है जिसमें रोजाना 100 से ज्यादा शिकायतें आती हैं।
8 जुलाई को पंचायत चुनाव के लिए मतदान, 11 जुलाई को रिजल्ट
