आगरा में जगन्‍नाथ रथयात्रा में भगदड़:महिलाओं-बच्चों समेत 25 लोग रथ के नीचे दबे, चीख-पुकार मची; रस्सी खींचने के दौरान हुआ हादसा

आगरा में जगन्‍नाथ रथयात्रा में भगदड़:महिलाओं-बच्चों समेत कई लोग नीचे दबे, चीख-पुकार मची; रस्सी खींचने के दौरान हुआ हादसा

आगरा से बड़ी खबर है। यहां जगन्नाथ रथयात्रा के दौरान अचानक रथ के आगे बढ़ने से भगदड़ की स्थिति बन गई। महिलाओं और बच्चों समेत करीब 25 लोग दब गए। चीख-पुकार मच गई। बड़ी मुश्किल से सभी को बाहर निकाला गया। कुछ लोगों को हल्की चोटें आई हैं।

मंगलवार को बल्केश्वर महादेव मंदिर से जगन्नाथ रथ यात्रा निकाली जा रही है। रथ यात्रा में शामिल होने के लिए महादेव मंदिर पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं। मंदिर के मुख्य गेट पर रथ खड़ा था। रथ के बिल्कुल पास एक छोटा मंच बना था। जिस पर ढोल ताशे बज रहे थे।

सैकड़ों भक्त रथ को खींचने के लिए रस्सा हाथ में लेकर खड़े थे। अचानक रस्सा खींचने से रथ आगे बढ़ गया, जिससे रथ और मंच के बीच में खड़ी महिलाएं, बच्चे और अन्य लोग नीचे दब गए। चीख-पुकार मच गई। वहां मौजूद लोग रथ को रोकने के लिए दौड़े।

रथ को पीछे की ओर धकेला। तब जाकर नीचे दबे लोगों को बाहर निकला जा सका। रेस्क्यू की गई महिला श्रद्धालु ने कहा कि वो नीचे आ गई थीं। वो तो अंतिम समय पर रथ रुक गया, नहीं तो गंभीर चोट आती।

भीड़ अधिक होने से रथ के नीचे दबे लोगों को बाहर निकालने में काफी दिक्कत हुई।

भीड़ अधिक होने से रथ के नीचे दबे लोगों को बाहर निकालने में काफी दिक्कत हुई।

लोगों ने मिलकर रथ को उठाया, तब जाकर नीचे दबी महिलाएं रेंगकर बाहर निकलीं।

लोगों ने मिलकर रथ को उठाया, तब जाकर नीचे दबी महिलाएं रेंगकर बाहर निकलीं।

रथ को पीछे धकेल कर लोगों को बमुश्किल बाहर निकाला गया।

रथ को पीछे धकेल कर लोगों को बमुश्किल बाहर निकाला गया।

गनीमत रही नहीं हुआ बड़ा हादसा
लोगों के दबने से वहां मौजूद कार्यकर्ताओं के हाथ पांव फूल गए। गनीमत रही कि समय रहते रथ को और आगे बढ़ने से रोक लिया गया। नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था। यात्रा में हजारों श्रद्धालु शामिल हैं।

दोपहर 2 बजे ही जुट गई थी भीड़
रथ यात्रा में शामिल होने के लिए दोपहर 2 बजे से भक्तों की भीड़ जुट गई थी। शाम 4 बजे तक बल्केश्वर महादेव मंदिर रोड पूरी तरह से भक्तों से भर गया था। भक्त ढोल नगाड़ों की थाप पर झूम रहे थे। महादेव मंदिर से रथ यात्रा शुरू होकर बल्केश्वर चौराहा, चांदनी चौक, सिटी मॉल, न्यू आदर्श नगर, पानी की टंकी, महाराजा अग्रसेन मार्ग होते हुए श्री जगन्नाथ मंदिर परिसर पर पहुंचेगा। वहीं, मामले को लेकर एसीपी मयंक तिवारी का कहना है कि यात्रा के दौरान किसी तरह की कोई घटना नहीं हुई है। वहां से भीड़ को हटाया जा रहा था। इसमें कोई घायल नहीं हुआ है।

भक्ति में झूमते-गाते निकले भक्त
रथयात्रा में शुरुआत में हुई अफरा-तफरी के बाद स्थिति सामान्य रही। सभी भक्त ढोल-ताशे और मृदंग पर नाचते-गाते चल रहे थे। जगह-जगह पुष्प वर्षा की गई। श्रीहरि के कीर्तन पर झूमते गाते पैदल-पैदल बल्केश्वर और कमला क्षेत्र का रास्ता कैसा कटा इसका एहसास ही नहीं हुआ।

रशिया, यूक्रेन, अमेरिका सहित विभिन्न देशों के श्रद्धालु रथयात्रा में हिस्सा लेने पहुंचे। रथयात्रा के उत्सव में महिलाएं गोपी ड्रेस में तो पुरुष ग्वाला ड्रेस में सज संवर कर पहुंचे। कुछ भक्तजन को अपने घर के लड्डू गोपाल जी को बी सजा धजा कर रथयात्रा में लेकर आए। रथयात्रा का मंदिर पर समापन हुआ।

  • अब काशी की रथयात्रा के बारे में पढ़िए…

20 फीट ऊंचे रथ पर सवार होकर निकले जगन्नाथ:साथ में हैं बलभद्र और सुभद्रा, भक्तों ने केशरिया पेड़ा-राजभोग का लगाया भोग

काशी में लक्खा मेले की शुरुआत हो चुकी है। हर ओर रथयात्रा मेले की धूम है। परंपरा के तौर पर काशीराज परिवार के कुंवर अनंत नारायण सिंह ने भगवान जगन्नाथ जी की पूजा अर्चना के बाद रथ को दो पग खींचा। इसी के साथ राजातालाब में भी रथयात्रा का मेला शुरू हो गया।

14 पहियों वाले 20 फीट चौड़े और 18 फीट लंबे सुसज्जित रथ पर भगवान सवार हैं। रथ का शिखर 20 फीट ऊंचा है। जिसका भव्य श्रृंगार किया गया। भगवान जगन्नाथ, बड़े भाई बलदाऊ और बहन सुभद्रा को आज परंपरा के तौर परवल की मिठाई, केशरिया पेड़ा, राजभोग, आम, नानखटाई का भोग लगाया। आज से शुरू होने वाला लक्खा मेला 3 दिन तक चलेगा। यहां पूर्वांचल और बिहार के करीब 4 लाख श्रद्धालु पहुंचे हैं। यह मेला 221 साल से लगातार जारी है।

काशीराज परिवार के अनंत नारायण सिंह ने पारंपरिक तौर पर राजातालाब में रथयात्रा मेले की शुरुआत की।

काशीराज परिवार के अनंत नारायण सिंह ने पारंपरिक तौर पर राजातालाब में रथयात्रा मेले की शुरुआत की।

दोपहर को रथयात्रा निकलने पर श्रद्धालु दर्शन पूजन के लिए पहुंच रहे हैं।

दोपहर को रथयात्रा निकलने पर श्रद्धालु दर्शन पूजन के लिए पहुंच रहे हैं।

रथयात्रा में शामिल भक्त भक्त दीपक जलाकर पूजा-पाठ कर रहे हैं।

रथयात्रा में शामिल भक्त भक्त दीपक जलाकर पूजा-पाठ कर रहे हैं।

सोमवार की आधी रात परंपरागत तरीके से बेनी के बगीचे में भगवान जगन्नाथ, भाई बलदाऊ और बहन सुभद्रा की मंगला आरती की गई। इसके बाद उनकी प्रतिमा को रथ पर विराजमान किया गया। यहां से रथ यात्रा मेले की आधिकारिक शुरुआत हो गई।

रविवार को खुले थे भगवान जगन्नाथ के पट
इससे पहले अस्सी घाट स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर के पट रविवार को ही खुल गए थे। ट्रस्ट जगन्नाथजी के सचिव आलोक शापुरी ने बताया, ”15 दिन की बीमारी और बेड रेस्ट के बाद भगवान फिर से भक्तों को दर्शन दिए। रविवार 18 जून को अस्सी स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर में विराजमान प्रभु जगन्नाथ, बड़े भाई बलदाऊ और बहन सुभद्रा का भव्य श्रृंगार किया गया था।” पूरी खबर यहां पढ़ें

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