उत्तर प्रदेश में इन दिनों समाजवादी पार्टी बागी तेवर वाले नेताओं पर सख्त रवैया अपना रही है. पार्टी ने बगावत करने वाले समाजवादी लोहिया वाहिनी के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप तिवारी समेत तीन नेताओं को सपा से निष्कासित कर दिया है. इन नेताओं ने सपा नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए थे. साथ ही साथ अगले महीने अपने नए मोर्चे के गठन का ऐलान भी किया था.
समाजवादी पार्टी की ओर से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल की ओर से एक पत्र जारी कर कहा गया है कि प्रदीप तिवारी के साथ ही सपा योजन सभा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बृजेश यादव और सपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ चुके पीढ़ी तिवारी को पार्टी से निष्कासित किया जाता है. पत्र में यह भी साफ किया गया है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने और अनुशासनहीनता के आरोप में कार्रवाई की गई है.
लोहिया वाहिनी के अध्यक्ष पद से हटाया
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बता दें, प्रदीप तिवारी ने हाल ही में कहा था कि सपा सिर्फ पिछड़े दलित और अल्पसंख्यक यानी पीडीए की बात कर रही है. ऐसे में सामान्य लोगों की कोई पूछ नहीं है. उन्हें लोहिया वाहिनी के अध्यक्ष पद से हटाया गया. उन्होंने सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के लगातार आ रहे हिंदू धर्म से जुड़े अनर्गल बयानों की बात का भी जिक्र किया था.
अखिलेश को गलत फीडबैक देने का आरोप
प्रदीप तिवारी, जिन्हें सपा ने 2017 में देवरिया सीट से चुनाव लड़वाया था. उन्होंने सपा के कुछ नेताओं पर अखिलेश को गलत फीडबैक देने का आरोप लगाया है. वहीं, युवजन सभा के प्रदेश अध्यक्ष रहे ब्रजेश यादव का आरोप था कि सपा ने जिस नेता की लोकप्रियता बढ़ती है, उसे दबा दिया जाता है.
इस बयानबाजी के बाद ही तीनों नेताओं ने सितंबर में नया मोर्चा खोलने की बात कही थी. इसके बाद पार्टी ने इस तिकड़ी को बाहर का रास्ता दिखा दिया है. वहीं, सपा नेताओं का कहना है कि इन तीनों ने ही बीजेपी में जाने का मन बना लिया था, इसलिए इस तरह की बयानबाजी काफी समय से की जा रही थी.