नई दिल्लीएक महीने पहले
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि आर्टिकल 370 शुरू से ही अस्थायी प्रावधान था। संविधान के निर्माताओं ने इसे बहुत ही समझदारी से संविधान में रखा था। 2019 में भाजपा सरकार ने इसे खत्म कर दिया था क्योंकि पूरा देश चाहता है कि संविधान का यह प्रावधान अस्तित्व में ही न रहे। जब 370 आर्टिकल तैयार किया गया था तो इसमें मेंशन किया था कि यह अस्थायी है।
शाह ने यह बात दिल्ली में लैजिस्लेटिव ड्राफ्टिंग (विधायी मसौदा) के ट्रेनिंग प्रोग्राम के उद्घाटन में कही। शाह ने कहा कि यहां तक कि इस आर्टिकल की डिबेट्स भी रिकॉर्ड से गायब थी।
लैजिस्लेटिव ड्राफ्टिंग न ही विज्ञान है और न ही कला
उन्होंने कहा कि लैजिस्लेटिव ड्राफ्टिंग न ही विज्ञान है और न ही कला, यह कौशल है जिसको आत्मा के साथ जोड़कर लागू करना है। इसके कोई फिक्स रुल नहीं होते हैं। संविधान की आत्मा को हम तब समझ पाएंगे जब उसकी जानकारी हमारे पास होगी। अगर कोई कानून अच्छी तरह से तैयार किया गया है तो किसी भी कानून को सफाई देने के लिए किसी कोर्ट की जरूरत नहीं है। अगर मसौदा सरल और साफ होगा तो लोगों को कानून के बारे में शिक्षित करना भी आसान होगा।

अमित शाह ने दिल्ली में लैजिस्लेटिव ड्राफ्टिंग के ट्रेनिंग प्रोग्राम का उद्घाटन किया, इस दौरान उनके साथ लोकसभा स्पीकर ओम बिरला भी मौजूद रहे।
कानून स्पष्ट होगा तो न्यायपालिका के हस्तक्षेप की जरूरत नहीं होगी
शाह ने कहा कि जब एक कानून बिना स्पष्ट किए बनाया जाता है, तो यह समस्याएं पैदा करता है। अगर कानून को सरल और स्पष्ट बनाया जाता है, तो न्यायपालिका को हस्तक्षेप करने की कोई जरूरत नहीं होती। संसद और राज्य विधानमंडलों के लैजिस्लेटिव विंग में काम करने वालों के मसौदा में सुधार किया जाना चाहिए। क्योंकि दुनिया बहुत तेजी से बदल रही है।
संविधान की आत्मा को जमीन पर उतारने की जिम्मेदारी विधायी मसौदा तैयार करने वालों पर है। इन्हें उस बारे में अध्ययन भी करना चाहिए। मैं देश के लोकतंत्र को तभी समझ सका, जब मैंने संविधान सभा की चर्चा को पढ़ा।
उन्होंने कहा कि संविधान का कोई अनुच्छेद अस्थायी नहीं हो सकता, उसमें संशोधन किया जा सकता है। अगर आप आज भी पुराने संविधान को पढ़ते हैं तो उसमें साफ लिखा है कि अनुच्छेद 370 अस्थायी प्रावधान है।
बदलती दुनिया में आज की जरूरतों के हिसाब से कानून बनाने होंगे
उन्होंने कहा कि इस बदलती दुनिया में हमें सही कदम उठाने होंगे और आज की जरूरतों के हिसाब से कानून बनाने होंगे। अगर हमने ऐसा नहीं किया तो सारी कोशिशें बेकार होगीं। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने कानूनों में कई बदलाव किए हैं। हमने लगभग 2000 गैर जरूरी कानूनों को खत्म कर दिया है। साथ ही हमने कई नए कानून बनाए।