गुरुग्राम8 दिन पहले
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हरियाणा के गुरुग्राम की चिंटल पाराडिसो सोसाइटी निवासियों की परेशानी एक बार फिर बढ़ गई है। अब सोसाइटी के जी टावर को रहने के लिए असुरक्षित घोषित कर दिया है। इसके बाद डीसी ने धारा 144 लगाते हुए G टावर को 15 दिन के भीतर खाली कराने के आदेश जारी किए हैं। इसमें रहने वाले परिवार अब प्रशासन के आदेश से परेशान हैं।
2021 में 2 लोगों की हुई थी मौत
गुरुग्राम के सेक्टर 109 स्थित चिंटल पाराडिसो सोसाइटी के डी टावर में साल 2021 के फरवरी महीने में एक हादसा हुआ था, जिसमें 2 लोगों की मौत हो गई। इसके बाद लगातार सोसाइटी के निवासियों के द्वारा सोसाइटी के अन्य टावरों की स्ट्रक्चर जांच कराने की मांग की गई। जिला प्रशासन ने सोसाइटी के टावरों की स्ट्रक्चर जांच कराई। यह जांच आईआईटी दिल्ली की टीम ने की। रिपोर्ट में सामने आया कि सोसाइटी के कई टावर रहने के लिए असुरक्षित हैं।
धारा 144 लागू
आईआईटी दिल्ली की टीम ने पहले टावर को रहने के लिए असुरक्षित घोषित किया था जिसके बाद अब आईआईटी दिल्ली की रिपोर्ट सामने आई थी उसमें सोसाइटी के जी टावर को भी रहने के लिए असुरक्षित घोषित कर दिया गया है।जिसके बाद जिला प्रशासन ने धारा 144 लगाते हुए जी टावर को भी 15 दिन के अंदर खाली करने के आदेश जारी कर दिए।वही उपायुक्त की माने तो आईआईटी दिल्ली की टीम की रिपोर्ट के बाद ही यह फैसला लिया गया है।
सोसाइटी निवासियों ने जताई नाराजगी
वही सोसाइटी निवासियों ने उपायुक्त द्वारा जारी किए आदेश पर नाराजगी जताई है। साथ ही उन्होंने कहा कि बिल्डर के द्वारा जो रिफंड दिया जा रहा है वह बहुत ही कम दाम पर है।आज के मार्केट रेट उससे कई गुना ज्यादा है।जिससे लोगों के लिए यहां से शिफ्ट होना एक बड़ी समस्या बन गया है क्योंकि लोगों ने अपनी जीवन पूंजी यहां पर लगा दी लेकिन अब बिल्डर के द्वारा जो रुपए दिए जा रहे हैं उससे कहीं और फ्लैट लेना मुश्किल हो रहा है।
एक तरफ कुआं तो दूसरी तरफ खाई
चिंटल पाराडिसो सोसाइटी के ई और एफ टॉवर में अब 6 या 7 परिवार ही रह रहे हैं और वो भी अब फ्लैट खाली करके कही और अपना आशियाना तलाशने में जुट गए हैं। सोसाइटी निवासियों का मानना है कि अब एक तरफ कुआं है तो दूसरी तरफ खाई। अगर फ्लैट खाली नहीं किया तो प्रशासन फ्लैट ऑनर्स पर कार्यवाही करने की बात कर रहा है तो वही बिल्डर ना तो फ्लैट की सही कीमत देने को तैयार है और ना ही किराये पर मकान उपलब्ध करवाने के लिए राजी। इन दोनों टावरों को पहले से असुरक्षित बताया जा चुका है।