दिल्ली में बाइक टैक्सी बैन पर SC में आज सुनवाई:पिछली हियरिंग में कोर्ट ने केंद्र से जवाब मांगा था

दिल्ली में पॉलिसी आने तक बाइक टैक्सी बंद रहेगी:सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई, दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला

नई दिल्ली10 दिन पहले

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सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी। हाईकोर्ट ने कहा था कि पॉलिसी फाइनल होने तक बाइक टैक्सी चल सकेंगी। - Dainik Bhaskar

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी। हाईकोर्ट ने कहा था कि पॉलिसी फाइनल होने तक बाइक टैक्सी चल सकेंगी।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि अभी दिल्ली में ओला, उबर और रैपिडो की बाइक टैक्सी नहीं चलाई जा सकेंगी। कंपनियों को दिल्ली सरकार की टैक्सी ऑपरेशन पॉलिसी बनने तक इंतजार करना होगा। वहीं, दिल्ली सरकार ने कहा है कि 30 जून तक दोपहिया टैक्सी के ऑपरेशन की पॉलिसी बना लेंगे।

दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर लगाई रोक
दिल्ली सरकार ने कहा था कि जब तक दोपहिया टैक्सी के ऑपरेशन को लेकर पॉलिसी फाइनल नहीं हो जाती, तब तक बाइक टैक्सी सर्विस न शुरू की जाए। इस पर रैपिडो और उबर जैसी कंपनियों ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की थी।

हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के इस नोटिस पर स्टे लगा दिया था। साथ ही पॉलिसी फाइनल होने तक एग्रीगेटर्स को सेवाएं जारी रखने का फैसला दिया था। बाइक टैक्सी पर कोई भी एक्शन लेने पर भी रोक लगा दी थी।

दिल्ली सरकार ने 26 मई को हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। जिस पर जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस राजेश बिंदल की वेकेशन बेंच ने सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया और दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी।

दिल्ली सरकार ने फरवरी 2023 में राजधानी में बाइक टैक्सी पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी। केजरीवाल सरकार में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा था कि सरकार जल्द ही टू-व्हीलर, थ्री-व्हीलर और फोर-व्हीलर एग्रीगेटर्स के लिए नई पॉलिसी लेकर आएगी।

दिल्ली सरकार ने फरवरी 2023 में राजधानी में बाइक टैक्सी पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी। केजरीवाल सरकार में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा था कि सरकार जल्द ही टू-व्हीलर, थ्री-व्हीलर और फोर-व्हीलर एग्रीगेटर्स के लिए नई पॉलिसी लेकर आएगी।

दिल्ली सरकार बोली- लाइसेंस और परमिट के बिना चल रहीं बाइक टैक्सी
बाइक टैक्सी को लेकर दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि एग्रीगेटर्स की तरफ से दोपहिया वाहनों का इस्‍तेमाल बिना प्रॉपर लाइसेंस और परमिट के हो रहा है। एग्रीगेटर के लिए कॉमर्शियल लाइसेंस की जरूरत का प्रावधान मोटर व्हीकल एक्‍ट की धारा 93 में है।

दिल्‍ली सरकार की दलील थी कि ये गाइडलाइंस चार पहिया और दो पहिया, दोनों तरह के वाहनों के लिए है। ऐसे में बिना पॉलिसी लाए नॉन ट्रांसपोर्ट टू-व्हीलर्स का यूज एग्रीगेटर्स नहीं कर सकते।

बाइक टैक्सी कंपनियां बोलीं- हजारों राइडर्स पर फर्क पड़ेगा
रैपिडो और उबर का कहना था कि हजारों राइडर्स ऐसी बाइक टैक्‍सी चलाते हैं। दिल्ली सरकार के फैसले से उनकी आजीविका पर असर पड़ेगा। जिन प्राइवेट दोपहिया वाहनों को कॉमर्शियल/ट्रांसपोर्ट सर्विस के लिए जोड़ा गया है, उन्‍हें नीति बनने और लाइसेंस मिलने तक काम करने दिया जाए। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि एग्रीगेटर्स के तहत टू व्हीलर्स को ऑपरेट करने के लिए लाइसेंस जरूरी है।

सरकार ने बाइक टैक्सी क्यों बैन की?
बाइक टैक्सी को बैन करने के पीछे दिल्ली सरकार का तर्क है कि टैक्सी के तौर पर सिर्फ कॉमर्शियल रजिस्ट्रेशन वाले व्हीकल्स का ही इस्तेमाल किया जा सकता है, जबकि टैक्सी के तौर पर चल रही बाइक्स कॉमर्शियल नहीं प्राइवेट रजिस्ट्रेशन वाली हैं।

परिवहन मंत्रालय ने एग्रीगेटर्स को बाइक टैक्सी के इस्तेमाल को लेकर चेतावनी देते हुए कहा था कि ऐसा करना 1988 के मोटर व्हीकल एक्ट का उल्लंघन है। आदेश का उल्लंघन करने वालों पर 1 लाख रुपए तक का जुर्माना लग सकता है।

20 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार दे सकता है बाइक टैक्सी का बाजार
2015 के बाद से देश में बाइक टैक्सी सर्विस देने वाले स्टार्टअप्स की शुरुआत हुई। 2017 तक 40 कंपनियां इस फील्ड में उतर चुकी थीं। हालांकि बड़े प्लेयर्स ओला बाइक, उबर मोटो और रैपिडो ही रहे। ओला मोबिलिटी इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट का दावा है कि बाइक टैक्सी का मार्केट 33 हजार करोड़ से ज्यादा का रेवेन्यू पैदा कर सकता है और 20 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार दे सकता है।

इतना बड़ा बाजार…मगर इसको लेकर नियम अब तक स्पष्ट नहीं
इतनी बड़ी संभावनाएं होने के बाद भी देश में बाइक टैक्सी को लेकर रूल्स और रेगुलेशन स्पष्ट नहीं हैं। समझिए…केंद्र ने कब बाइक टैक्सी को परमिशन दी और इसके तहत क्या-क्या शामिल है।

इन राज्यों में जारी है बाइक टैक्सी

  • 1981 में गोवा बाइक टैक्सी को परमिट देने वाला पहला राज्य बना था। तब वहां राज्य भर में 64 मोटर साइकिल स्टैंड बनाए गए थे।
  • 2015 में हरियाणा ने भी बाइक टैक्सी को पब्लिक ट्रांसपोर्ट में इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी। गुरुग्राम में बड़ी संख्या में लोग बाइक टैक्सी का उपयोग करते हैं।
  • 2016 में मिजोरम ने भी बाइक टैक्सी के संचालन की अनुमति दे दी थी। शर्त ये थी कि बाइक दो साल से कम पुरानी होनी चाहिए और कम से कम 125 सीसी की होनी चाहिए।
  • 2016 में पश्चिम बंगाल में भी बाइक टैक्सी को अनुमति दे दी गई थी। वहां 1000 रुपए फीस देकर प्राइवेट नंबर वाली बाइक का कॉमर्शियल यूज किया जा सकता है।
  • 2017 में राजस्थान ने बाइक टैक्सी पॉलिसी जारी की जिसके तहत बाइक के कॉमर्शियल रजिस्ट्रेशन की अनुमति दे दी थी।
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