SBI ब्रांच हेड की मोदी को गोली मारने की धमकी:सोनीपत के फौजी का पोता है; श्रीराम-हनुमान के अस्तित्व पर सवाल, नेताओं को गाली

सोनीपत2 दिन पहले

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इसने खुद को मोहाना का बताया और अब गांव वालों ने इसका नाम नीरज बताया है। - Dainik Bhaskar

इसने खुद को मोहाना का बताया और अब गांव वालों ने इसका नाम नीरज बताया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सामने आने पर गोली मारने की धमकी देने वाले व्यक्ति ने वायरल वीडियो में खुद को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का ब्रांच हेड बताया है। आदिपुरुष फिल्म पर चर्चा के दौरान वीडियो में वह देवी देवताओं से लेकर राजनेताओं तक जमकर भड़ास निकाल रहा है। मोदी को मारने की धमकी देने के साथ भगवान श्रीराम और हनुमान के अस्तित्व पर भी सवाल खड़े कर रहा है।

इसी वीडियो के आधार पर हरियाणा के सोनीपत के मोहाना थाने में 30 जून को इंस्पेक्टर के बयान पर उसके खिलाफ धारा 506 IPC में FIR नंबर 0102 दर्ज हुई है। वीडियो में वह राजनेताओं को गालियां दे रहा है और नरेंद्र मोदी काे गोली मारने की धमकी। हालांकि अब सोशल मीडिया से यह वीडियो हटा दिया गया है। युवक का नाम नीरज बताया जा रहा है।

वीडियो में वह कभी खुद को बदमाश, कभी एसबीआई ब्रांच मैनेजर तो कभी बदमाश बता रहा है। हालांकि ग्रामीणों का कहना है कि वीडियो में दिख रहा टोपी वाला युवक गांव मोहाना का ही है और उसका नाम नीरज है। उसके दादा सेना में थे। कई साल से परिवार गांव में नहीं है।

सोनीपत की किसी SBI ब्रांच में इस नाम का कोई व्यक्ति नहीं है। पुलिस को कुछ जानकारी हाथ लगी है, लेकिन फिलहाल खुलासा नहीं किया है। खुफिया एजेंसियां भी उसकी टोह में लगी हैं। माना जा रहा है कि वह जल्दी ही पुलिस के हाथ होगा। सोनीपत में SBI के मैनेजर कर्मबीर सिंह भौरिया ने दावा किया है कि ये वीडियो वाला शख्स उनके बैंक की किसी शाखा में नहीं है। पूरे बैंक की बदनामी हो रही है। बैंक के अधिकारी सत्यनिष्ठ और राष्ट्र भक्त हैं। उच्चाधिकारियों को जानकारी दी गई है।

राम को, हनुमान को किसी ने देखा क्या
4:07 सेकेंड के वायरल वीडियो में श्री राम के रंग रूप से चर्चा की शुरुआत होती है। एक वक्ता कहता है कि रामायण में जो राम थे, वह असल में राम लगते थे, आज भी जनता उनके पैर छूती है। वह आदिपुरुष फिल्म की तरफ इशारा करते हुए कहता है कि आज जो राम बनाए हैं, उनका क्या रूप है।

उनके इस बयान पर अपने आपको स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का मैनेजर बताने वाला व्यक्ति भड़क जाता है। वह और सीधा सवाल करता है कि हनुमान किसी ने देखा है, साथ ही कहता है कि किसी ने नहीं देखा। इसके बाद वे राजनेताओं पर भड़क कर कहता है कि यह सब चोर हैं, फालतू के ड्रामे हो रहे हैं, वह सारे ड्रामे में बंद करवाएगा। यह अंध विश्वास है और कुछ नहीं है।ब

सरकार पागल है, मोदी मिल गए तो…
व्यक्ति एंकर के सवाल पर कहता है कि सरकार पागल है, पॉलिटिशियन खराब हैं। और फिर कहता है कि अगर मुझे मोदी मिल जाते हैं, तो सीधे गोली मार दूंगा। हम बदमाश हैं और बदमाश रहे हैं। बार-बार दावा करता है कि राम हैं ही नहीं, लोगों से पूछता है कि किसी ने देखा है क्या राम को। फिर कहा सिर्फ सुना है, देखा किसी ने नहीं। पत्थर को भी, यह पेड़ इसको भी भगवान मान लो ताे यही भगवान है, इसी को नाम दे दो शिव भोले का।

दाढ़ी बढ़ा कर भगवान पर चर्चा करते हैं
राजनीतिक लोगों पर निशाना साधते हुए कहता है कि पॉलिटिशियन वाले सब चोर हैं। वह किसी की वोट नहीं देता है। वह गवर्नमेंट कर्मचारी है, ब्रांच हेड है स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अंदर। यह सब चोर हैं, करप्शन है, ड्रामे बाजी है, खामखा का जुलूस निकाल रहे हैं। सब के सब पागल है। हम अपने से बढ़कर किसी को मानते ही नहीं। ये बस दाढ़ी बढ़ाकर भगवान के ऊपर चर्चा करते हैं।

टीचर ड्रिंक करके आते हैं स्कूल
व्यक्ति वायरल वीडियो में फिर कहता है कि मैं बेसिकली हरियाणा से हूं, गांव देहात से हूं। पूछता है कि देहात में आपने कभी देखा है, किसी स्कूल सुविधा देखी है। वहां टीचर ड्रिंक करके स्कूल में आते हैं। मेरा टीचर ड्रिंक करके स्कूल में आता था, उसने हमारे को भी ड्रिंक करनी सिखा दी।

लोगों ने बीच में टोका, नहीं माना
चर्चा के दौरान वहां मौजूद लोग उसे बीच में टोकते भी हैं, लेकिन वह उन को चुप करा के, फिर बोलने लगता है। कहता कि दिल्ली में स्कूलों में जो सिस्टम आज के टाइम में चल रहा है, दिल्ली में तरक्की चल रही है। हरियाणा के अंदर कोई झांक के नहीं देखता कि लाइट आ रही है या नहीं, किसान की खेती में क्या हुआ, दिल्ली के ऊपर ध्यान दिया जा रहा है, यहां देखो क्या क्या हो रहा है। कहां मोदी का, कहां केजरीवाल का, पर हमारे गांव की तरफ कोई नहीं देखता।

किसी को भूखा नहीं रहने देते
वह कहता है कि सोनीपत का मोहाना उसका गांव है। अपने गांव की गलियां हम खुद बनवा रहे हैं, पैसे इकट्ठे करके। अच्छे दिन के सवाल पर वह कहता है कि कोई अच्छा दिन नहीं है। अच्छा दिन उसके लिए है, जो काम करता है, मेहनत करता है। दिल्ली के अंदर भिखारी हैं, हरियाणा के अंदर क्यों नहीं है। हरियाणा के अंदर एक दूसरे का साथ देते हैं, कोई भूखा हो तो उसको खिलाते हैं। हम अपनी मेहनत करके खिलाते हैं। किसान हैं। दिल्ली के अंदर कोई है बंदा जो भिखारियों को खाना खिला दें।

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