तिरुवनंतपुरम2 महीने पहले
- कॉपी लिंक

केरल हाईकोर्ट ने कहा है कि हर अविवाहित बेटी को अपने पिता से शादी का खर्च पाने का अधिकार है, भले वो किसी भी धर्म की हो। जस्टिस अनिल के. नरेंद्रन और पीजी अजीत कुमार ने फैमिली कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान यह बात कही।
बेंच के सामने मुद्दा था कि क्या एक ईसाई बेटी अपने पिता की अचल संपत्ति या उससे होने वाले मुनाफे से शादी के खर्च हिस्सा हासिल कर सकती है। हालांकि बाद में याचिका खारिज कर दी गई।
कोर्ट ने कहा, “किसी के धर्म के आधार पर यह दावा नहीं किया जा सकता है कि उसे कुछ नहीं मिलेगा, कुंवारी बेटी का अपने पिता से शादी का खर्च पाने का अधिकार कानूनी है।
बेटियों ने लगाया था पिता के खिलाफ केस
केरल हाईकोर्ट में पहुंचे केस में याचिका करने वाली दो बेटियां हैं, जो माता-पिता के बीच चल रहे केस के कारण पिता से अलग रहती हैं। बेटियों के मुताबिक उनके पिता ने पत्नी के जेवर और ससुराल से मिले पैसों से प्रॉपर्टी खरीदी थी। बेटियों ने हाईकोर्ट में यह भी कहा कि उनके पिता ने पढ़ाई के खर्च के साथ किसी भी तरह से उनकी मदद नहीं की।
हालांकि पिता का कहना है कि उसने बेटियों के एजुकेशन का पूरा खर्च उठाया है। बावजूद इसके उसकी पत्नी उससे दुश्मनी रखती है।
फैमिली कोर्ट ने खारिज कर दी थी याचिका
बेटियों ने अपनी शादी के खर्चों के लिए 45.92 लाख रुपए की वसूली के साथ-साथ अपने पिता की संपत्ति पर इन पैसों के लिए डिक्री बनाने की मांग करते हुए फैमिली कोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसके खारिज कर दिया गया था। फैमिली कोर्ट ने कहा था कि 7.5 लाख रुपए उनके लिए पर्याप्त होंगे।
इससे जुड़ी अन्य खबरें भी पढ़ें…
कहां से लईबो हो बाबा हमर शादी के जोड़वा, भागलपुर में आशियाना खत्म होने पर दहाड़ मारकर रोई बेटी

भागलपुर में अगलगी ने एक परिवार को बिखेर कर रख दिया। अप्रैल में बेटी की शादी होनी थी, लेकिन शादी से कुछ दिन पहले ही घर में आग लगने से सब कुछ जलकर खाक हो गया। कहां से लईबो हो बाबा हमर शादी के जोड़वा गीत गाते हुए बेटी भी दहाड़ मारकर रोने लगी। पढ़ें पूरी खबर…