महिला पत्रकार की गिरफ्तारी पर घिरी पंजाब सरकार:लुधियाना में केजरीवाल का प्रोग्राम कवर करने जाते समय पकड़ा, महिला को टक्कर मारने पर एक्शन
लुधियाना2 महीने पहले
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लुधियाना में महिला पत्रकार भावना किशोर को गिरफ्तार कर ले जाती पुलिस।
पंजाब के लुधियाना में आम आदमी पार्टी (AAP) के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल और पंजाब के CM भगवंत मान के प्रोग्राम को कवर करने जा रही महिला पत्रकार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इस पत्रकार का नाम भावना किशोर है और वह लुधियाना में मोहल्ला क्लीनिक की ओपनिंग से जुड़े कार्यक्रम को कवर करने जा रही थी। उसके दो साथियों- मृत्युंजय कुमार और ड्राइवर परमिंदर सिंह पर भी कार्रवाई की गई। इन तीनों पर अपनी गाड़ी से एक महिला को टक्कर मारने और अपमानजनक भाषा के इस्तेमाल के आरोप हैं।
इस बीच लुधियाना पुलिस की ओर से कहा गया कि गगन नामक महिला की शिकायत पर इन तीनों को पकड़ा गया।
उधर महिला पत्रकार जिस मीडिया चैनल से जुड़ी हुई हैं उसके अनुसार, उनकी पत्रकार को पुलिस ने एक एक्सीडेंट केस में पकड़ा जबकि हकीकत में वह गाड़ी चला ही नहीं रहीं थीं। इसके बाद उनपर जातिगत टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया…। चैनल ने पूछा कि आखिर उनकी पत्रकार किसी अंजान शख्स की जाति पर कैसे टिप्पणी करेंगी जब वो उससे टकराईं ही रास्ते में थीं।
गौरतलब है कि महिला पत्रकार के मीडिया चैनल ने ही दिखाया था कि कैसे AAP प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने नई दिल्ली में अपने आवास की साज-सज्जा में 45 करोड़ रुपए खर्च किए। महिला पत्रकार के खिलाफ इस कार्रवाई से पंजाब की AAP सरकार पर सवाल उठ रहे हैं। भाजपा नेताओं ने इसे बदले की कार्रवाई बताया है।

लुधियाना में महिला पत्रकार की गाड़ी की टक्कर लगने से घायल हुई महिला को ऑटो में लेकर जाते पुलिसकर्मी।
क्या कहा गया पुलिस FIR में
लुधियाना के वाल्मीक घाटी की रहने वाली 50 साल की गगन के अनुसार, 5 मई को वह पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की ओर से हरचरणनगर में खोले गए मोहल्ला क्लीनिक के उद्घाटन पर जा रही थी। जब वह दो साथी महिलाओं नीलम रानी और श्रृद्धा के साथ शृंगार सिनेमा कट के पास ई-रिक्शा से उतरने लगी तो सफेद इनोवा गाड़ी के चालक ने लापरवाही से ड्राइविंग करते हुए उसे साइड से टक्कर मार दी। इसमें उसके दायें हाथ में चोट आई और मोबाइल फोन टूट गया। इसके बाद इनोवा (UP16CD6372) वाला बहस करने लगा।
गगन के अनुसार, जब उसने पूछा कि टक्कर क्यों मारी? तो ड्राइवर के अलावा गाड़ी से एक पुरुष और महिला नीचे उतरे। तीनों ने उससे गाली-गलौच शुरू कर दिया। औरत ने जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा कि तुम लोग पैसे ऐंठने के लिए किसी भी हद तक गिर सकते हो।उसने इसका विरोध किया। उसी दौरान वहां भीड़ इकट्ठी हो गई और पुलिस पहुंच गई।
गगन के अनुसार, कार ड्राइवर का परमिंदर सिंह रावत, दूसरे शख्स का नाम मृत्युंजय कुमार और जातिसूचक शब्द कहने वाली औरत का नाम भावना बताया गया।
महिला आयोग ने मांगी DGP से रिपोर्ट
इस बीच राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने पंजाब पुलिस के डीजीपी से इसमें व्यक्तिगत हस्तक्षेप करने और मामले की जांच कराने को कहा है। आयोग ने इस केस से जुड़ी FIR की कॉपी और इस मामले में अब तक की गई कार्रवाई से जुड़ी रिपोर्ट 4 दिन में आयोग को भेजने के निर्देश दिए हैं।
गिरफ्तारी के समय कोई महिला पुलिसकर्मी नहीं
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के अध्यक्ष उमाकांत लखेरा, महासचिव विनय कुमार और चंडीगढ़ प्रेस क्लब के प्रेसिडेंट सौरभ दुग्गल की ओर से दावा किया गया कि जिस समय महिला पत्रकार भावना किशोर को गिरफ्तार किया गया, वह मोहल्ला क्लीनिक के उद्धाटन प्रोग्राम की कवरेज करने जा रही थीं। उन्हें एक पुरुष पुलिस अफसर ने गिरफ्तार किया। उस समय वहां कोई महिला पुलिसकर्मी मौजूद नहीं थीं। इतना ही नहीं, कई घंटे तक भावना किशोर के परिवार को गिरफ्तारी के बारे में सूचना नहीं दी गई। शाम को पुलिस की ओर से जारी प्रेस रिलीज में महिला पत्रकार पर SC/ST एक्ट के तहत मामला दर्ज किए जाने की जानकारी दी गई।
पुलिस के एक्शन पर सवाल
चंडीगढ़ प्रेस क्लब के प्रेसिडेंट सौरभ दुग्गल ने लिखित बयान में पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर किसी की कार से किसी को टक्कर लग जाती है तो कार में सवार पैसेंजर को किस एक्ट के तहत बुक किया जा सकता है? अगर टक्कर अंजान शख्स को मारी गई तो उसकी जाति किसी को पहले से कैसे पता हो सकती है? शिकायतकर्ता महिला को गाड़ी में सवार तीन लोगों में से किसने अपमानजनक शब्द कहे? पुलिस की ओर से इन सवालों का कोई जवाब नहीं दिया जा रहा।
चंडीगढ़ प्रेस क्लब ने पुलिस की कार्रवाई को प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला बताते हुए भावना किशोर को तुरंत छोड़ने की मांग की।