हाईकोर्ट से PIL खारिज, अब चोटिला में बनेगा रोप-वे:मोरबी जैसा हादसा न हो, इसलिए चामुंडा माताजी ट्रस्ट ने दर्ज की थी याचिका

चोटिला2 महीने पहले

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2021 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने दी थी रोव-वे को मंजूरी। - Dainik Bhaskar

2021 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने दी थी रोव-वे को मंजूरी।

गुजरात के विश्वप्रसिद्ध शक्तिपीठ चामुंडा माता मंदिर चोटिला में रोप-वे बनाने की कानूनी अड़चन खत्म हो गई है। गुजरात हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एजे देसाई और बिरेन वैष्णव की एक पीठ ने गुरुवार को फैसले की घोषणा करके रोप-वे के खिलाफ लगाई गई याचिका खारिज कर दी।

चामुंडा माताजी डूंगर ट्रस्ट ने लगाई थी याचिका
गुजरात में विजय रुपाणी सरकार द्वारा चामुंडा माता मंदिर चोटिला में रोप-वे बनाने की घोषणा की गई थी। इसके लिए निविदा भी जारी की गई थी। इस निविदा में मेसर्स मार्स एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड प्रोजेक्ट आवंटित किया गया था। जिसके खिलाफ श्री चामुंडा माताजी डूंगर ट्रस्ट चोटिला ने हाईकोट में पीआईएल दाखिल की थी।

मेसर्स मार्स एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड को कॉनट्रैक्ट देने के खिलाफ ट्रस्ट ने लगाई थी याचिका।

मेसर्स मार्स एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड को कॉनट्रैक्ट देने के खिलाफ ट्रस्ट ने लगाई थी याचिका।

रोप-वे का कांट्रैक्ट लेने वाली कंपनी का इस काम का अनुभव नहीं: ट्रस्ट
इससे पहले उच्च न्यायालय की सुनवाई में श्री चामुंडा माताजी डूंगर ट्रस्ट ने प्रस्तुत किया कि जिस कंपनी को इस रोप-वे का कांट्रैक्ट सौंपा गया है उस कंपनी को इस काम का अनुभव नहीं है। अगर ऐसे काम को अंजाम दिया जाता है तो मोरबी ब्रिज जैसा हादसा हो सकता है। हाईकोर्ट ने अंतिम सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था।

शक्तिपीठ चामुंडा माताजी मंदिर चोटिला में 655 सीढ़ियां है।

शक्तिपीठ चामुंडा माताजी मंदिर चोटिला में 655 सीढ़ियां है।

प्रोजेक्ट के लिए लगभग 20 करोड़ का खर्च
चामुंडा माताजी मंदिर चोटिला में 655 सीढ़ियां है। प्रतिवर्ष 25 लाख से ज्यादा श्रद्धालु इस मंदिर की यात्रा करते हैं। नवरात्रि और अन्य पर्वों पर श्रद्धालुओं की संख्या इतनी होती है कि सीढ़ियों पर जगह कम पड़ जाती है। वहीं, असहाय और बुजुर्ग लोगों के लिए सीढ़ियों के जरिए मंदिर तक पहुंचना मुश्किल है। इसी के चलते गुजरात सरकार ने रोप-वे प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी। इस प्रोजेक्ट में तकरीबन 20 करोड़ रुपए का खर्च आने की संभावना है।

प्रतिवर्ष 25 लाख से ज्यादा श्रद्धालु इस मंदिर की यात्रा करते हैं।

प्रतिवर्ष 25 लाख से ज्यादा श्रद्धालु इस मंदिर की यात्रा करते हैं।

एक ट्रिप में 8 यात्री होंगे सवार
चोटिला में रोपवे के कार्यरत होने के बाद इसमें 8 से अधिक यात्रियों को ले जाने पर प्रतिबंध रहेगा। रोपवे के निर्माण के दौरान वृक्षों, खत और सड़क के कम से कम नुकसान होने पर खास जोर दिया जाएगा। रोपवे में आने-जाने का खर्च 130 रुपए तय किए गए हैं। जबकि सिर्फ एक ओर आने या जाने के लिए 100 रुपए देने होंगे। यह राशि दो वर्ष के लिए तय की गई है।

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