कभी नहीं पिघलता चंद्रमा का दिल, बना है पत्थर का… वैज्ञानिकों ने लगाया पता

दिल की बात हो तो अक्सर ही चांद का ज़िक्र हो ही जाता है. अब सवाल ये है कि सबके दिलों में बसने वाले चांद का दिल कैसा होगा. तो जवाब शायद उतना अच्छा न लगे. क्योंकि जब वैज्ञानिकों ने ये पता लगाने की कोशिश की कि चांद के अंदर क्या है, तो उन्होंने पता लगा चंद्रमा अंदर से कठोर है. 

शोधकर्ताओं ने हाल ही में एक शोध किया है, जिससे पता चला है कि चंद्रमा का कोर एक ठोस गोले की तरह है. इसका घनत्व लोहे जैसा है. शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि इस खोज से उस बहस पर विराम लग सकता है कि चंद्रमा अंदर से ठोस है या पिघला हुआ है. साथ ही, इससे चंद्रमा के इतिहास को और भी बेहतर समझने में मदद मिलेगी. 

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चंद्रमा के कोर को लेकर काफी समय से बहस चल रही थी (Photo: ESA)

फ्रेंच नेशनल सेंटर फॉर साइंटिफिक रिसर्च के खगोलशास्त्री और शोध के मुख्य लेखक आर्थर ब्रियाड (Arthur Briaud) का कहना है कि हमारे सोलर सिस्टम में मौजूद चीज़ों की आंतरिक संरचना की जांच करने का सबसे अच्छा तरीका सेस्मिक डेटा के ज़रिए ही है. जिस तरह से भूकंप से पैदा होने वाली ध्वनिक तरंगें (Acoustic waves) किसी ग्रह या चंद्रमा के अंदर की सामग्री से होकर गुजरती हैं और परावर्तित होती हैं, उससे वैज्ञानिकों को उस वस्तु के आंतरिक हिस्से का पूरा डिटेल मैप मिल जाता है. 

उन्होंने कहा कि हमारे पास अपोलो मिशन द्वारा इकट्ठा किया गया चंद्रमा का सेस्मिक डेटा है, लेकिन  इसका रिज़ॉल्यूशन बहुत कम है जिससे चंद्रमा के आंतरिक कोर की स्थिति का सही से पता लगाना मुश्किल है. हम यह तो जानते हैं कि एक बाहरी कोर तरल है, लेकिन इसमें क्या शामिल है, इस पर बहस चल रही है. 

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चंद्रमा के आंतरिक कोर का रेडियस लगभग 258 किलोमीटर है (Photo: Géoazur_Nicolas Sarter)

चांद को गहराई से जांचने के लिए ब्रियाड और उनकी टीम ने चांद की अलग-अलग विशेषताओं की प्रोफ़ाइल बनाने के लिए स्पेस मिशनों और लूनर लेजर प्रयोगों से डेटा लिया. इसके बाद, उन्होंने अलग-अलग कोर के प्रकारों के साथ मॉडलिंग की, ताकि यह पता लग सके कि ऑब्ज़रवेशन से मिले डेटा से कौन सबसे ज़्यादा मैच करता है. 

शोध से वैज्ञानिकों को काफी रोचक जानकारी मिली. जो हम पहले से जानते हैं, वह यह है कि चंद्रमा के अंदर मौजूद ज़्यादा डेंस मैटीरियल केंद्र की तरफ है और कम डेंस मैटीरियल ऊपर की तरफ है. नेचर जर्नल में प्रकाशित शोध के मुताबिक, चंद्रमा का  कोर पृथ्वी की ही तरह है. बाहरी परत तरल है जबकि आंतरिक कोर ठोस है. उनके द्वारा की गई मॉडलिंग के मुताबिक, बाहरी कोर का रेडियस लगभग 362 किलोमीटर है, और आंतरिक कोर का रेडियस लगभग 258 किलोमीटर है. यह चंद्रमा की रेडियसका लगभग 15 प्रतिशत है. टीम को पता लगा कि आंतरिक कोर का घनत्व भी लगभग 7,822 किलोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर है. यह लोहे के घनत्व के काफी करीब है.

Scientists Finally Confirm What’s Inside The Moon https://t.co/RKCSKEL21F

— ScienceAlert (@ScienceAlert) May 5, 2023

2011 में नासा मार्शल प्लैनेटरी वैज्ञानिक रेनी वेबर ने भी एक शोध किया था जिसमें भी इसी तरह के नतीजे आए थे. उनके मुताबिक, कोर ठोस था जिसका रेडियस करीब 240 किलोमीटर था और घनत्व करीब 8,000 किलोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर.

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