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- Has Entered The Maritime Border, The Meteorological Department Can Announce In A Few Hours
नई दिल्ली18 दिन पहले
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दक्षिण-पश्चिम मानसून आज केरल नहीं पहुंचा। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया कि मानसून के केरल पहुंचने में 3-4 दिन की और देरी हो सकती है। इसके पहले IMD ने ही कहा था कि मानसून 4 जून को केरल पहुंच सकता है। मानसून आमतौर पर 1 जून को केरल में दस्तक देता है। पिछले साल यानी 2022 में मानसून 29 मई को केरल पहुंचा था। वहीं 2021 में यह 1 जून को पहुंचा था।
IMD के मुताबिक दक्षिण-पश्चिम मानसून अब लक्षद्वीप और दक्षिण अरब सागर के कुछ हिस्सों में आगे बढ़ रहा है। रविवार को IMD ने कहा दक्षिण अरब सागर के ऊपर मानसून के बढ़ने के लिए कंडीशंस अनुकूल होती जा रही हैं। अरब सागर के ऊपर बादल घने होते जा रहा हैं।

4 जून को शाम 4 बजे मानसून की स्थिति। सोर्स-IMD
रविवार को एक अलर्ट में IMD ने कहा- राजस्थान, छत्तीसगढ़, ओडिशा, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, केरल, कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, तेलंगाना, रायलसीमा और कर्नाटक में कुछ जगहों पर बिजली कड़कने और तेज हवाओं के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। केरल के पठानमथिट्टा और इडुक्की जिलों में भी सोमवार तक के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है।

लाल रेखाएं मानसून के पूर्वानुमान की तारीख बता रही हैं। नीली रेखाएं मानसून की वास्तविक स्थिति बता रही हैं। सोर्स-IMD
इस साल सामान्य बारिश का अनुमान
मौसम विभाग ने कहा है कि इस साल मानसून के सामान्य रहने का अनुमान है। अगर बारिश सामान्य रहती है तो देश में फूड ग्रेन प्रोडक्शन भी नॉर्मल रहेगा। यानी इससे महंगाई से राहत मिल सकती है। देश में किसान आमतौर पर 1 जून से गर्मियों की फसलों की बुआई शुरू करते हैं। ये वो समय होता है जब मानसून की बारिश भारत पहुंचती है। फसल की बुआई अगस्त की शुरुआत तक जारी रहती है।
किसे कहते हैं सामान्य बारिश?
IMD ने बताया कि लॉन्ग पीरियड एवरेज (LPA) की 96% बारिश हो सकती है। यदि बारिश LPA के 90-95% के बीच होती है तो इसे सामान्य से कम कहा जाता है। LPA 96%-104% हो तो इसे सामान्य बारिश कहा जाता है।
LPA अगर 104% से 110% के बीच है तो इसे सामान्य से ज्यादा बारिश कहते हैं। 110% से ज्यादा को एक्सेस बारिश और 90% से कम बारिश को सूखा पड़ना कहा जाता है।

80% खेती बारिश के पानी पर निर्भर
देश में सालभर जितनी बारिश होती है, उसका 70% पानी दक्षिण-पश्चिम मानसून में बरसता है। अब भी हमारे देश में 70% से 80% किसान सिंचाई के लिए बारिश के पानी पर निर्भर हैं। ऐसे में उनकी पैदावार पूरी तरह से मानसून के अच्छे या खराब रहने पर निर्भर करती है। खराब मानसून होने पर महंगाई भी बढ़ती है।
एग्रीकल्चर सेक्टर की भारतीय अर्थव्यवस्था में हिस्सेदारी करीब 20% है। वहीं, देश की आधी आबादी को रोजगार कृषि क्षेत्र ही देता है। अच्छी बारिश का मतलब है कि आधी आबादी की आमदनी फेस्टिव सीजन से पहले अच्छी हो सकती है। जिससे उनकी खर्च करने की क्षमता भी बढ़ेगी।

क्या है देश में मानसून आने का नियम?
देश में मानसून आने की घोषणा तब की जाती है जब केरल, लक्षद्वीप और कर्नाटक में मानूसन की शुरुआत की घोषणा करने वाले 8 स्टेशनों में लगातार दो दिनों तक कम से कम 2.5 मिमी बारिश हो।
