मोचा तूफान के म्यांमार-बांग्लादेश की ओर बढ़ने का खतरा:बंगाल की खाड़ी के ऊपर लो प्रेशर बनना शुरू, 80 KMPH की रफ्तार से चल सकती हैं हवाएं
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नई दिल्ली2 महीने पहले

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मोका तूफान उत्तर-उत्तरपश्चिम से मध्य बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ते हुए बांग्लादेश-म्यांमार तट की ओर मुड़ जाएगा। - Dainik Bhaskar

मोका तूफान उत्तर-उत्तरपश्चिम से मध्य बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ते हुए बांग्लादेश-म्यांमार तट की ओर मुड़ जाएगा।

साइक्लोन मोका को लेकर भारतीय मौसम विभाग ने नई जानकारी दी है। IMD के मुताबिक, सोमवार को बंगाल की खाड़ी के ऊपर लो प्रेशर बनना शुरू हो गया। बाद में हवा तेज होकर चक्रवात का रूप ले लेगी। इस तूफान के सप्ताह के अंत में बांग्लादेश-म्यांमार तट की ओर बढ़ने की संभावना है।

भारत मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि कम दबाव का क्षेत्र मंगलवार शाम तक डीप डिप्रेशन का रूप ले लेगा और फिर अगले दिन यानी बुधवार को चक्रवाती तूफान में बदल जाएगा। उन्होंने मछुआरों, जहाजों, ट्रॉलरों और छोटी नावों को बंगाल की खाड़ी में नहीं जाने के लिए कहा और लोगों से तट पर लौटने का आग्रह किया।

महापात्रा ने कहा, चक्रवाती तूफान शुरुआत में 11 मई तक उत्तर-उत्तरपश्चिम से मध्य बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ेगा और फिर मुड़कर उत्तर-पूर्वोत्तर बांग्लादेश-म्यांमार तट की ओर चला जाएगा।

पढ़िए मोका तूफान से जुड़ी सारी जानकारी…

मोका तूफान किस रास्ते से होकर गुजरेगा
मोका तूफान के पॉथ को लेकर आईएमडी ने नया अपडेट दिया है। पहले अनुमान लगाया गया था कि चक्रवात भारत के दक्षिण तटीय क्षेत्रों, ओडिशा और दक्षिण-पूर्व गंगीय पश्चिम बंगाल से होकर गुजरेगा। मगर अब चक्रवात के फॉर्मेशन देखने के बाद पता चला कि यह बंगाल की खाड़ी से उठकर उत्तर-पूर्वोत्तर बांग्लादेश-म्यांमार तट की आरे मुड़ जाएगा।

सेटेलाइट से ली गई तस्वीरों में तूफान का फॉर्मेशन बनना दिखने लगा है।

सेटेलाइट से ली गई तस्वीरों में तूफान का फॉर्मेशन बनना दिखने लगा है।

मोका तूफान की तीव्रता कितनी होगी
भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, 8 मई की रात से हवा की रफ्तार बढ़कर 70 किमी प्रति घंटे और 10 मई से 80 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है। 7 मई को समुद्र की स्थिति खराब और 8 तारीख से बहुत खराब रहने की संभावना है।

तूफान का नाम मोका किसने रखा
इस तूफान को मोका नाम यमन ने दिया है। मोकाएक यमन का शहर है जिसे मोखा भी कहते हैं। ये शहर अपने कॉफी व्यापार के लिए जाना जाता है। इसी के नाम पर मोका कॉफी का भी नाम पड़ा।

कौन देता है तूफानों के नाम
संयुक्त राष्ट्र की इकोनॉमिक एंड सोशल कमीशन फॉर एशिया एंड पैसिफिक (ESCAP) पैनल के 13 सदस्य देश उत्तरी हिंद महासागर में बनने वाले तूफानों का नाम देने के लिए 13 देशों का एक पैनल है। इसमें भारत, बांग्लादेश, म्यांमार, पाकिस्तान, मालदीव, ओमान, श्रीलंका, थाईलैंड, ईरान, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और यमन शामिल हैं। हर देश को एल्फाबेटिकल आधार पर चक्रवात का नाम रखना होता है।

अब समझिए मई में तापमान कम होने की वजह और कब आएगी मानसून की बारिश…

ढाई महीने में आए 15 तूफानों से कम हुआ तापमान, 15 मई के बाद बढ़ेगा पारा

मौसम विज्ञानी आरके जेनामनी बताते हैं- 28 अप्रैल से लेकर 4 मई के बीच लगातार 3 सक्रिय और मजबूत पश्चिमी विक्षोभ आए। गर्मी के मौसम में एक हफ्ते के अंदर एक के बाद एक 3 पश्चिमी विक्षोभ आना बीते 20 साल में दुर्लभ घटना है। सर्दियों जैसी इस घटना के चलते ही गर्मी में दिन के तापमान में 10 से 15 डिग्री तक की गिरावट आई।

स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने कहा, मार्च में 7, अप्रैल में 5-6 और मई में दो पश्चिमी विक्षोभ आए। यानी गर्मियों में 15 पश्चिमी विक्षोभ आए हैं। अभी एक और आना है। इससे 3-4 दिन बारिश के आसार हैं। 15 मई के बाद तापमान बढ़ेगा। जून में मानसूनी बारिश शुरू हो जाएगी। ऐसे में यह दो दशक की सबसे छोटी गर्मी होने वाली है।

मध्य भारत में अप्रैल में 226% ज्यादा बारिश हुई
देश में गर्मी का सीजन अमूमन मार्च से 15 जून तक रहता है। इस बार मार्च में 7 पश्चिमी विक्षोभ आए। इससे देशभर में 37.6 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य (29.9 मिमी) से 26% ज्यादा थी। मार्च के के दूसरे पखवाड़े में दिन का अधिकतम तापमान लगातार सामान्य से कम रहा। वहीं, अप्रैल में पांच पश्चिमी विक्षोभ आए, जिनसे उत्तर-पश्चिमी भारत में कई बार बारिश हुई और तापमान कम बना रहा।

अप्रैल में देशभर में 41.4 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य (39.3 मिमी) से 5% अधिक थी। मध्य भारत में अप्रैल में सामान्य रूप से 9.2 मिमी बारिश होती है लेकिन इस बार 30 मिमी यानी 226% ज्यादा बारिश दर्ज हुई।

बंगाल की खाड़ी में तूफान आने से हो सकती है प्री मानसून बारिश
मौसम विज्ञानी आरके जेनामनी के मुताबिक, जहां तक जून में कम या ज्यादा गर्मी पड़ने का सवाल है तो अभी से कुछ नहीं कहा जा सकता। एक जून को मानसून केरल में दस्तक देता है और आखिर में पश्चिमी राजस्थान पहुंचकर 8 जुलाई तक समूचे देश में छा जाता है लेकिन उत्तर भारत में मानसून की दस्तक देने से पहले तक गर्मी जारी रह सकती है।

हालांकि, यदि अरब सागर या बंगाल की खाड़ी में कोई तूफान विकसित हुआ तो प्री-मानसूनी बारिश का दौर आ सकता है, उस दौरान गर्मी कम हो सकती है। वह एक जून को दस्तक दे पाएगा या नहीं, इसकी गणना जारी है, 15 मई तक इसका अनुमान सामने आ सकेगा।

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