मद्रास हाईकोर्ट ने कहा- कर्मचारियों को भड़ास निकालने का हक:बैंककर्मी की याचिका पर सुनवाई, वॉट्सऐप पर की थी कंपनी की आलोचना

हाईकोर्ट ने कहा किसी भी कर्मचारी को कंपनी से शिकायत होना आम बात है। (फाइल फोटो)
मद्रास हाईकोर्ट ने 10 अगस्त को एक बैंक कर्मचारी की याचिका पर सुनवाई की। मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि किसी कर्मचारी को संस्थान के बाहर ‘भड़ास निकालने का अधिकार’ है। इस मामले में हाईकोर्ट ने बैंक कर्मचारी पर लगाए आरोपों को खारिज कर दिया।
दरअसल, तमिलनाडु के तूतीकोरिन के ग्रामा बैंक की शाखा के कर्मचारी ए लक्ष्मीनारायण ने वॉट्सऐप पर अपनी कंपनी के मैनेजमेंट को लेकर कमेंट किया था। इस पर बैंक ने कर्मचारी को नोटिस जारी किया था। वह इस नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे थे। इस मामले की सुनवाई जस्टिस जी आर स्वामीनाथन ने की।
कर्मचारी को कंपनी से शिकायत होना आम बात- हाईकोर्ट
इस मामले में कोर्ट ने कंपनी से जारी नोटिस को खारिज कर दिया है। इस मामले में कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि किसी भी कर्मचारी को अपनी कंपनी से शिकायत होना आम बात है। कर्मचारियों को कंपनी से बाहर किसी प्लेटफॉर्म पर अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है।
हालांकि, कर्मचारियों की किसी बात से कंपनी की छवि खराब होती है, तब कंपनी एडमिनिस्ट्रेशन कार्रवाई कर सकता है। सोशल मीडिया पर एंड टू एंड एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग होती है।
कोर्ट ने पेगासस का जिक्र किया
कोर्ट ने कहा कि पेगासस जैसी टेक्नोलॉजी से प्राइवेसी को खतरा है। सोशल मीडिया पर एंड टू एंड एन्क्रिप्टेड प्लेटफार्म पर कोई मैसेज कानूनी दायरे में होना चाहिए।
कोर्ट ने ये भी कहा कि किसी के वॉट्सऐप पर मैसेज करने से कंपनी के किसी नियम का उल्लंघन नहीं है। अगर कोई कर्मचारी कंपनी के बाहर जाकर कंपनी के बारे में टिप्पणी करता है तो कंपनी को इसे गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं हैं।
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