बेंगलुरुएक महीने पहले
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न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, तनवीर अहमद पार्टी के प्रवक्ता हैं। वहीं सीएम इब्राहिम ने कहा कि वे पार्टी में नहीं हैं।
कर्नाटक विधानसभा की 224 सीटों पर 10 मई को वोटिंग हुई। देर शाम 10 एग्जिट पोल्स आए। 4 ने कांग्रेस को बहुमत दिया। एक ने भाजपा को। 5 सर्वे हंग असेंबली का दावा कर रहे।
11 मई को कर्नाटक JDS के एक नेता तनवीर अहमद का बयान आया। उन्होंने कहा- हंग एसेंबली की स्थिति में JDS किसे समर्थन देगी, यह तय हो चुका है। भाजपा-कांग्रेस दोनों ने संपर्क किया है।
तनवीर के बयान के 24 घंटे बाद कर्नाटक JDS चीफ सीएम इब्राहिम सामने आए। उन्होंने कहा- तनवीर अहमद तो पार्टी में ही नहीं हैं। गठबंधन पर उनके कुछ भी बोलने का कोई मतलब नहीं है।
इब्राहिम ने तनवीर पर तंज कसते हुए कहा- बीवी है तो तलाक दे सकते हैं, रास्ते पर जाने वाली औरत को क्या तलाक देंगे। नतीजे आने के बाद पार्टी गठबंधन पर फैसला करेगी।

कर्नाटक में JDS अब तक 3 बार किंगमेकर की भूमिका में रही। दो बार वह कांग्रेस और एक बार भाजपा के साथ सरकार बना चुकी है। एचडी कुमारस्वामी दो बार CM रह चुके हैं
10 में से 5 एग्जिट पोल्स में हंग असेंबली
10 में से 5 एग्जिट पोल हंग असेंबली की भविष्यवाणी कर रहे हैं यानी बिना JDS की मदद के सरकार नहीं बन सकती। पोल ऑफ पोल्स के मुताबिक भाजपा 91, कांग्रेस 108, JDS 22 और अन्य को 3 सीट मिलने का अनुमान है। 13 मई को नतीजे आएंगे और सब कुछ साफ हो जाएगा।

तनवीर ने कहा- JDS लोगों के लिए काम करेगी
तनवीर ने कहा कि हम उसी पार्टी के साथ जाएंगे, जो कर्नाटक के लोगों की भलाई के लिए काम करेगी। हमारे बिना कोई भी सरकार नहीं बना सकता है। हम पैसे के मामले में राष्ट्रीय दलों के संसाधनों का मुकाबला नहीं कर सके। हम एक कमजोर पार्टी थे, लेकिन हम जानते हैं कि हमने सरकार का हिस्सा बनने के लिए हमेशा अच्छा प्रदर्शन किया है।
अब जानिए… JDS के बारे में
इस पार्टी के संस्थापक एचडी देवगौड़ा है। अभी कमान एचडी कुमारस्वामी के हाथ में है। एचडी देवगौड़ा कांग्रेस (ओ), जनता पार्टी और जनता पार्टी (जेपी) में रहे। 1994 में देवगौड़ा कर्नाटक में जनता दल को पहली बार सत्ता में लाने में कामयाब रहे।
1996 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस महज 140 सीटों पर सिमट गई। जनता दल की 46 सीटें आईं। जनता दल, समाजवादी पार्टी और DMK जैसी 13 पार्टियों ने मिलकर यूनाइटेड फ्रंट का गठन किया और देवगौड़ा को प्रधानमंत्री बना दिया गया। इसी जनता दल का 1997 के बाद कई छोटे-छोटे दलों में विभाजन हो गया और 1999 में देवगौड़ा ने जनता दल (सेक्युलर) की स्थापना की। दक्षिणी कर्नाटक पार्टी का गढ़ है।
राज्य में पिछले 5 चुनाव में 3 बार हंग असेंबली
कर्नाटक में पिछले 38 साल से हर 5 साल में सत्ता बदलती आ रही है। आखिरी बार 1985 में रामकृष्ण हेगड़े के नेतृत्व वाली जनता पार्टी ने सत्ता में रहते हुए चुनाव जीता था। वहीं, पिछले पांच चुनाव (1999, 2004, 2008, 2013 और 2018) में से सिर्फ दो बार ( 1999, 2013) सिंगल पार्टी को बहुमत मिला। भाजपा 2004, 2008, 2018 में सबसे बड़ी पार्टी बनी। उसने बाहरी सपोर्ट से सरकार बनाई।
JDS 3 बार किंगमेकर, एक बार भाजपा के साथ सरकार बनाई
- 1999 में JDS ने अपना पहला चुनाव लड़ा, जिसमें पार्टी महज 10 सीटें ही ला पाई, लेकिन 2004 में यह आंकड़ा बढ़कर 58 पहुंच गया। BJP ने इस चुनाव में 79 और कांग्रेस ने 65 सीटें जीतीं। कांग्रेस और JDS ने यहां मिलकर सरकार बनाई। इस तरह पहली बार JDS किंग मेकर बनी।
- इसी पंचवर्षीय में दो साल बाद एचडी कुमारस्वामी ने कांग्रेस से नाता तोड़ लिया और BJP के साथ आ गए। कुमारस्वामी पहली बार मुख्यमंत्री बने। इसके बाद, 2018 में JDS और कांग्रेस ने सरकार बनाई, लेकिन BJP ने सेंध लगा दी। इस चुनाव में BJP ने 104, कांग्रेस ने 80 और JDS ने 37 सीटें जीतीं। एक बार फिर यहां JDS से एचडी कुमारस्वामी दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने में कामयाब रहे।
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कर्नाटक में एक बार फिर JDS के किंगमेकर बनने की उम्मीद है। 10 में से 5 एग्जिट पोल हंग असैंबली की भविष्यवाणी कर रहे हैं यानी बिना JDS की मदद के सरकार नहीं बन सकती। पोल ऑफ पोल्स के मुताबिक भाजपा 91, कांग्रेस 108, JDS 22 और अन्य को 3 सीट मिलने का अनुमान है। 13 मई को नतीजे आएंगे और सब कुछ साफ हो जाएगा। पूरी खबर यहां पढ़ें…