उमेशपाल हत्याकांड में बड़ा खुलासा हुआ है. पुलिस को पता चला है कि उमेश पाल और उसके गनर की आईएसआई के सप्लाई किए हथियारों से हत्या की गई थी. एफआईआर के मुताबिक आईएसआई ने अतीक अहमद को .45 बोर की पिस्टल, AK-47, स्टेन गन और RDX सप्लाई किया था. उमेश पाल हत्याकांड में .45 पिस्टल का इस्तेमाल किया गया. पुलिस को मौके से 58 कारतूस में मिले हैं. ये सभी पाकिस्तान मेड 9 एमएम के कारतूस थे. अतीक अहमद और अशरफ की निशानदेही पर पुलिस को भारी मात्रा में असलहों और कारतूस के बाद धूमनगंज थाने में दोनों के खिलाफ एक और मुकदमा दर्ज कर लिया था.
ATS ने दर्ज किया था नया केस
उमेश पाल हत्याकांड के मामले में पूछताछ के लिए अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को कोर्ट ने चार दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड में भेजा था. पूछताछ के बाद यूपी ATS ने दोनों के खिलाफ ISI और लश्कर-ए-तैयबा से कनेक्शन को लेकर एफआईआर दर्ज कर ली थी. अतीक के पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से संबंधों का खुलासा होने के बाद यूपी एटीएस ने भी पूछताछ की है.
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अतीक ने PAK कनेक्शन के किए थे कई खुलासे
– पुलिस के मुताबिक अतीक ने कबूल किया था कि ISI एजेंट से फोन पर उसकी बात हुआ करती थी. वो पाकिस्तान से हथियार खरीदता था.
– अतीक ने जेल से उमेश पाल को मारने की साजिश रची थी.
– अतीक की पत्नी शाइस्ता ने उसे बताया था कि उमेश पाल के साथ दो गनर रहते हैं. इसके बाद उनके मर्डर की प्लानिंग भी की गई.
– अतीक ने पत्नी शाइस्ता से मुलाकात के दौरान नए मोबाइल फोन और सिम मुहैया करवाने को बोला था और उस सरकारी आदमी का नाम भी बताया था, जिसके हाथ ये मोबाइल और सिम जेल में पहुंचेंगे.
कब हुई थी उमेश पाल की हत्या
प्रयागराज के बहुचर्चित विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके 2 सुरक्षाकर्मियों संदीप निषाद और राघवेंद्र की 24 फरवरी 2023 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
इस मामले में उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने धूमनगंज थाने में पूर्व सांसद अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, 2 बेटों, अतीक के साथी बमबाज गुड्डू मुस्लिम, गुलाम मोहम्मद और 9 अन्य साथियों के खिलाफ केस दर्ज कराया था.
दो दिन पहले असद, फिर अतीक-अशरफ मारे गए
झांसी में यूपी एसटीएफ ने 13 अप्रैल को अतीक अहमद के तीसरे नंबर के बेटे और उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी असद के साथ शूटर गुलाम को एनकाउंटर में मार गिराया गया था. अतीक अपने बेटे के जनाजे में नहीं शामिल हो पाया था. वहीं एनकाउंटर पर सवाल उठने के बाद डीएम ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए हैं. इस जांच के लिए सिटी मजिस्ट्रेट को जांच अधिकारी बनाया गया है. घटना के बारे में सिटी मजिस्ट्रेट के यहां बयान दर्ज कराए जा सकते हैं.
वहीं अब प्रयागराज में 15 अप्रैल गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद और अशरफ अहमद की रात करीब 10:37 बजे तीन बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी. हालांकि वारदात को तुरंत अनजाम देते ही तीनों ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया. वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मामले मं हाई लेवल जांच के आदेश दे दिए हैं. कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रदेश के सभी जिलों में धारा 144 को लागू कर दिया गया है.