बंगाल पंचायत चुनाव पर हाईकोर्ट का ऑर्डर:अदालत ने कहा- अंतिम नतीजे हमारे आदेश पर निर्भर होंगे; चुनाव आयोग से भी मांगा जवाब
कोलकाता2 दिन पहले
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यह वीडियो वोट काउंटिंग के लिए दक्षिण 24 परगना में बढ़ाई गई सुरक्षा व्यवस्था का है।
पश्चिम बंगाल चुनाव के अंतिम नतीजे कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर निर्भर करेंगे। अदालत ने राज्य चुनाव आयोग से पूछा कि आखिर आयोग ने केवल 696 बूथों पर दोबारा मतदान करने की घोषणा क्यों की? क्या इसके लिए कोई जांच की गई थी? इसके साथ ही कोर्ट ने हिंसा को लेकर की गई कार्रवाई पर चुनाव आयोग की रिपोर्ट पर भी नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि यह रिपोर्ट अधूरी और असंतोषजनक है।
चीफ जस्टिस टीएस शिवगणनम और जस्टिस हिरणमय भट्टाचार्य की बेंच ने इस मामले में केंद्र, राज्य सरकार और चुनाव आयोग को तीन जनहित याचिकाओं में लगाए गए सभी आरोपों से निपटने के लिए हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। केस में अगली सुनवाई 19 जुलाई को होगी।
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हाईकोर्ट बोला- एक-दूसरे पर आरोप मढ़ रहे, फिर हमारे आदेश देने का क्या मतलब?
कलकत्ता हाईकोर्ट ने 11 जुलाई को सुनवाई के दौरान राज्य चुनाव आयोग को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने आयोग से सवाल किया था कि हाईकोर्ट रजिस्ट्री को हिंसा का आरोप लगाने वाले 44 से ज्यादा ईमेल मिले हैं। आप इन हालात पर कंट्रोल क्यों नहीं कर सके?
चीफ जस्टिस टीएस शिवगणनम ने आरोप-प्रत्यारोप करने वालों से कहा- पहला दूसरे को दोष दे रहा है। दूसरा किसी और को दोष दे रहा है। फिर हमने जो इतने सारे आदेश जारी किए थे, उनका क्या मतलब है?
पंचायत चुनाव को लेकर हाईकोर्ट में तीन याचिकाएं दायर
चुनाव में हुई धांधली और हिंसा को लेकर हाईकोर्ट में तीन जनहित याचिकाएं (PIL) दायर की गई हैं। पहले याचिकाकर्ता पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष BJP के शुभेंदु अधिकारी हैं। दूसरी याचिकाकर्ता भी BJP नेता और कलकत्ता हाईकोर्ट की वकील प्रियंका टिबरेवाल हैं, जबकि तीसरा याचिकाकर्ता एक आम नागरिक फरहाद मलिक हैं।
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स्टेटस रिपोर्ट में दावा- नामांकन वापसी में कोई अवैधता नहीं हुई
राज्य सरकार ने मंगलवार को कोर्ट में चुनावी हिंसा पर स्टेटस रिपोर्ट पेश की, जिसमें दावा किया गया कि नामांकन वापसी के दौरान कोई अवैधता नहीं हुई, साथ ही यह भी कहा गया कि नामांकन वापसी की प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की गई थी। 10 जुलाई को कोर्ट ने राज्य सरकार और सुरक्षा बलों से हिंसा पर स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी।
अधीर रंजन ने याचिका में कहा था- मुर्शिदाबाद हिंसा से तबाह हो गया
हाईकोर्ट ने ये निर्देश कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिए थे। जिसमें उन्होंने कहा था कि मुर्शिदाबाद हिंसा से तबाह हो गया है। समाज के सबसे गरीब तबके पर इसका बुरा असर पड़ा है। जो लोग गंभीर घायल हुए या मरे, वे अपने प्रियजन का अंतिम संस्कार तक नहीं करवा सकते।
इसके बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को घायलों को उपचार और स्वास्थ्य सुविधाएं देने, और मृतकों के अंतिम संस्कार की व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया था।
बंगाल में हिंसा और बूथ कैप्चरिंग के बीच 80.71% मतदान हुआ
बंगाल में 8 जुलाई को हिंसा और बूथ कैप्चरिंग की घटनाओं के बीच 80.71% मतदान हुआ था। 8 जून को चुनाव का शेड्यूल सामने आने के बाद से चुनावी हिंसा में 10 जुलाई तक 36 लोग मारे जा चुके हैं। वहीं, ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद चुनाव के लिए वोटों की गिनती मंगलवार और बुधवार को जारी रही।
बूथ कैप्चरिंग की शिकायतों के बाद चुनाव आयोग ने सोमवार (10 जुलाई) को 19 जिलों के 697 बूथों पर दोबारा वोटिंग करवाई। हालांकि, इस दौरान 69.85% वोटिंग हुई और हिंसा की कोई बड़ी घटना नहीं हुई।
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कोलकाता हाईकोर्ट ने सेंट्रल फोर्स की तैनाती के निर्देश दिए

पंचायत चुनाव को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य के सभी जिलों में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती करने के निर्देश दिए थे। कोर्ट ने कहा था कि राज्य चुनाव आयोग को 48 घंटे के भीतर केंद्रीय बलों के लिए केंद्र से अनुरोध करना होगा। मगर कोर्ट के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने रिव्यू पिटीशन दाखिल कर दी थी। पढ़ें पूरी खबर…