पानीपत2 दिन पहले
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विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया और बृजभूषण सिंह।
भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण पर 6 बालिग पहलवानों के यौन शोषण केस की शुक्रवार को सुनवाई हुई। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने कथित यौन उत्पीड़न मामले में दायर आरोप पत्र पर संज्ञान लेने पर विचार के लिए 7 जुलाई की तारीख तय की है। इससे पहले 27 जून को मामले की सुनवाई MP-MLA कोर्ट में हुई थी। जहां कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि अब इस मामले में 1 जुलाई से आरोप-पत्र पर बहस होगी, जिसके बाद कोर्ट आरोप-पत्र पर संज्ञान लेगा।
साथ ही अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल ने कहा था कि यह एक लंबा आरोप-पत्र है। जिसके बाद उन्होंने मामले में सुनवाई स्थगित कर दी थी। नया आरोप-पत्र दायर किया गया है। इस पर गौर करने दिया जाए। चूंकि यह एक लंबा आरोप-पत्र है, इसलिए इस पर कुछ दिन विचार करने दिया जाए। इन 3 दिनों में कोर्ट 1500 पन्नों की चार्जशीट पर स्टडी करेगा।
जांच की निगरानी के लिए नई याचिका कर सकते हैं दाखिल
पहलवानों ने इस मामले की जांच के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने कोर्ट की निगरानी में मामले की जांच कराने की मांग की थी। अब महिला पहलवानों ने इस याचिका को वापस लेने की मांग की है। इस पर कोर्ट ने कहा कि मामले में आरोप-पत्र दाखिल हो चुका है। ऐसे में जांच की निगरानी की मांग वाली याचिका का अब कोई औचित्य नहीं।
कोर्ट ने पहलवानों के वकील से यह भी कहा, अगर आपको लगता है कि जांच की निगरानी की जरूरत है तो नई याचिका दाखिल कर सकते हैं।

15 जून को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश की थी चार्जशीट
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने 15 जून को राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट पेश की थी। आरोपियों में बृजभूषण के अलावा WFI के असिस्टेंट सेक्रेटरी विनोद तोमर का नाम भी है। चार्जशीट में पहलवानों के मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए बयान को अहम आधार माना गया है।
बृजभूषण के खिलाफ करीब 7 गवाह मिले हैं। वहीं यौन शोषण की कथित जगह पर उनकी मौजूदगी के भी सबूत मिले हैं। चार्जशीट की पहली सुनवाई पर कोर्ट ने इसे MP-MLA कोर्ट में ट्रांसफर किया था। इसके अलावा, सोमवार को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को चार्जशीट की एक कॉपी शिकायतकर्ता पहलवानों को देने के आदेश दिए हैं।
रास्ता रोकने या पीछा करने का केस 2012 का
दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, बृजभूषण पर जो रास्ता रोकने या पीछा करने का केस है, वह 2012 का है। इसमें शिकायत करने वाली महिला पहलवान ने बताया था कि बृजभूषण ने एक टूर्नामेंट के दौरान उसकी मां से बात की और उसे अपने कमरे में बुलाकर कस कर गले लगाया।
जब महिला पहलवान घर लौटी तो अलग-अलग बहाने से कई बार उसकी मां के नंबर पर फोन करना शुरू कर दिया। उसने यह भी दावा किया कि बृजभषण की कॉल से बचने के लिए उसे अपना फोन नंबर तक बदलना पड़ा। हालांकि, इन आरोपों को साबित करने के मामले में कोई टेक्निकल एविडेंस नहीं मिले हैं।
बालिग पहलवानों के यौन शोषण की बताई जगहों पर आरोपी मौजूद थे
बालिग पहलवानों के केस में पुलिस ने एक हजार पन्नों की चार्जशीट पेश की। इसमें पुलिस ने पहलवानों के CrPC की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के आगे दिए बयान को चार्जशीट का प्रमुख आधार माना है। पुलिस ने कहा कि बालिग पहलवानों ने जिस जगह पर उनके साथ यौन शोषण के आरोप लगाए हैं, वहां आरोपियों की मौजूदगी के सबूत मिले हैं।
पहलवानों ने पुलिस को जांच के दौरान सबूत के तौर पर 5 फोटो सौंपी हैं। इसके अलावा और भी डिजिटल सबूत दिए गए, उन्हें पेन ड्राइव में कोर्ट को सौंपा गया है। चार्जशीट में करीब 25 गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं। 7 गवाहों ने पीड़ित बालिग पहलवानों के आरोपों का सपोर्ट किया है। बाकी आरोपियों के पक्ष में बोले हैं। ट्रायल के दौरान इनका क्रॉस एग्जामिनेशन होगा।
पुलिस ने कजाकिस्तान, मंगोलिया और इंडोनेशिया के कुश्ती संघों से उन जगहों की CCTV फुटेज और फोटो देने को कहा है, जहां महिला पहलवानों ने बृजभूषण पर यौन शोषण के आरोप लगाए हैं। अभी ये नहीं मिले हैं। इनके मिलने पर पुलिस केस में सप्लिमेंट्री चालान पेश करेगी।