क्या आपको भी ऐसा लगता है कि आपकी लाइफ में सब गलत हो रहा है? क्या आप दिमाग में भी अक्सर ऐसा ख्याल आता रहता है कि आखिर क्यों आपके साथ ही सभी बुरी चीजें हो रही हैं? अगर हां, तो आपको इस पर विचार करने की जरूरत है कि कहीं आपकी पर्सनैलिटी हर वक्त विक्टिम कार्ड खेलने वाली तो नहीं हो गई है. कई बार लोगों को इस बात का अंदाजा भी नहीं लगता और वो हर स्थिति में खुद को विक्टिम मान लेते हैं. इसका असर आपकी मेंटल हेल्थ पर पड़ने लगता है. इसलिए जरूरी है कि आप इस मेंटेलिटी से बाहर निकलें. हालांकि, इस मेंटेलिटी से बाहर निकलने के लिए सबसे जरूरी है कि आप पहले इस चीज की पहचान करें कि कहीं आप इस मेंटेलिटी का शिकार तो नहीं हैं. आप इन चार लक्षणों से इसकी पहचान कर सकते हैं.
क्यों बुरा है हर वक्त ‘विक्टिम कार्ड’ खेलना?
पीड़ित मानसिकता (Victim Mentality) होने का मतलब है स्वयं को परिस्थितियों, बाहरी ताकतों या दूसरों के कार्यों का निरंतर शिकार मानने की मानसिकता. हर किसी के जीवन में उतार-चढ़ाव लगा रहता है, लेकिन विक्टिम मेंटालिटी से ग्रस्त लोग ये मान लेते हैं कि केवल उन्हीं के साथ बुरा हो रहा है. हर कोई उन्हें नुकसान पहुंचाने के लिए काम कर रहा है. इस तरह के माइंडसेट का असर आपकी पर्सनैलिटी पर भी नजर आने लगता है. साथ ही, आप धीरे-धीरे जिम्मेदारियों से भी भागना शुरू कर देते हैं. इसका असर आपके करियर पर भी पड़ने लगता है. इन चार लक्षणों से आप इस चीज की पहचान कर सकते हैं कि कहीं आप विक्टिम मेंटालिटी का शिकार तो नहीं हैं.
अपनी परेशानियों के लिए दूसरों को दोष देना: विक्टिम मेंटालिटी होने की सबसे बड़ी पहचान होती है कि आप हर वक्त अपनी परेशानियों का दोष दूसरों पर मढ़ते रहते हैं. जब आप ऐसा लगातार करने लगते हैं तो धीरे-धीरे आपको अपनी जिम्मेदारियों से भागने की आदत हो जाती है. अगर आप अपनी परेशानियों के लिए हर वक्त दूसरों को जिम्मेदार ठहराते हैं तो आप विक्टिम मेंटालिटी के शिकार हैं.
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बेबस महसूस करते हैं: एक्सपर्ट्स की मानें तो विक्टिम मेंटालिटी के लोगों विपरीत स्थितियों में खुद को बेबस महसूस करते हैं. वो समस्या को सुलझाने की बजाए सब कुछ यूं ही छोड़ देते हैं. समस्या का समाधान ढूंढने की बजाए ऐसे लोग बस स्थिति पर दुख व्यक्त करने लगते हैं. वो ऐसा मान लेते हैं कि उनके कंट्रोल में कुछ भी नहीं है और वो बस सारा वक्त समस्या को लेकर दुखी रहने लगते हैं.
खुद से करते हैं नेगेटिव बातें: जो लोग विक्टिम मेंटालिटी के शिकार होते हैं वो ये मान लेते हैं कि उनके जीवन में सबकुछ गलत ही हो रहा है. इस कारण से वो खुद से अक्सर नेगेटिव बातें करने लगते हैं. किसी भी काम से पहले वो खुद को हमेशा नेगेटिव चीजें बोलते हैं. वो अपनी काबिलियत पर शक करना शुरू कर देते हैं और खुद को नेगेटिविटी से घेर लेते हैं.
किसी पर भरोसा नहीं कर पाते: विक्टिम मेंटालिटी वाले व्यक्तियों के लिए किसी पर भरोसा कर पाना मुश्किल होता है. उन्हें ऐसा लगता है कि सभी लोग उनके दुश्मन हैं और हर कोई उन्हें नुकसान पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं. इस वजह से किसी पर भी भरोसा कर पाना उनके लिए मुश्किल हो जाता है.