अमन वर्मा, पानीपत2 महीने पहले
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उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या करने वालों का कनेक्शन हरियाणा से भी जुड़ा है। इनमें एक शूटर पानीपत जिले का रहने वाला है। जिसका जन्म भी पानीपत में हुआ। यह शूटर अरुण मौर्य पुत्र दीपक कुमार उर्फ मैनेजर है।
अरुण मौर्य कई वर्षों से पानीपत में अपने भाई व अन्य परिवार के लोगों के साथ रह रहा है। गांव में उसका आना जाना भी कम है। अभी 6 महीने पहले ही उसका पानीपत में किसी के साथ झगड़ा हुआ था। जिसके बाद वह UP चला गया और वहां चाचा-चाची के साथ रहने लगा। चाचा-चाची के घर के अलावा भी उसने यूपी में कई ठिकाने बनाए हुए हैं।

पानीपत में मौर्य ने मजदूरी की
शूटर अरुण मौर्य के पिता दीपक कुमार अपने पिता मथुरा प्रसाद के साथ काफी पहले से पानीपत में रहकर मजदूरी का काम करते थे। गांव में उनके पास डेढ़ बीघा जमीन है जिससे गुजारा नहीं हो पाता था। उसके बाद भी उन्होंने कई वर्षों तक पानीपत में मजदूरी आदि का काम किया। आठ साल पहले दीपक कुमार गांव में चले आए। यहां आकर पहले ऑटो चलाया। कई वर्ष तक ऑटो चलाने के बाद ऑटो का एक्सीडेंट हो गया। उसके बाद से उन्होंने गोलगप्पे की रेहड़ी लगाना शुरू कर दिया।

मीडिया से बात करते वक्त ही शनिवार रात 10:35 बजे तीन हमलावरों ने अतीक की कनपटी पर गोली मारी। कुछ ही कम समय में अतीक-अशरफ जमीन पर गिर गए। 20 सेकेंड में ही दोनों की मौत हो गई।
छह महीने पहले गांव में आया था शूटर
शूटर अरुण मौर्य पानीपत में ही रहता था, लेकिन करीब छह महीने पहले वह पानीपत में किसी से झगड़ा होने के बाद गांव आया था। उसके हाथ में फ्रैक्चर था। यहां 3 दिन रुकने के बाद वह वापस चला गया। अरूण के दादा मथुरा प्रसाद पानीपत के विकास नगर की एक फैक्ट्री में चौकीदार है। वह यहीं फैक्ट्री में रहता है।
दो छोटे भाई फरीदाबाद में करते हैं कबाड़ का काम
अरुण उर्फ कालिया के दो छोटे भाई भी हैं। जिनके नाम धर्मेद्र और आकाश हैं। ये दोनों फरीदाबाद में रहकर कबाड़ बेचने-खरीदने का काम करते हैं। अरुण मौर्य की चाची लक्ष्मी देवी और चाचा गांव में ही रहते हैं।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अरुण की चाची लक्ष्मी ने बताया कि अरुण बहुत पहले गांव आया था। उसके बाद वह आज तक नहीं आया है। अरुण की चाची ने बताया कि वो गांव आता था लेकिन किसी से बात नहीं करता था।
पुलिस के पहुंचने से पहले परिवार यूपी से फरार
पिता दीपक कुमार को इस बात की जानकारी नहीं थी कि उसके बेटे ने माफिया अतीक अहमद एवं अशरफ की हत्या कर दी है। सुबह 9 बजे तक दीपक कुमार उनकी पत्नी केला देवी और बेटी सपना गांव में थे और गोलगप्पे की ठेली लगाने की तैयारी कर रहे थे।
जब सोशल मीडिया से सुबह 8 बजे के बाद उन्हें बेटे की करतूत की जानकारी मिली तो पूरा परिवार कुछ ही देर में घर से फरार हो गया। तब तक पुलिस भी उनके घर नहीं पहुंची थी। गांव के लोगों ने बताया कि सुबह आठ से 9 बजे के बीच परिवार के लोग गोलगप्पे की तैयारी कर रहे थे।
उसके बाद अचानक कहीं चले गए। उनके जाने के बाद पुलिस टीम गांव में पहुंची। उन्होंने प्रयागराज से आए फोटो के माध्यम से ग्रामीणों से अरुण मौर्य की पहचान कराई और परिवार के बारे में जानकारियां जुटाईं। ग्रामीणों को जब इस मामले की जानकारी हुई तो वे भी चौंक गए और चुप्पी साध गए।