गहलोत ने पायलट को लेकर किया ट्वीट:बोले- राजेश पायलट का अपमान कर भाजपा वायुसेना का अपमान कर रही
जयपुर20 घंटे पहले
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बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय के मिजोरम की राजधानी आइजॉल पर 1966 में हुई बमबारी में राजेश पायलट के शामिल होने का दावा करने के बाद राजस्थान में विवाद तेज हो गया है। सचिन पायलट के पलटवार के बाद अब सीएम अशोक गहलोत ने बीजेपी पर पलटवार किया है। गहलोत ने बुधवार को ट्वीट कर अमित मालवीय और बीजेपी पर निशाना साधा है।
गहलोत ने लिखा- कांग्रेस नेता राजेश पायलट भारतीय वायुसेना के वीर पायलट थे। उनका अपमान करके भाजपा भारतीय वायुसेना के बलिदान का अपमान कर रही है। इसकी पूरे देश को निंदा करनी चाहिए।
सीएम के राजेश पायलट को लेकर किए गए ट्वीट की सियासी हलकों में भी चर्चा हो रही है। यह मामला अब इंदिरा गांधी सरकार और कांग्रेस नेताओं से जुड़ गया है। गहलोत के इस बयान के बाद अब कांग्रेस के कई नेता अमित मालवीय पर निशाना साध रहे हैं।

सीएम अशोक गहलोत की ओर से बुधवार को किया गया ट्वीट।
अमित मालवीय के ट्वीट से विवाद की शुरुआत
मालवीय ने दो दिन पहले ट्वीट कर यह दावा किया था कि मिजोरम की राजधानी आइजॉल पर 5 मार्च 1966 को जिन फाइटर जेट ने बमबारी की, उनमें राजेश पायलट और सुरेश कलमाड़ी पायलट थे। सचिन पायलट ने मालवीय को जवाब देते हुए पलटवार किया कि राजेश पायलट 29 अक्टूबर 1966 में वायुसेना में अफसर बने, ऐसे में मार्च 1966 में बमबारी कैसे कर सकते थे? राजेश पायलट ने पूर्वी पाकिस्तान पर बमबारी की थी, मिजोरम पर बमबारी करने का दावा झूठा है।
मोदी ने संसद में कहा था-कांग्रेस ने मिजोरम में असहाय नागरिकों पर हमला करवाया
पीएम नरेंद्र मोदी ने 10 अगस्त को लोकसभा में कहा था कि 5 मार्च 1966 को कांग्रेस ने मिजोरम में असहाय नागरिकों पर वायु सेना से हमला करवाया था। कांग्रेस को जवाब देना चाहिए कि क्या यह किसी अन्य देश की वायु सेना थी? क्या मिजोरम के लोग हमारे देश के नागरिक नहीं थे? क्या उनकी सुरक्षा भारत सरकार की जिम्मेदारी नहीं थी?

राजस्थान में आइजॉल बमबारी पर सियासी विवाद
मिजोरम की राजधानी पर बमबारी को लेकर मोदी के लोकसभा में दिए भाषण से विवाद की शुरुआत हुई। अब इस पर राजस्थान में विवाद बढ़ गया है। सचिन पायलट के बाद अब सीएम गहलोत समर्थक नेता भी अमित मालवीय के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। पायलट और गहलोत के समर्थक अमित मालवीय के खिलाफ केस दर्ज कर एक्शन लेने की मांग कर रहे हैं।

15 अगस्त को सचिन पायलट की ओर से किया गया ट्वीट।
1966 में मिजो नेशनल फ्रंट ने स्वतंत्रता की घोषणा कर दी थी
मिजोरम की राजधानी आइजॉल पर बमबाजी के पीछे नॉर्थ ईस्ट में उग्रवाद और अलगाव जुड़ा हुआ है। इंदिरा गांधी के 1966 में प्रधानमंत्री बनते ही नॉर्थ ईस्ट में उग्रवादी समस्या बढ़ गई थी। मिजोरम में मिजो नेशनल फ्रंट के उग्रवादियों ने विद्रोह करते हुए आजादी की घोषणा कर दी थी। यह देश को तोड़ने वाली घटना थी। इन उग्रवादियों को पड़ोसी पूर्वी पाकिस्तान और म्यांमार सहायता कर रहे थे। उग्रवादियों ने सेना की चौकी पर कब्जा कर लिया था। हालात बिगड़ने पर इंदिरा गांधी ने एयरफोर्स को मिजोरम और आसपास उग्रवादियों के ठिकानों पर हवाई हमले करने के आदेश दिए।

बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय की ओर से किया गया ट्वीट, जिससे विवाद हुआ।
5 मार्च 1966 को एयरफोर्स के फाइटर जेट ने आइजॉल पर उग्रवादियों के ठिकानों पर बमबारी की थी। इस एक्शन में आम लोग भी मारे गए थे। सरकार ने आधिकारिक रूप से कभी हवाई हमलों की बात स्वीकार नहीं की, लेकिन उस समय कई ऐसे सबूत हैं, जो हवाई हमले की बात को सही बताते हैं। देश के इतिहास में यह अनूठा मामला था जब देश की एयरफोर्स ने अपने ही देश में बमबारी की। इस घटना पर पहले भी कई बार विवाद हुआ था।
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आइजॉल बमबारी में राजेश पायलट का नाम लेने पर विवाद

मिजोरम की राजधानी आइजॉल पर इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री रहते 5 मार्च 1966 को की गई एयरफोर्स की बमबारी के मुद्दे पर उठा विवाद अब राजस्थान तक पहुंच गया है। बीजेपी आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने आइजॉल पर 5 मार्च 1966 को की गई बमबारी में सचिन पायलट के पिता राजेश पायलट और कांग्रेस नेता सुरेश कल्माड़ी के शामिल होने का दावा किया। (पढ़ें पूरी खबर)