- Hindi News
- National
- Kashmir Issues; Former RAW Chief AS Dulat On Congress And Mufti Mohammad Sayeed
पूर्व रॉ चीफ बोले- कश्मीर में अलगाववाद खत्म:घाटी में चुनी हुई सरकार जरूरी; राजनीतिक दलों से बात कर जल्द चुनाव होने चाहिए
नई दिल्ली4 दिन पहले
- कॉपी लिंक

रॉ से रिटायर होने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अमरजीत सिंह दुलत को कश्मीर मामलों का सलाहकार नियुक्त किया था। वह जनवरी 2001 से मई 2004 तक इस पद पर रहे।
रॉ के पूर्व चीफ अमरजीत सिंह दुलत ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 की तरह अलगाववाद भी खत्म हो चुका है।
घाटी में शांति के लिए केंद्र सरकार को यहां के राजनीतिक दलों से बातचीत कर जल्द से जल्द चुनाव करवाने चाहिए।
कश्मीर में जितनी जल्दी चुनी हुई सरकार बने, उतना अच्छा है। यह दिल्ली के लिए बफर यानी सिक्योरिटी कवर का काम करता है।
दुलत जब रॉ से रिटायर हुए तो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उन्हें कश्मीर मामलों का सलाहकार नियुक्त किया था। वह जनवरी 2001 से मई 2004 तक इस पद पर रहे।
दुलत ने पाकिस्तान से बातचीत की भी वकालत की। उन्होंने न्यूज एजेंसी PTI से कहा- इस्लामाबाद हमसे संबंध सुधारने का रास्ता तलाश रहा है। भारत को भी जवाब देना चाहिए।
पढ़ें दुलत का इंटरव्यू….

यह तस्वीर 3 जनवरी 2023 की है। दिल्ली के बाबरपुर इलाके से राहुल की भारत जोड़ो यात्रा में अमरजीत सिंह दुलत शामिल हुए थे।
सवाल: क्या जम्मू-कश्मीर में अलगावाद खत्म हो चुका है?
दुलत: जी हां। मेरा मानना है कि घाटी में 370 की तरह अलगाववाद भी पूरी तरह से समाप्त हो चुका है।
सवाल: अनुच्छेद 370 के निरस्त होने से कश्मीर मुद्दा हल हो गया है?
दुलत: यह कभी कोई बड़ा मुद्दा नहीं था और यह हमेशा एक मुद्दा रहेगा भी। जितनी जल्दी हमारे पास एक चुनी हुई सरकार होगी, उतना अच्छा होगा।
सवाल: घाटी में शांति के लिए केंद्र सरकार को क्या करना चाहिए?
दुलत: बातचीत आगे बढ़ने का तरीका है। यदि अलगाववादियों से बातचीत नहीं करनी, तो कश्मीर में मौजूद राजनीतिक दलों से वार्ता हो और जल्द से जल्द चुनाव कराए जाएं।
मुझे लगता है कि 4 अगस्त, 2019 से नजरबंद हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक की कश्मीर की राजनीति में अहम भूमिका है।
उन्हें बाहर लाना चाहिए। फिर सरकार को यह देखना चाहिए कि वो कहां जाते हैं। उनका रुख क्या रहता है। उमर फारूक को जल्द से जल्द सरकार को छोड़ना चाहिए।
सवाल: क्या पाकिस्तान की स्थिति का कश्मीर पर कोई प्रभाव है?
दुलत: मुझे नहीं लगता, लेकिन कश्मीर के युवाओं में कट्टरता चिंता का एक कारण है। जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद खत्म नहीं हुआ है क्योंकि आए दिन घटनाएं होती रहती हैं।
उन्होंने कहा- पुंछ और राजौरी में कुछ बुरी घटनाएं हुईं। हमें इस पर ध्यान देने की जरूरत है। कश्मीरी व्यक्ति शांति के लिए तरस रहा है। वह तंग आ चुका है।
यह एक ऐसा प्रयोग था जिससे कश्मीर को गुजरना पड़ा। यह प्रयोग विफल हो गया है। मुझे लगता है कि कोई नहीं चाहता कि यह जारी रहे।

जम्मू-कश्मीर के पुंछ में इसी साल 20 अप्रैल की दोपहर 3 बजे आतंकियों ने आर्मी ट्रक पर हमला किया था। इस हमले में सेना के 5 जवान शहीद हो गए थे।
सवाल: कांग्रेस के रोल से आप कितने सहमत हैं?
दुलत: 2005 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) के संस्थापक मुफ्ती मोहम्मद सईद को जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में बरकरार नहीं रखकर बड़ी गलती की थी।
2002 में, मुफ्ती साहब मुख्यमंत्री बने। मुझे लगता है कि उनके तीन साल बहुत अच्छे थे। मुझे लगता है कि मुफ्ती साहब को हटाकर कांग्रेस ने बहुत बड़ी गलती की। ये चीजें होती हैं। यह राजनीति है। फैसला सत्ता में मौजूद पार्टी करती है।
सवाल: क्या कश्मीर में परदे के पीछे से कोई बातचीत चल रही है?
दुलत: मैं नहीं जानता और मुझे जानना भी नहीं चाहिए क्योंकि मैं लंबे समय से सरकार से बाहर हूं। दुलत ने कहा कि भारत को पाकिस्तान की पहलों का सकारात्मक जवाब देना चाहिए क्योंकि इस्लामाबाद नई दिल्ली के साथ संबंध सुधारने का रास्ता तलाश रहा है। पाकिस्तान से बातचीत करनी चाहिए, क्योंकि भारत में आतंकवादी वहीं से आ रहे हैं।

2015 में दुलत ने ‘कश्मीर: द वाजपेयी इयर्स’ किताब लिखी थी, इसमें उन्होंने वाजपेयी सरकार पर कंधार विमान हाईजैक मामले में लापरवाही के आरोप लगाए थे।
सवाल: पाकिस्तान क्रिकेट टीम का क्रिकेट विश्व कप के लिए भारत आना अच्छा होगा?
दुलत: पाकिस्तान क्रिकेट टीम का क्रिकेट विश्व कप के लिए भारत आना अच्छी बात होगी। उन्हें आना चाहिए। शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन है और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को आना चाहिए। मुझे लगता है कि वह आएंगे।
पाकिस्तान भारत के साथ संबंध सुधारने का रास्ता तलाश रहा है और मुझे लगता है कि हमें वह रास्ता मुहैया कराना चाहिए। मुझे यकीन है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी इसके बारे में सचेत हैं। वह एक बड़े नेता हैं। वह अमेरिका जा रहे हैं। देखते हैं।