अहमदाबाद8 दिन पहले
- कॉपी लिंक

10 नंबर के सिग्नल का मतलब 89 से 102 किमी प्रति घंटे की स्पीड से हवाओं का चलना होता है।
अरब सागर से उठा चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ जैसे-जैसे रफ्तार पकड़ता जा रहा है, वैसे-वैसे गुजरात के लिए खतरा बढ़ता जा रहा है। तूफान के बुधवार शाम तक या रात तक द्वारका, कंडला और जखौ पोर्ट से टकराने की आशंका है। इस समय तूफान 8 किमी प्रतिघंटे की स्पीड से बढ़ रहा है।
इसके चलते गुजरात के कंडला और जखौ पोर्ट के तटों पर 10 नं. का सिग्नल जारी कर दिया गया है। अन्य तटीय इलाकों में नंबर-5 से नंबर-8 तक के सिग्नल जारी कर दिए गए हैं। हालांकि, बहुत से लोग यह नहीं जानते होंगे कि ये सिग्नल क्या हैं और खतरे के बीच किस तरह काम करते हैं।
12 नंबर का सिग्नल मतलब सबकुछ खत्म
अमूमन चलने वाली तूफानी हवाओं के अनुसार विभिन्न जगहों पर अलग-अलग नंबर के सिग्नल स्थापित किए गए हैं। समुद्री इलाकों में सिग्नल 1 से 12 नंबर के बीच होते हैं। वहीं, आखरी 12 नंबर के सिग्लन का मतलब होता है 119 से 220 किमी की स्पीड से आने वाला तूफान, जिसकी चपेट में आने वाली हर चीज तबाह हो जाती है।

अमूमन चलने वाली तूफानी हवाओं के अनुसार विभिन्न जगहों पर अलग-अलग नंबर के सिग्नल स्थापित किए जाते हैं।
मछुआरे भी इन सिग्नलों के अनुसार समुद्री सफर तय करते हैं
दरअसल, ये सिग्नल ब्यूफर्ट स्केल के रूप में पहचाने जाते हैं, ये ब्रिटिश काल में लगाए गए थे। ब्रिटिश नौका अधिकारियों ने 1805 में तूफानी हवाओं की स्पीड के आधार पर ये सिग्नल तय किए थे। गुजरात का ज्यादातर भाग अरब सागर से लगा हुआ है। इसके चलते आप तटीय इलाकों में हरेक जगह ये सिग्नल देख सकते हैं। मछुआरे भी इन सिग्नलों के निर्देश पर ही तय करते हैं कि समुद्र में कितनी दूर तक जाना है।
अब समझिए सिग्नल के संकेत
सिग्नल | हवा की स्पीड (प्रति घंटे) | ये असर होता है |
नंबर 1 | 1 से 5 किमी | तेज हवाएं चलने लगती हैं। |
नंबर 2 | 6 से 12 किमी | तेज हवाओं के साथ धूल भरी आंधी चलने लगती है। |
नंबर 3 | 13 से 20 किमी | समुद्र में तेज लहरें उठने लगती हैं। |
नंबर 4 | 21 से 29 किमी | छोटे पेड़ उखड़ने की स्थिति में आ जाते हैं। |
नंबर 5 | 30 से 39 किमी | सड़कों पर चलना मुश्किल हो जाता है। |
नंबर 6 | 40 से 49 किमी | इलाके में विजिबिलिटी कम होने लगती है। |
नंबर 7 | 50 से 61 किमी | किसी एक जगह खड़ा होना भी मुश्किल हो जाता है। |
नंबर 8 | 62 से 74 किमी | पेड़ व पोल उखड़ने लगते हैं। |
नंबर 9 | 75 से 88 किमी | समुद्र में विजिबिलिटी जीरो होने लगती है। |
नंबर 10 | 89 से 102 किमी | समुद्र में 20 फीट ऊंची लहरें उठने लगती हैं। |
नंबर 11 | 103 से 118 किमी | लहरें तूफान में बदलने लगती हैं। तटीय इलाकों में तेज हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश होने लगती है। |
नंबर 12 | 119 से 220 किमी | विनाशकारी तूफान। |