अहमदाबाद13 दिन पहले
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द्वारका बीच पर तूफान का संकेत देती हुईं अरब सागर से उठती लहरें।
गुजरात पर समुद्री चक्रवात का खतरा मंडरा रहा है। अरब सागर से उठ रहे इस चक्रवाती तूफान को ‘बिपरजॉय’ नाम दिया गया है। मौसम विभाग के अनुसार अगले 36 घंटे में बिपरजॉय विकराल रूप ले सकता है। इसका असर गुजरात के साथ केरल, कर्नाटक और गोवा में भी देखने को मिल सकता है।
गुजरात के पोरबंदर से फिलहाल यह 800 किमी दूर है। खतरे को देखते हुए गुजरात के सभी बंदरगाहों को अलर्ट मोर्ड पर रहने को कहा गया है। सभी बीच खाली कराए जा रहे हैं। तूफान के खतरे को देखते हुए उत्तर गुजरात के बंदरगाहों को खास एहतियात बरतने के निर्देश जारी किए गए हैं।

तूफान के बढ़ते खतरे के चलते बीच खाली कराते हुए पुलिसकर्मी।
गुजरात के तटीय इलाकों में बादल छाए
बिपरजॉय उत्तर से उत्तर पश्चिम की तरफ बढ़ रहा है। इसके चलते सौराष्ट्र और कच्छ के बंदरगाहों में एक नंबर की सिग्नल का अलर्ट जारी कर दिया गया है। सौराष्ट्र के तटीय इलाकों में बादल छाए हुए हैं और कहीं-कहीं 30 से 40 किमी की स्पीड से हवाएं भी चल रही हैं। अनुमान है कि तटीय इलाकों में हवाओं के साथ तेज बारिश हो सकती है। इसी के चलते मछुआरों को समुद्र में न जाने के निर्देश दिए गए हैं।

भावनगर में तूफान से बचाने अपनी नावों को बांधते हुए मछुआरे।
डिस्टैंट कॉशनरी-1 सिग्नल एक्टिव करने के निर्देश
मौसम विभाग ने उत्तर और दक्षिण गुजरात तटों के सभी बंदरगाहों पर डिस्टैंट कॉशनरी-1 (डीसी-1) सिग्नल प्रणाली सक्रिय करने के निर्देश दिए हैं। मौसम विभाग के पोर्टल के अनुसार, डीसी-1 को किसी बंदरगाह पर तब सक्रिय किया जाता है, जब समुद्र में गहरे दबाव की स्थिति बनती है।

हमेशा पर्यटकों की भीड़ से गुलजार रहने वाले सूरत के डुमस बीच पर सन्नाटा।
पाकिस्तान, ईरान, ओमान तक तूफान का असर
डीसी-1 सिग्नल तब एक्टिव किया जाता है, जब बंदरगाह पर स्थानीय मौसम के तुरंत प्रभावित होने की संभावना नहीं होती, लेकिन बंदरगाह से रवाना होने वाले जहाज खतरे में पड़ सकते हैं। भारत समेत पाकिस्तान, ईरान, ओमान और अरब सागर से सटे देशों पर भी इसके असर की आशंका जताई गई है।