कौआ-मोर-गौरैया बताते हैं कि कितनी होगी बारिश:गिरगिट पेड़ पर उल्टा चढ़े तो ठीक, सियार रोए या नीम ज्यादा हरी दिखे तो समझिए सूखा पड़ेगा
2 दिन पहलेलेखक: राजेश साहू
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अगले एक हफ्ते का मौसम कैसा रहेगा, यह जानने के लिए हमें मौसम विभाग के अपडेट का इंतजार करना पड़ता है। मगर बहुत सारे ऐसे लोग हैं, जिनके पास मौसम विभाग के अपडेट को जानने के लिए न मोबाइल है और न टीवी। लेकिन, उन्हें पता चल जाता है कि इस बार का मानसून कैसा रहने वाला है। आश्चर्य है न? असल में हमारे पूर्वजों ने अपने अनुभव के आधार पर अपने आस-पास की चीजों को मौसम से जोड़ दिया। वह इन्हीं चीजों को देखकर बता देते हैं कि मौसम कैसा होगा?
आज हम मौसम के उन्हीं देसी अलार्म को जानेंगे। कैसे जानवरों का व्यवहार, पेड़ों की पत्तियां और पक्षियों की आवाज आने वाले मौसम के बारे में बताती है। सबसे पहले अच्छे मानसून के देसी अलार्म जानते हैं…
गौरैया और मेंढक बारिश से पहले देते हैं संकेत
हमारे पूर्वजों ने गौरैया और मेंढक को मानसून से पहले मानसून के अच्छे-बुरे होने का संकेत माना। उनका मानना था कि अगर गौरैया मिट्टी में अठखेलियां कर रही हो, तो समझिए आने वाला मानसून भरपूर होगा। ठीक इसी तरह से माना जाता है कि मेंढक अगर बारिश से पहले ही टर्र-टर्र करने लगे, तो यह मानसून के लिए शुभ संकेत होता है। ऐसा बारिश होने से कुछ वक्त पहले ही होता है।
बेहतर मानसून की भविष्यवाणी के लिए लोग मोर पर भरोसा करते हैं। बुजुर्गों का मानना होता है कि खेतों या फिर बाग में मोर लगातार पीक मार रहा। पंख फैला रहा तो इसका सीधा सा मतलब है कि अगले 4-6 दिन के अंदर जोरदार बारिश होगी। आदिवासियों की मानसून भविष्यवाणी गिरगिट पर भी टिकी होती है। अगर, वह कहीं के लिए यात्रा शुरू कर रहे हों और सामने गिरगिट पेड़ पर चढ़ता दिख जाए तो वह यात्रा स्थगित कर देते हैं। उनका मानना होता है कि इससे जोरदार बारिश होगी।
अकबर के समय में महाकवि घाघ उन कवियों में शामिल थे जो पेड़-पक्षियों के अंदर हुए बदलाव को देखकर बता देते थे कि मानसून कैसा होगा। इस ग्राफिक में उनकी चार कहावतें पढ़िए।

- बुजुर्गों का इन चीजों को लेकर मौसम की भविष्यवाणी जरूरी नहीं कि हर बार सही हो, लेकिन यह सब कुछ वर्षों के अनुभव पर टिका होता है। इसलिए एक बार में खारिज कर देना भी आसान नहीं है।
पीपल-महुआ भी बताते हैं कि जोरदार बारिश होगी
पीपल धार्मिक पेड़ है। लोग पूजा-पाठ के लिए वर्षों से इस पेड़ के पास जाते हैं। गर्मियों में जब तमाम पेड़ों के पत्ते खत्म होते दिखते हैं, तब इसमें नई पत्तियां होती हैं। अगर यही पत्तियां ज्यादा हों, ज्यादा हरी हो तो गांव के लोग बता देते हैं कि इस बार जोरदार बारिश होने वाली है। ठीक इसी तरह महुआ के पेड़ को भी देखकर अनुमान लगाया जाता है। कम पत्ते-कम बारिश, ज्यादा पत्ते-ज्यादा बारिश की बात होती है।
आपने बटेर पक्षी का नाम सुना होगा। उसे लेकर तो यहां तक कहा जाता है कि आसमान पर बादल हो या न हो, अगर बटेर बोल रहा तो समझिए की आज ही बरसात होगी। ग्रामीण इलाकों में लोग बरसात से बचने के इंतजाम में जुड़ जाते हैं। ठीक इसी तरह से सांप को भी मानसून सूचक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। सांप अगर जमीन पर चलने के बजाय पेड़ों पर चढ़कर बैठने लगे तो यह माना जाता है कि आने वाले वक्त में पानी बरसने वाला है।
- यहां तक आपने उन संकेतों को जाना जो बेहतर मानसून बताते हैं। आइए अब उन संकेतों को जानते हैं जो बताते हैं कि इस बार मानसून का संकट होगा।
बबूल का पेड़ घना-बांस की पत्तियां हरी हों, तो संकेत नेगेटिव
बबूल की एक प्रजाति खिजरा बबूल की है। आम बबूल के मुकाबले यह ज्यादा घना होता है लेकिन अगर यह ज्यादा हरा-भरा हो जाए, इतना घना हो जाए कि शाखाएं जमीन पर लगने लगे तो बुजुर्ग मानते हैं कि इस बार मानसून अच्छा नहीं होगा। ठीक इसी तरह बांस को लेकर माना जाता है। गर्मी में बांस एकदम सूखा रहता है। लेकिन, अगर बांस गर्मी में भी हरा-भरा नजर आए, तो सूखा पड़ने की संभावनाओं पर बात होने लगती है।
यूपी के लगभग हिस्सों में घरों के बाहर नीम के पेड़ होते हैं। बिना बरसात अगर यह ज्यादा हरी-भरी दिखाई दे, इसमें आवश्यकता से अधिक निंबोलियो लदे नजर आए, तो यह माना जाता है कि इस बार बारिश कम होगी। घाघ-भड्डरी ने कम बारिश को लेकर जो कहावतें कही हैं, वह यहां देखिए।

कौए का रात और सियार का दिन में रोना बुरा
कौआ आमतौर पर दिन में ही बोलता है। रात में यह अपने घोसलों में चले जाते हैं। लेकिन अगर यह रात में भी कांव-कांव कर रहे हैं तो समझिए इस बार सूखा पड़ने वाला है। ठीक इसके उल्टा अगर जून के महीने में सियार दिन में रोता है तो अपशकुन माना जाता है। बुजुर्ग मानते हैं कि ऐसा होना आने वाले मानसून के लिए अच्छा संकेत नहीं होता है।
- ये था मौसम का देसी अलार्म। बुजुर्ग आज भी टीवी-मोबाइल पर बताए गए मौसम से ज्यादा इन माध्यमों पर भरोसा करते हैं। अब आपको वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बताते हैं कि मौसम कैसा होगा।
कानपुर की CSA यूनिवर्सिटी के मौसम विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ. SN सुनील पांडेय ने कहा कि यूपी में अब लगातार बारिश होती रहेगी। अभी तक जो स्थिति है उसके मुताबिक जुलाई में अच्छी बारिश के संकेत हैं। पहले बिपरजॉय और बंगाल की खाड़ी में बने एक और चक्रवात की वजह से यूपी के साथ पूरे देश में तेजी से मानसून सक्रिय हो चुका है। लखनऊ, नोएडा, रामपुर, बरेली, मथुरा, मेरठ, गाजियाबाद सहित करीब 29 जिलों में तेज बारिश का अनुमान है।
- मानसून से जुड़ी खबरें और भी हैं। आप यहां पढ़ सकते हैंः
लखनऊ में उमस ने किया परेशान, 29 जून से हफ्तेभर तक बारिश के आसार
लखनऊ में मंगलवार सुबह से तेज धूप निकली है। उमस ने लोगों को परेशान कर रखा है। लखनऊ और आसपास के जिलों में मंगलवार-बुधवार को बदली के साथ बूंदाबांदी हो सकती है। बीच-बीच में धूप निकलेगी। सोमवार की बात करें तो दोपहर में कुछ इलाकों में हल्की बारिश हुई। 10-15 मिनट की बारिश ने उमस बढ़ा दी। 29 जून से लखनऊ सहित आसपास के जिलों में तेज बारिश होने की संभावना है। बारिश का यह सिलसिला एक सप्ताह रहने की उम्मीद है। पढ़ें पूरी खबर…

विजुअल लखनऊ के जनेश्वर मिश्र पार्क का है। मंगलवार सुबह 6 बजे यहां धूप निकली। उमस से लोग परेशान हुए।
बरेली में सुबह से धूप, हल्की बारिश की उम्मीद
बरेली में मंगलवार सुबह से धूप खिली है। मौसम विभाग के मुताबिक, अगले 24 घंटे में मध्यम बारिश होने की संभावना है। सुबह न्यूनतम तापमान 21 डिग्री रहा। दिन में अधिकतम तापमान 35 डिग्री रहने का अनुमान है। हवा की स्पीड 12 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी। इससे पहले सोमवार को कभी धूप तो कभी बादल छाए रहे। रात में उमस भरी गर्मी झेलनी पड़ी। पढ़ें पूरी खबर…

यह फोटो मंगलवार को बरेली की बदायूं रोड की है। सुबह ही यहां तेज धूप निकल आई। मौसम विभाग का अनुमान है कि शाम तक हल्की बारिश हो सकती है।
वाराणसी में कल से मानसून वाली बारिश के आसार, आज धूप निकली
वाराणसी में बुधवार से मानसून दोबारा एक्टिव होगा और बारिश हो सकती है। आज धूप खिली है। लेकिन, 15 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से पुरवा हवा भी बह रही है। इसकी वजह से मौसम में उमस और तापमान कम है। सुबह 9 बजे तक वाराणसी का पारा 31 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया। हवा में नमी 83% तक रिकॉर्ड किया गया है। मौसम विज्ञान विभाग ने अगले 10 दिनों के लिए बारिश का अलर्ट जारी कर दिया है। आज भी बरसात हो सकती है। पढ़ें पूरी खबर…

यह फोटो BHU कैंपस की है। धूप खिली है, मगर गर्मी थोड़ी कम है।