कांग्रेस हाईकमान को पंजाब में चन्नी पर भरोसा:CWC में पूर्व CM के साथ मनीष तिवारी-अंबिका सोनी को भी जगह, सिद्धू का नाम मिसिंग
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अमृतसर21 घंटे पहले

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कांग्रेस पार्टी ने अपनी नई वर्किंग कमेटी (CWC) का ऐलान कर दिया है। पंजाब के पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी को कांग्रेस हाईकमान ने CWC में बतौर मेंबर शामिल किया है। वहीं जारी लिस्ट में पूर्व सांसद अंबिका सोनी और सांसद मनीष तिवारी को भी जगह दी गई है। लेकिन पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू को CWC में जगह नहीं दी गई।

इससे पहले पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PPCC) में भी सिद्धू को जगह नहीं दी गई थी। फरवरी 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान नवजोत सिद्धू ही प्रदेश कांग्रेस के प्रधान थे, लेकिन चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस हाईकमान से उनसे इस्तीफा मांग लिया था। उसके बाद गिदड़बाहा के विधायक अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग को पंजाब प्रदेश कांग्रेस का नया अध्यक्ष बनाया गया। तभी से अटकलें लगाई जा रही थी कि सिद्धू को कांग्रेस हाईकमान पार्टी ही सेंटर लीडरशिप में जगह दे सकता है।

हालांकि रविवार को ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) की ओर से जारी की गई पार्टी की नई वर्किंग कमेटी (CWC) सदस्यों की लिस्ट में सिद्धू को जगह नहीं दी गई। सिद्धू खुद को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का करीबी बताते रहे हैं, लेकिन CWC की नई लिस्ट से साफ हो गया है कि हाईकमान पंजाब में उनसे ज्यादा भरोसा चन्नी में दिखा रहा है।

चन्नी-अंबिका का नाम प्रियंका से भी ऊपर
CWC मेंबरों में चरणजीत सिंह चन्नी के अलावा पंजाब से राज्यसभा सदस्य रह चुकी अंबिका सोनी का नाम भी शामिल है।

खास बात ये है कि चन्नी और अंबिका सोनी का नाम CWC लिस्ट में प्रियंका गांधी से भी ऊपर रखा गया है। CWC मेंबरों की लिस्ट में अंबिका सोनी का नाम 7वें और चन्नी का नाम 17वें नंबर पर है। प्रियंका गांधी का नाम इस लिस्ट में चन्नी के बाद 18वें नंबर पर है।

इन दोनों के अलावा आनंदपुर साहिब के लोकसभा सांसद मनीष तिवारी को CWC में बतौर परमानेंट इन्वायटी जगह दी गई है।

चन्नी पर भरोसा कायम
पंजाब में सितंबर 2021 में मुख्यमंत्री के पद से कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाने के बाद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने दलित कम्युनिटी से आने वाले चरणजीत सिंह चन्नी पर जो भरोसा जताया था, वो आज भी कायम है। उस समय नवजोत सिद्धू भी राहुल-प्रियंका के करीबी थे लेकिन विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद सिद्धू से पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा ले लिया गया।

चन्नी की दलित वोटरों पर अच्छी पकड़ मानी जाती है और पंजाब के दोआबा इलाके में इसी समुदाय का दबदबा है। रोपड़ जिले की चमकौर साहिब विधानसभा सीट से विधायक रह चुके चरणजीत सिंह चन्नी कैप्टन सरकार में भी कैबिनेट मंत्री थे। उनके पास तब टेक्निकल एजुकेशन महकमा था।

मनीष तिवारी का NSUI से संसद तक का सफर
आनंदपुर साहिब लोकसभा सीट के सांसद मनीष तिवारी पेशे से वकील हैं और सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस कर चुके हैं। वह वर्ष 2009 से 2014 तक मनमोन सिंह की अगुवाई वाली यूपीए सरकार के पहले कार्यकाल में केंद्र में सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहे।

राजनीतिक जीवन की शुरुआत NSUI से करने वाले मनीष तिवारी बाद में कांग्रेस की राष्ट्रीय समिति के सदस्य बने। पहली बार वह 2009 में अकाली दल के गुरचरण सिंह को हराकर लोकसभा पहुंचे। बीमारी के कारण उन्होंने 2014 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा। 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें आनंदपुर साहिब सीट से मैदान में उतारा जहां से वह जीते।

अंबिका ने ही जाखड़ को नहीं बनने दिया था सीएम
अंबिका सोनी कांग्रेस की वरिष्ठ नेता हैं और उन्हें गांधी परिवार का बेहद करीबी माना जाता है।

पंजाब में कांग्रेस सरकार के दौरान 18 सितंबर 2021 को जब कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया तो हाईकमान ने उनकी जगह प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ को नया CM बनाने का फैसला लगभग कर लिया था लेकिन ऐन मौके पर अंबिका सोनी ने वीटो लगा दिया। अंबिका सोनी ने तब तर्क दिया था कि पंजाब में किसी सिख को ही मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। उसके बाद चरणजीत सिंह चन्नी को नया सीएम बनाया गया।

कांग्रेस छोड़ चुके सुनील जाखड़ खुद कई दफा अंबिका सोनी के उस फैसले पर सवाल उठा चुके हैं। जाखड़ इस समय पंजाब में BJP के प्रदेश प्रधान हैं।

अंबिका को इंदिरा लाईं पार्टी में, संजय के करीबियों में रहीं

केंद्र में पर्यटन, संस्कृति और सूचना-प्रसारण जैसे मंत्रालय देख चुकी अंबिका सोनी ने अपने सियाी जीवन की शुरुआत 1969 में की थी। वर्ष 1969 में कांग्रेस के विभाजन के समय इंदिरा गांधी ने उन्हें पार्टी में शामिल किया। संजय गांधी के करीबियों में शामिल रहीं अंबिका सोनी वर्ष 1975 में यूथ कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गईं। मार्च 1976 में उन्हें राज्यसभा के लिए चुना गया। 1998 में वह अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष बनीं।

वर्ष 1999 से 2006 तक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) की महासचिव रहीं अंबिका सोनी जनवरी-2000 में दोबारा राज्यसभा के लिए चुनी गई। जुलाई-2004 में वह फिर राज्यसभा मेंबर बनी। 29 जनवरी 2006 से 22 मई 2009 तक वह UPA सरकार में टूरिज्म मिनिस्टर भी रहीं।

वह 2009 से 2012 तक मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली यूपीए सरकार में सूचना एवं प्रसारण मंत्री रहीं।

ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की ओर से जारी लिस्ट….

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