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- Arvind Kejriwal Vs Modi Government; Delhi CM To Meet MK Stalin, Hemant Soren
नई दिल्ली22 दिन पहले
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दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल गुरुवार को चेन्नई में तमिलनाडु के CM एमके स्टालिन से मिले। उनके साथ पंजाब के CM भगवंत मान भी शामिल हुए।
CM अरविंद केजरीवाल गुरुवार शाम तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से मिलने चेन्नई पहुंचे।उनके साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी मौजूद रहे। मुलाकात के बाद स्टालिन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- हमने आज दिल्ली सरकार के खिलाफ केंद्र के अध्यादेश पर चर्चा की। यह अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक है।
मुख्यमंत्री स्टालिन ने आश्वासन दिया है कि डीएमके, AAP और दिल्ली के लोगों के साथ खड़ी रहेगी। उन्होंने कहा- मैंने कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे जी और राहुल जी से मिलने का समय मांगा है और उनके जवाब का इंतजार कर रहा हूं। मुझे विश्वास है कि कांग्रेस को हमारा समर्थन करना चाहिए।

मीटिंग के बाद आप नेताओं और स्टालिन ने संयुक्त रूप से मीडिया को संबोधित किया।
दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण से जुड़े मोदी सरकार के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन जुटाने देश भर के विपक्षी नेताओं से मिल रहे हैं। 2 जून को वे झारखंड CM हेमंत सोरेन से रांची में मिलेंगे।
CM केजरीवाल अध्यादेश के विरोध में ही विपक्षी दलों का समर्थन हासिल करने देशभर में गैर BJP राज्यों का दौरा कर रहे हैं।
अब तक इतने लोगों से मिल चुके केजरीवाल

पीएम को चिट्ठी लिखकर कहा था- 8 साल में लड़ाई जीती, 8 दिन में पलट दिया फैसला
अध्यादेश का विरोध करने के दौरान केजरीवाल 27 मई को हुई नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की 8वीं बैठक में भी नहीं गए। बल्कि इसके पहले उन्हें पीएम मोदी के नाम एक चिट्ठी लिखी, जिसमें कहा कि पिछले कुछ सालों में गैर-भाजपा सरकारों को गिराया जा रहा है या काम नहीं करने दिया जा रहा। ये हमारे देश का विजन नहीं है।
8 साल बाद दिल्ली वालों ने लड़ाई जीती। सिर्फ 8 दिन में आपने अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट का आदेश पलट दिया। आज अगर दिल्ली सरकार का कोई अधिकारी काम ना करे तो लोगों द्वारा चुनी गई दिल्ली सरकार उन पर कोई कार्रवाई नहीं कर सकती।
उन्होंने कहा कि जब खुलेआम संविधान का मजाक बनाया जा रहा हो तो मीटिंग में शामिल होने का कोई मतलब नहीं रह जाता।
AAP का 11 जून को रामलीला मैदान में शक्ति प्रदर्शन
केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी 11 जून को दिल्ली के रामलीला मैदान में महारैली कर शक्ति प्रदर्शन करेगी। पार्टी सूत्रों के अनुसार, महारैली में विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने की तैयारी है। गोपाल राय ने बताया कि जिस तरह से केंद्र सरकार ने संविधान का मजाक बना दिया है यह महा रैली इसके खिलाफ है।

30 मई को केजरीवाल CPIM नेता सीताराम येचुरी से मिले थे।
पढ़ें दिल्ली और केंद्र सरकार के बीच कैसे चल रहा पॉलिटिक्स पावर का गेम…
- 11 मई- सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा- दिल्ली सरकार की सलाह पर काम करेंगे LG सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई को फैसला दिया कि दिल्ली में सरकारी अफसरों पर चुनी हुई सरकार का ही कंट्रोल रहेगा। 5 जजों की संविधान पीठ ने एक राय से कहा- पब्लिक ऑर्डर, पुलिस और जमीन को छोड़कर उप-राज्यपाल बाकी सभी मामलों में दिल्ली सरकार की सलाह और सहयोग से ही काम करेंगे। पूरी खबर पढ़ें…
- 12 मई- केजरीवाल सरकार ने सर्विस सेक्रेटरी का ट्रांसफर किया, LG ने रोका सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच के फैसले के एक दिन बाद ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सर्विस सेक्रेटरी आशीष मोरे को हटा दिया। दिल्ली सरकार ने आरोप लगाया कि LG ने इस फैसले पर रोक लगा दी। LG सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद ऐसा कर रहे हैं। यह कोर्ट के आदेश की अवमानना है। हालांकि बाद में LG ने फाइल पास कर दी। पूरी खबर पढ़ें…
- 19 मई- केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलटा सुप्रीम कोर्ट के फैसले के 7 दिन बाद केंद्र सरकार ने 19 मई को दिल्ली सरकार के अधिकारों पर अध्यादेश जारी कर दिया। अध्यादेश के मुताबिक, दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का आखिरी फैसला उपराज्यपाल यानी LG का होगा। इसमें मुख्यमंत्री का कोई अधिकार नहीं होगा। संसद में 6 महीने के अंदर इससे जुड़ा कानून भी बनाया जाएगा। पूरी खबर पढ़ें…
- 20 मई- सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका लगाई दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर उपराज्यपाल और अरविंद केजरीवाल सरकार की लड़ाई फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। केंद्र सरकार 19 मई को अध्यादेश लाने के ठीक एक दिन बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंची। केंद्र ने संवैधानिक बेंच द्वारा दिए गए 11 मई के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट को फिर से विचार करने की अपील की है।
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अरविंद केजरीवाल के समर्थन पर कांग्रेस बंटी

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने दिल्ली और पंजाब के नेताओं के साथ बैठक की। इस बैठक में चर्चा की गई कि कांग्रेस को केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी का समर्थन करना चाहिए या नहीं। केजरीवाल को समर्थन देने को लेकर पार्टी के नेता दो गुट में बंटे हुए हैं। पढ़ें पूरी खबर…