कोलकाताएक महीने पहले
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शिक्षक भर्ती घोटाले में टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी को CBI ने 20 मई को पूछताछ के लिए समन किया है। जांच एजेंसी का नोटिस मिलने के बाद अभिषेक ने अपने जनसंपर्क अभियान को अस्थाई रूप से रोकने का फैसला किया है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि एजेंसी ने मुझे कल सुबह 11 बजे बुलाया है। इसीलिए मैं आज रात कोलकाता लौट रहा हूं।
अभिषेक ने कहा कि मेरे मन में न्यायपालिका और अदालत के प्रति सम्मान है। मुझे जांच एजेंसियों के साथ सहयोग करने में कोई समस्या नहीं है। इससे पहले भी केंद्रीय एजेंसियों ने मुझे पूछताछ के लिए बुलाया था तो मैंने उनका सहयोग किया था।
TMC नेता बांकुड़ा में एक रैली को संबोधित करने के लिए कोलकाता के लिए रवाना होंगे। बांकुड़ा में ही एक जनसभा में अभिषेक ने कहा कि वोटरों के अलावा मैंने किसी के भी सामने अपना सिर नहीं झुकाया है। अगर मेरे खिलाफ भ्रष्टाचार का सबूत मिलता है तो CBI मुझे गिरफ्तार करे। जांच एजेंसी ने मुझे तलब किया है, क्योंकि वे यह जनसंपर्क अभियान बंद कराना चाहते हैं।
अभिषेक बनर्जी आज शाम बांकुरा में एक रैली को संबोधित करने वाले थे, लेकिन CBI का नोटिस मिलने के बाद अब रैली को ममता बनर्जी संबोधित करेंगी।

तस्वीर कुंतल घोष की है, जिसे ED ने शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने ED को घोष की कस्टडी भी दी थी। इसने आरोप लगाया था कि एजेंसी उस पर अभिषेक बनर्जी का नाम लेने के लिए दबाव बना रही है।
उधर, कोलकाता हाईकोर्ट ने 18 मई को अभिषेक बनर्जी की शिक्षक भर्ती घोटाले में ED और CBI को उनसे पूछताछ की अनुमति के आदेश पर फिर से विचार करने की अर्जी खारिज कर दी थी। साथ ही कोर्ट ने अभिषेक पर 25 लाख रुपए जुर्माना भी लगाया। जस्टिस अमृता सिन्हा ने हाईकोर्ट के फैसले पर विचार करने से इनकार कर दिया। मामले में घोटाले के आरोपी कुंतल घोष भी याचिकाकर्ता थे। कोर्ट ने उन पर भी 25 लाख रुपए जुर्माना लगाया है। पढ़ें पूरी खबर…

क्या है शिक्षक भर्ती घोटाला
बंगाल में हुआ यह घोटाला 2014 का है। तब पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन (SSC) ने सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती निकाली। प्रक्रिया 2016 में शुरू हुई थी। उस वक्त पार्थ चटर्जी शिक्षा मंत्री थे। इस मामले में गड़बड़ी की कई शिकायतें कोलकाता हाईकोर्ट में दाखिल हुई थीं।
याचिकाकर्ताओं का आरोप था कि जिन कैंडिडेट के नंबर कम थे उन्हें मेरिट लिस्ट में टॉप पर रखा गया। कुछ कैंडिडेट का मेरिट लिस्ट में नाम न होने पर भी उन्हें नौकरी दे दी गई। ऐसे लोगों को भी नौकरी दी गई, जिन्होंने TET परीक्षा भी पास नहीं की थी।
CBI ने पिछले साल 30 सितंबर को पहली चार्जशीट पेश की थी। इसमें पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी समेत 16 लोगों के नाम थे। ED ने पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को गिरफ्तार किया था। पार्थ 23 जुलाई 2022 से जेल में हैं, उनकी जमानत याचिकाएं खारिज हो चुकी हैं।