बॉम्बे HC ने महिला की पंचायत सदस्यता बहाल की:कोर्ट ने कहा

महाराष्ट्र4 दिन पहले

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हाईकोर्ट ने कहा- सौतेले बच्चों की संख्या से पंचायत सदस्यता खारिज नहीं की जा सकती। (फाइल फोटो) - Dainik Bhaskar

हाईकोर्ट ने कहा- सौतेले बच्चों की संख्या से पंचायत सदस्यता खारिज नहीं की जा सकती। (फाइल फोटो)

बॉम्बे हाईकोर्ट ने शनिवार (19 अगस्त) को एक महिला की पंचायत सदस्यता की बहाली का आदेश दिया। महिला का नाम खैरुन्निसा शेख चांद है। उनकी सदस्यता यह कहते हुए रद्द कर दी गई थी कि दो से ज्यादा बच्चे हैं। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि पंचायत सदस्यों के लिए निर्धारित दो बच्चों की सीमा में जैविक संतानें ही शामिल होंगी।

जस्टिस एएस चंदुरकर और जस्टिस वृषाली जोशी की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए कहा कि अगर किसी व्यक्ति के पास दो से ज्यादा जैविक बच्चे हैं तो उसे अयोग्य किया जा सकता है। किसी महिला एक बच्चा हो और उसके पति के पहली पत्नी से दो बच्चे हों तो उसकी सदस्यता खत्म नहीं की जा सकती। सौतेली संतान को इसमें शामिल नहीं किया जा सकता।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा- सौतेले बच्चे पर विचार नहीं किया जा सकता

बॉम्बे हाई कोर्ट ने पंचायत सदस्यों के लिए तय की गई दो बच्चों की सीमा पर सुनवाई की

बॉम्बे हाई कोर्ट ने पंचायत सदस्यों के लिए तय की गई दो बच्चों की सीमा पर सुनवाई की

डिवीजनल कमिश्नर ने खैरुन्निसा की पंचायत सदस्यता खत्म कर दी थी। उन पर दो से ज्यादा बच्चे होने का आरोप था। महिला ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। याचिकाकर्ता ने कोर्ट में दावा किया था कि पति शेख चांद के पास पहली पत्नी से दो बेटे थे, लेकिन उनकी शादी से केवल एक ही संतान है।

इस पर एकल पीठ ने मामले की सुनवाई के लिए खंडपीठ के पास भेजा था और ये स्पष्ट करने किए कहा था कि क्या महाराष्ट्र ग्राम पंचायत एक्ट में दो बच्चे शब्द का इस्तेमाल सौतेले बच्चों के शामिल करने के लिए किया गया है?

इस पर खंडपीठ ने आदेश में कहा कि एक आदमी के लिए दो बच्चों में उन बच्चों को भी शामिल किया जाएगा, जिसके जन्म के लिए वह जिम्मेदार है। चाहे वह पहले विवाह से पैदा बच्चे हो या वर्तमान महिला के बच्चे हों। महिलाओं के लिए यह बिल्कुल अलग है। महिला के वे ही बच्चे शामिल होंगे, जिन्हें उस महिला ने जन्म दिया है। मौजूदा मामले में महिला सदस्य से एक ही बच्चे पैदा हुए, जबकि अन्य दो बच्चे उसके पति के पहली पत्नी से पैदा हुए।

क्या कहता है महाराष्ट्र ग्राम पंचायत एक्ट

महाराष्ट्र ग्राम पंचायत एक्ट 14(1)(j-1)1959 के तहत कोई भी व्यक्ति जिसके पास दो बच्चे से ज्यादा हैं, पंचायत सदस्य बनने की योग्यता नहीं रख सकता है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने जैविक संतान को ही शामिल किया, सौतेली संतान इससे बाहर रहेंगे।

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