बंगाल गवर्नर ने चुनाव आयुक्त का नियुक्ति पत्र लौटाया:दो बार राजभवन बुलाया, नहीं आए तो एक्शन लिया; TMC बोली

कोलकाता3 दिन पहले

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मई में गवर्नर डॉ. सीवी आनंद बोस ने राजीव सिन्हा का नाम बतौर राज्य चुनाव आयुक्त (SEC) चुना था। - Dainik Bhaskar

मई में गवर्नर डॉ. सीवी आनंद बोस ने राजीव सिन्हा का नाम बतौर राज्य चुनाव आयुक्त (SEC) चुना था।

पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को पंचायत चुनाव होने है। इससे 18 दिन पहले बुधवार को गवर्नर डॉ. सीवी आनंद बोस ने राज्य चुनाव आयुक्त (SEC) राजीव सिन्हा की जॉइनिंग रिपोर्ट राज्य सरकार को लौटा दी।

गवर्नर ने सिन्हा को पंचायत चुनाव में नामांकन के दौरान हुई हिंसा को लेकर 17 जून को राजभवन बुलाया था। लेकिन सिन्हा ने नामांकन की जांच का हवाला देते हुए आने से मना कर दिया था।

इससे पहले भी उन्हें एक बार बुलाया गया, लेकिन काम का हवाला देकर सिन्हा ने राजभवन आने से मना कर दिया था। भाजपा ने भी सिन्हा पर TMC का समर्थन करने का आरोप लगाया था।

सिन्हा पिछले महीने चुनाव आयुक्त बनाए गए थे
राजीव सिन्हा सितंबर 2019 से सितंबर 2020 तक पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव रह चुके हैं। उन्हें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का खास माना जाता है। पिछले महीने ममता सरकार ने राज्य चुनाव आयुक्त के पद के लिए राजीव सिन्हा और तीन अन्य लोगों का नाम गवर्नर को भेजा था। गवर्नर ने ही उनकी नियुक्ति की मंजूरी दी थी। अब उन्होंने उनका जॉइनिंग लेटर लौटा दिया है।

कानून के मुताबिक, चुनाव आयुक्त को हटाने की प्रक्रिया महाभियोग के जरिए होती है। इस मामले में तो खुद गवर्नर ने उन्हें चुना था। ऐसे में इस मामले में आगे क्या होगा यह अभी स्पष्ट नहीं है।

कलकत्ता हाईकोर्ट ने दी थी हिदायत
कलकत्ता हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव से पहले राज्य में हो रही हिंसा को लेकर राजीव सिन्हा को हिदायत भी दी थी। चीफ जस्टिस टी.एस. शिवगणनम ने सिन्हा को सलाह देते हुए कहा था कि अगर वह अपने पद का दबाव नहीं झेल पा रहे हैं तो कुर्सी छोड़ दें। राज्यपाल किसी और को नियुक्त करेंगे।

TMC ने कहा- राज्यपाल भाजपा के इशारे पर काम कर रहे हैं
TMC ने राज्यपाल के फैसले पर सवाल उठाए हैं। पार्टी सांसद सुखेंदु शेखर रॉय ने कहा- राज्य सरकार ने राज्यपाल के साथ विचार विमर्श कर राजीव सिन्हा को राज्य निर्वाचन आयोग का आयुक्त बनाया था। सिन्हा अपनी व्यस्तता के चलते नहीं आ पाए। राज्यपाल का यह फैसला असंवैधानिक और अनैतिक है। वे भाजपा के इशारे पर काम कर रहे हैं।

पंचायत चुनाव में CAPF की 22 कंपनियां तैनात होंगी

13 जून को पंचायत चुनाव को लेकर साउथ परगना में हिंसा हुई। TMC समर्थकों ने 100 से ज्यादा पेट्रोल बम फेंके।

13 जून को पंचायत चुनाव को लेकर साउथ परगना में हिंसा हुई। TMC समर्थकों ने 100 से ज्यादा पेट्रोल बम फेंके।

केंद्र सरकार पंचायत चुनाव के लिए पश्चिम बंगाल के सभी जिलों में तत्काल प्रभाव से CAPF की 22 कंपनियों को तैनात करेगी। 15 जून को कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य में सेंट्रल फोर्सेज की तैनाती को लेकर आदेश जारी किया था। इस फैसले को बंगाल सरकार और राज्य चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट ने चुनौती दी थी, जिसे कोर्ट ने 20 जून को खारिज कर दिया था।

अब पढ़िए बंगाल पंचायत चुनाव में सेंट्रल फोर्स की तैनाती क्यों करनी पड़ी…

बंगाल हिंसा की 3 तस्वीरें…

17 जून को नॉमिनेशन पेपर स्क्रूटनी के दौरान TMC-BJP में झड़प हुई। केंद्रीय मंत्री निशीथ प्रमाणिक के काफिले पर भी हमला हुआ था।

17 जून को नॉमिनेशन पेपर स्क्रूटनी के दौरान TMC-BJP में झड़प हुई। केंद्रीय मंत्री निशीथ प्रमाणिक के काफिले पर भी हमला हुआ था।

तस्वीर साउथ 24 परगना जिले के कैनिन की है। यहां BDO ऑफिस के बाहर TMC के दो गुटों में मारपीट हुई। बमों से 100 से ज्यादा हमले किए गए।

तस्वीर साउथ 24 परगना जिले के कैनिन की है। यहां BDO ऑफिस के बाहर TMC के दो गुटों में मारपीट हुई। बमों से 100 से ज्यादा हमले किए गए।

मुर्शिदाबाद में कांग्रेस कार्यकर्ता की हत्या के एक दिन बाद 10 जून को TMC के एक नेता को गिरफ्तार किया गया था। उसके पास से पिस्टल बरामद की गई।

मुर्शिदाबाद में कांग्रेस कार्यकर्ता की हत्या के एक दिन बाद 10 जून को TMC के एक नेता को गिरफ्तार किया गया था। उसके पास से पिस्टल बरामद की गई।

कब-कब हुई हिंसा…

  • 18 जून: पंचायत चुनाव को लेकर को कूच बिहार के साहेबगंज में भाजपा कैंडिडेट विशाखा दास किस्मत के रिश्तेदार शंभूदास की हत्या कर दी गई थी। भाजपा ने इस हत्या के लिए TMC को जिम्मेदार बताया था।
  • 17 जून: साहेबगंज में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निशीथ प्रमाणिक के काफिले पर भी हमला हुआ था। प्रमाणिक साहेबगंज स्थित ब्लॉक ऑफिस जा रहे थे। यहां कैंडिडेट्स की स्क्रूटनी का काम चल रहा था।
  • 17 जून: मालदा जिले के कलियाचक में TMC नेता की हत्या का मामला सामने आया था। मुस्तफा शेख की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। TMC ने शेख की हत्या का आरोप भाजपा समर्थकों पर लगाया था।
  • 14 जून: साउथ 24 परगना जिले के कैनिंग में कैंडिडेट्स के नॉमिनेशन के दौरान सत्ताधारी TMC के दो गुटों में हिंसक झड़प हो गई थी। दोनों गुटों ने एक-दूसरे पर बम से हमला कर दिया था।
  • 13 जून: इंडियन सेक्युलर फ्रंट (ISF) और तृणमूल कांग्रेस के समर्थक आमने-सामने आ गए थे। साउथ 24 परगना जिले के भांगर से ISF के विधायक नवसाद सिद्दीकी ने कहा कि जब हमारी पार्टी के कार्यकर्ता नामांकन दाखिल करने गए, तो उन्हें TMC के गुंडों ने पीटा।

CM ममता का शांतिपूर्वक नॉमिनेशन का दावा, गर्वनर बोले- हिंसा तो हुई है

पंचायत चुनाव में समस्याओं को लेकर कॉल सेंटर बनाया गया है जिसमें रोजाना 100 से ज्यादा कम्प्लेंट आती हैं।

पंचायत चुनाव में समस्याओं को लेकर कॉल सेंटर बनाया गया है जिसमें रोजाना 100 से ज्यादा कम्प्लेंट आती हैं।

पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी ने 16 जून को कहा था कि पंचायत चुनाव नॉमिनेशन शांतिपूर्वक हुआ। मगर दो दिन पहले हिंसाग्रस्त इलाकों का दौरा करके लौटे गवर्नर सीवी आनंद बोस ने सोमवार को कहा- मैं CM के बयान पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। उनकी धारणा अलग हो सकती है। वह जनता द्वारा चुनी गई नेता हैं। मगर यह सच है कि कुछ इलाकों में हिंसा और झड़प हुई है। मैं वहां गया था, मैनें लोगों से बात की।

उधर, गर्वनर के OSD संदीप कुमार सिंह ने बताया कि पंचायत चुनाव में समस्याओं को लेकर कॉल सेंटर बनाया गया है जिसमें रोजाना 100 से ज्यादा शिकायतें आती हैं।

8 जुलाई को पंचायत चुनाव के लिए मतदान, 11 जुलाई को रिजल्ट

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