UPSC सिविल सेवा परीक्षा में आयशा-तुषार ने किया फ्रॉड, हो सकती है कार्रवाई

UPSC Civil Services Result 2022: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC), खुद को यूपीएससी एग्जाम में पास बताने वाले दो उम्मीदवारों के खिलाफ सख्त कर्रवाई कर सकता है. यूपीएससी ने आयशा मकरानी D/O सलीमुद्दीन मकरानी और तुषार S/O बृजमोहन दोनों उम्मीदवारों के दावों को फुल प्रूफ स्पष्टीकरण के साथ झूठा साबित किया है. अब आयोग दोनों के खिलाफ धोखाधड़ी और यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 के नियमों के प्रावधानों का उल्लंघन के आरोप में सख्त एक्शन ले सकता है.

सिस्टम में नहीं थी कोई गलती: यूपीएससी
दरअसल, यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 के फाइनल नतीजे घोषित होने के बाद दो अलग-अलग ऐसे मामले सामने आए थे. जहां एक ही रैंक पर दो-दो उम्मीदवारों पास होने के दावा किया था. इस घटना के बाद यूपीएससी के सिस्टम पर सवाल भी उठाए गए. लेकिन अब आयोग न सिर्फ दोनों उम्मीदवारों को पूरे स्पष्टीकरण के साथ दावों को झूठा साबित बल्कि यह भी बताया है कि यूपीएससी के सिस्टम में कोई खामी नहीं थी. आयोग ने कहा यूपीएससी का सिस्टम मजबूत होने के साथ-साथ फुल प्रूफ भी है और ऐसी गलतियां संभव नहीं हैं.

UPSC 184वीं रैंक पर दो आयशा ने किया था दावा
यूपीएससी ने बताया कि आयशा मकरानी D/O सलीमुद्दीन मकरानी, जो यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास करने का दावा कर रही हैं, उनके पक्ष में जाली दस्तावेजों का पता चला है. उसका ओरिजनल रोल नंबर 7805064 है. उसने 5 जून, 2022 को आयोजित प्रारंभिक परीक्षा में भाग लिया और सामान्य अध्ययन पेपर- I में केवल 22.22 अंक और सामान्य अध्ययन पेपर- II में 21.09 अंक प्राप्त किए. परीक्षा नियमों की आवश्यकता के अनुसार, उन्हें पेपर- II में कम से कम 66 अंक प्राप्त करने थे. वह न केवल पेपर- II पास नहीं कर पाई, बल्कि पेपर- I के कट-ऑफ अंकों की तुलना में बहुत कम अंक प्राप्त किए हैं, जो कि वर्ष 2022 की प्रारंभिक परीक्षा के लिए अनारक्षित वर्ग के लिए 88.22 थे. इसलिए, आयशा मकरानी विफल रही हैं. प्रारंभिक परीक्षा के चरण में ही और परीक्षा के अगले चरणों में आगे नहीं बढ़ सके. दूसरी ओर, आयशा फातिमा D/O नज़ीरुद्दीन, जिनका रोल नंबर 7811744 है, ओरिजनल कैंडिडेट हैं, जिन्हें यूपीएससी द्वारा सिविल सेवा परीक्षा, 2022 के फाइनल रिजल्ट में 184वीं रैंक मिली है.

यूपीएससी की  44वीं रैंक पर दोनों तुषार के रिजल्ट का सच
इसी तरह, तुषार के मामले में भी, यह पाया गया है कि हरियाणा के रेवाड़ी से तुषार S/O बृजमोहन ने सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा, 2022 के लिए आवेदन किया था. उन्हें इस परीक्षा में उनका रोल नंबर 2208860 था. उन्होंने प्रारंभिक परीक्षा में भाग लिया और सामान्य अध्ययन के पेपर-I में माइनस 22.89 (यानी -22.89) अंक और सामान्य अध्ययन के पेपर-II में 44.73 अंक प्राप्त किए. परीक्षा नियमों की आवश्यकता के अनुसार, उन्हें पेपर- II में कम से कम 66 अंक प्राप्त करने थे. तुषार भी प्रारंभिक परीक्षा के चरण में पास नहीं हुए और परीक्षा के अगले चरण में आगे नहीं बढ़ सके. दूसरी ओर, यह पुष्टि की जाती है कि तुषार कुमार S/O अश्विनी कुमार सिंह, बिहार राज्य के रोल नंबर 1521306 वाले वास्तविक उम्मीदवार हैं, जिन्हें यूपीएससी द्वारा 44वीं रैंक पर अनुशंसित किया गया है.

हो सकती है सख्त कार्रवाई
यूपीएससी ने बताया कि आयशा मकरानी और तुषार दोनों ने भारत सरकार (कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग) द्वारा अधिसूचित सिविल सेवा परीक्षा, 2022 के नियमों के प्रावधानों का उल्लंघन किया है. इसलिए, परीक्षा नियमों के प्रावधानों के अनुसार, यूपीएससी दोनों उम्मीदवारों के खिलाफ उनके धोखाधड़ी के लिए आपराधिक और अनुशासनात्मक दंडात्मक कार्रवाई पर आयोग विचार कर रहा है.

मीडिया को भी दी ये सलाह!
आयोग ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक/प्रिंट मीडिया में दोनों ही मामलों की व्यापक रूप से रिपोर्ट की गई है. ऐसे ही एक मीडिया चैनल ने गैर-जिम्मेदाराना तरीके से रिपोर्ट किया है कि यूपीएससी ने उपरोक्त दो मामलों में से एक में अपनी गलती को सुधार लिया है और इस मामले की जांच कर रहा है कि ऐसी त्रुटि कैसे हुई है. कई अन्य मीडिया चैनलों और सोशल मीडिया पोर्टल्स ने भी बिना किसी सत्यापन के इस खबर को छापा. मीडिया चैनलों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे अपने प्रिंट/मीडिया चैनलों के माध्यम से ऐसे फर्जी दावों के समाचार प्रसारित/प्रकाशित करने से पहले यूपीएससी से ऐसे दावों की सत्यता की पुष्टि करें.

यहां पढ़ें यूपीएससी का जरूरी नोटिस

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