कुलगाम से लापता हुआ सेना का जवान मिला:ADGP कश्मीर ने कहा

कुलगाम3 दिन पहले

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तस्वीर सेना के जवान जावेद अहमद वानी की है, जो शनिवार से लापता था। - Dainik Bhaskar

तस्वीर सेना के जवान जावेद अहमद वानी की है, जो शनिवार से लापता था।

कश्मीर के कुलगाम से शनिवार को लापता हुआ सेना का जवान जावेद अहमद वानी मिल गया है। कश्मीर पुलिस के ADGP विजय कुमार ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मेडिकल चेकअप के बाद उससे पूछताछ शुरू की जाएगी। पुलिस ने इससे अधिक जानकारी नहीं दी है।

25 साल का जवान जावेद अहमद कुलगाम जिले के अस्थाल गांव का रहने वाला है। कहा जा रहा था कि आतंकियों ने शनिवार रात करीब 8 बजे उसे उसकी गाड़ी से किडनैप कर लिया था। कार में खून के निशान भी मिले थे। वानी की पोस्टिंग लेह में है।

जावेद के माता-पिता ने आतंकियों से बेटे को छोड़ने की गुहार लगाई थी। वानी ईद की छुट्टी मनाने घर आया था। शनिवार को वानी अपनी कार से चावलगाम जा रहा था। कई घंटों तक लापता रहने के बाद गांव के लोगों ने उसे ढूंढना शुरू किया था।

जवान की चप्पलें और खून के निशान मिले थे
तलाशी के दौरान उसकी अनलॉक कार कुलगाम के पास ही प्रानहाल से बरामद की गई थी। कार से जवान की चप्पलें और खून के कतरे मिले थे। सेना और पुलिस की एक टीम सर्च ऑपरेशन चला रही थी।

मां बोलीं थीं- मुझे मेरा बेटा लौटा दें
जावेद की मां ने कहा था कि मेरा बेटा मासूम है। अगर उसने कुछ गलत किया है, तो मैं माफी मांगती हूं। भगवान के लिए मुझे मेरा बेटा लौटा दें। हम सभी से माफी चाहते हैं। कृपया उसे रिहा कर दें। अगर आप चाहते हैं कि वह अपनी सेना की नौकरी छोड़ दे, तो वह ऐसा ही करेगा।

फुटेज में जवान की मां आतंकियों से बेटे को छोड़ने की गुहार लगाते हुए।

फुटेज में जवान की मां आतंकियों से बेटे को छोड़ने की गुहार लगाते हुए।

बहन बोलीं- किसी से दुश्मनी नहीं
बहन सुमेजान ने कहा था मेरा भाई एक महीने से छुट्‌टी पर है। वह शनिवार शाम आठ बजे गायब हो गया। पता नहीं कौन उसे उठाकर ले गया। हमने फोन लगाया, लेकिन फोन स्विच ऑफ है। आर्मी में वह 9 साल से है। हमारी गुजारिश है कि अगर वह किसी के पास है तो उसे छोड़ दें। वह अच्छा इंसान है। उसकी किसी से दुश्मनी नहीं है। हमें किसी पर शक नहीं है। गायब होने के पहले उसने फोन किया था कि एक-दो मिनट में आ रहा हूं।

सेना के जवान वानी की तलाश में सर्च ऑपरेशन चला रहे थे।

सेना के जवान वानी की तलाश में सर्च ऑपरेशन चला रहे थे।

2017 में भी आतंकियों ने जवान को किडनैप करके गोली मार दी थी
जम्मू-कश्मीर में सेना के जवान की किडनैपिंग का यह पहला केस नहीं है। इससे पहले भी कई बार आतंकियों ने सेना के जवानों को किडनैप किया है। मई 2017 में भी आतंकियों ने छुट्टी मनाने के लिए घर आए सेना के एक अधिकारी औरंगजेब को अगवा कर लिया था। इसके बाद उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। औरंगजेब एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए जा रहे थे, जब आतंकियों ने उन पर हमला किया था

इसके बाद गोलियों से छलनी उनका शव बुधवार की सुबह हरमैन इलाके में उनके घर से करीब तीन किलोमीटर दूर मिला था। इसके अलावा, शहीद लेफ्टिनेंट उमर फैयाज और शहीद जवान इरफान अहमद डार को भी आतंकियों ने उसी वक्त मारा था, जब वो छुट्टी पर अपने घर गए हुए थे।

तस्वीर शहीद जवान औरंगजेब की है, जिनकी आतंकियों ने हत्या कर दी थी।

तस्वीर शहीद जवान औरंगजेब की है, जिनकी आतंकियों ने हत्या कर दी थी।

सेना में SOP का पालन करना जरूरी
सेना ने फैयाज और डार को खोने के बाद SOP यानी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर का पालन करने का फैसला किया था। इसके तहत सेना में तैनात कश्मीर घाटी के कर्मियों को सुरक्षा देने और उनके घर के पास वाली सेना यूनिट को जानकारी देने की व्यवस्था की गई थी।

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