पीएम मोदी के अमेरिका दौरे से चिढ़ा पाकिस्तान, कही दी ये बड़ी बात

भारत और पाकिस्तान के संबंधों में कड़वाहट किसी से छिपी नहीं है. मौजूदा समय में पड़ोसी मुल्क चौतरफा परेशानियों से घिरा हुआ है. एक तरफ आर्थिक बदहाली ने देश की कमर तोड़ दी है तो दूसरी तरफ अंदरूनी राजनीतिक संकट सिरदर्द बना हुआ है. ऐसे में पाकिस्तानी सरकार ने भारत और अमेरिका के मजबूत होते संबंधों पर बयान दिया है. 

पाकिस्तान के गृहमंत्री ख्वाजा आसिफ (Khawaja Asif) का कहना है कि पाकिस्तान को भारत के अमेरिका के साथ मजबूत हो रहे संबंधों से कोई समस्या नहीं है, बशर्तें उनके मुल्क के हित बाधित नहीं हों. 

रक्षा मंत्री ने न्यूजवीक को दिए इंटरव्यू में यह बयान दिया. इस दौरान उनसे अमेरिका और भारत के मजबूत हो रहे संबंधों को लेकर सवाल पूछा गया था. इसका जवाब देते हुए आसिफ ने कहा कि भारत के साथ अमेरिका के मजबूत हो रहे संबंधों से हमें कोई समस्या नहीं है, बशर्ते इससे पाकिस्तान पर किसी तरह का नकारात्मक असर नहीं पड़े. 

पड़ोसियों के साथ रिश्ते सुधारना चाहते हैं

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अपने पड़ोसियों और क्षेत्रीय साझेदारों के साथ अच्छे संबंध चाहता है. हमारी सीमाएं चीन, अफगानिस्तान, ईरान और भारत से लगती हैं. अगर पड़ोसियों से हमारे संबंध अच्छे नहीं हैं तो हम उन्हें सुधारना चाहेंगे. हम शांति से जीना चाहते हैं. अगर शांति नहीं होगी तो हम हमारी अर्थव्यवस्था को रिस्टोर नहीं कर पाएंगे. 

ख्वाजा आसिफ ने कहा कि मुझे निजी तौर पर लगता है कि हमें ऐसी स्थिति में नहीं धकेलना चाहिए, जहां हमें कुछ कड़े फैसले लेने पड़े. अमेरिका के साथ हमारे संबंध बहुत कीमती हैं. दोनों देशों के संबंधों का अपना एक इतिहास रहा है. हालांकि, कुछ निराशा भी हुई है लेकिन फिर भी हम अमेरिका के साथ हमारे संबंधों को तवज्जो देते हैं और चाहते हैं कि भविष्य में दोनों देशों के संबंध नई ऊंचाइयों तक पहुंचे. 

पाकिस्तान-अमेरिका संबंध अहम

उन्होंने कहा कि अमेरिका और पाकिस्तान बहुत बड़े व्यापारिक साझेदार भी हैं. अमेरिका में बड़ी तादाद में प्रवासी पाकिस्तानी भी रहते हैं. हमें संतुलन बैठाकर चलना होगा. फिलहाल हमारे आर्थिक हालात सही नहीं है लेकिन हम इससे पार पा जाएंगे. 

ख्वाजा ने कहा कि अमेरिका ने हाल ही में भारत के साथ अपने संबंधों को और बेहतर किया है. इसके पीछे चीन के बढ़ते प्रभाव को कम करने के बाइडेन सरकार के अपने प्रयास हैं. अमेरिकी सरकार चाहती है कि भारत, अमेरिकी सैन्य ड्रोन खरीदे. बाइडेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने हाल ही में कहा था कि पीएम मोदी का अमेरिकी दौरे भारत संबंधों को लेकर एक परिवर्तनकारी पल होगा. 

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 से 24 जून तक अमेरिका दौरे पर होंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका की ये राजकीय यात्रा भारत-अमेरिका संबंधों के लिए एक निर्णायक क्षण बनने जा रहा है. पीएम मोदी अमेरिका पहुचते ही न्यूयॉर्क में 21 जून को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम में शामिल होंगे. इसके बाद वाशिंगटन में उनका आधिकारिक दौरा शुरू होगा. 23 जून को पीएम मोदी अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित करेंगे. इस दौरान वे एक ऐसा रिकॉर्ड बनाएंगे जिससे उनका नाम ब्रिटेन के पूर्व पीएम विस्टन चर्चिल और दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला के साथ जुड़ जाएगा. 

अपने तीन दिवसीय दौरे के दूसरे चरण में प्रधानमंत्री 21 जून को ही न्यूयॉर्क से वाशिंगटन जाएंगे. वाशिंगटन में पीएम मोदी के स्वागत के लिए भव्य और व्यापक तैयारियां की गई है. 21 जून की रात को प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति बाइडेन और उनकी पत्नी जिल के द्वारा उनके यहां डिनर पर आमंत्रित हैं. ये डिनर बेहद निजी होगा. 

पीएम मोदी के सम्मान में 22 जून की रात को अमेरिकी राष्ट्रपति हाउस के सामने साउथ लॉन्स में भव्य स्टेट डिनर देंगे.  23 जून को उपराष्ट्रपति कमला हैरिस पीएम मोदी के लिए लंच देंगी. ये लंच स्टेट डिपार्टमेंट के फॉगी बॉटम मुख्यालय में दिया जाएगा.  23 जून को ही प्रधानमंत्री मोदी अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे. 

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