प्रयागराज2 महीने पहलेलेखक: देवांशु तिवारी
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प्रयागराज का चकनिरातुल मोहल्ला। लाइन से बने 50 से ज्यादा मकान। गलियों में ठीक से बाइक तक निकलने की जगह नहीं। मोहल्ले की पहली गली में पड़ने वाला 11वां मकान बमबाज गुड्डू मुस्लिम का है।
3 मंजिल के इस घर को गिराए जाने की आखिरी तारीख 18 अप्रैल 2023 थी। घर के मेन-गेट पर बाकायदे नोटिस चिपकाया गया। इस पर साफ शब्दों में लिखा गया कि 15 दिन के भीतर खुद मकान ध्वस्त कर लें नहीं तो प्रशासन मकान गिराने का खर्च आप से वसूलेगा। लेकिन 13 दिन बाद न तो गुड्डू मुस्लिम या उसके परिवार का कोई सामने आया और न ही घर गिराने वाला प्रशासन का बुलडोजर।
24 फरवरी को हुए उमेश पाल हत्याकांड के बाद गुड्डू चकनिरातुल मोहल्ले से गायब है। घर खुला पड़ा है। अंदर सारा सामान बिखरा हुआ है। चोरी के डर से मोहल्ले वालों ने खुद ताला खरीदकर गेट पर लगवा दिया है। वहीं, गुड्डू के कभी मेरठ में छिपे होने की खबर आती है, तो कभी गोवा, दिल्ली या फिर मुंबई के रास्ते कर्नाटक भागने की। मोहल्ले वालों का कहना है कि उन्होंने गुड्डू को आखिरी बार फरवरी में देखा था। उसके बाद वह कहां गया, किसी को कुछ नहीं पता।
- चलिए आपको बमबाज गुड्डू मुस्लिम के मोहल्ले में ले चलते हैं…

गुड्डू का घर ऐसी जगह पर था जहां से अतीक का घर और ऑफिस दोनों उसकी कनेक्टिविटी में थे।
गुड्डू के घर से अतीक का घर महज 100 मीटर पर
मफिया अतीक अहमद के घर चकिया जाने वाली सड़क जिस रास्ते से शुरू होती है, वहीं पड़ता है चकनिरातुल मोहल्ला। यहां एकलौता 600 स्क्वायर फीट में बना तीन मंजिला मकान गुड्डू का है।
घर के मेनगेट के राइट साइड प्रयागराज डेवलपमेंट अथॉरिटी के 2 नोटिस लगे गुए हैं। दोनों में घर गिराए जाने की आखिरी मोहलत दी गई है। गुड्डू के घर के ठीक सामने परचून की दुकान पर एक बुजुर्ग बैठे थे। मोहल्ले में मीडिया के आने से नाराज दिख रहे थे।
उन्होंने सीधे कैमरे पर बातचीत से मना कर दिया। बोले, “21 मार्च को यहां प्रयागराज डेवलपमेंट अथॉरिटी के 5 अधिकारी आए थे। हमसे पूछताछ कर रहे थे कि इस घर के लोग कहां गए। हमने उनसे यही कहा था कि हम गुड्डू के घरवालों से मतलब नहीं रखते। वो कहां गए हमें नहीं पता। इसके बाद वो लोग गेट पर ये नोटिस चिपकाकर चले गए।”
गुड्डू का परिवार कब से यहां रह रहा था? हमारे इस सवाल पर बुजुर्ग ने बताया कि गुड्डू अपनी पत्नी के साथ यहां 2011 में रहने आया था। वह अपने बच्चों के साथ इसी मकान में रहता था। उसके जाने के बाद यहां कोई नहीं आया। सिर्फ मीडियावाले और पुलिस ही यहां आते रहते हैं।

इसी तंग गली में बमबाज गुड्डू मुस्लिम का मकान है।
गुड्डू क्या अतीक का आदमी था? इस सवाल पर लोग भड़क जाते हैं
गुड्डू के घर वाली गली से 100 मीटर आगे बढ़ने पर चकिया बाजार का रास्ता है। यहां होटल, दर्जी, हेयर कटिंग और सिलाई मशीन रिपेयरिंग वाली दुकानें हैं। सिलाई मशीन की दुकान पर मिले शोएब से हमने गुड्डू के बारे में पूछा तो वह भड़क गए।
गुड्डू क्या अतीक का आदमी था? इस सवाल पर न में सिर हिलाते हुए शोएब ने कहा, “हम नहीं जानते, बस इससे ज्यादा कुछ नहीं बोलेंगे।’
हमने आसपास के कुछ लोगों से बात की, पर गुड्डू या उसके परिवार के बारे में खुलकर बात करने के लिए कोई तैयार नहीं हुआ। मोहल्ले के लोगों का गुड्डू पर यही कहना है कि 24 फरवरी से पहले गुड्डू और उसका परिवार यहीं पर रहते थे। उमेश की हत्या के बाद कौन कहां चला गया किसी को नहीं पता। जब लोगों ने बात करने से इनकार किया, तब हम मोहल्ले से बाहर निकल आए।
‘गुड्डू-शाइस्ता कहां हैं, ये हमसे नहीं पुलिस से पूछिए’

चकिया, चकनिरातुल और कॉल्विन रोड पर मिले लोगों ने बताया कि उमेश की हत्या से पहले गुड्डू अपने परिवार के साथ प्रयागराज में ही रहता था।
चकनिरातुल मोहल्ले से बाहर निकलकर हम 2 KM दूर कॉल्विन अस्पताल पहुंचे। यहीं 15 अप्रैल की रात अतीक-अशरफ की हत्या हुई थी। ये जगह गुड्डू मुस्लिम के घर से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर है।
यहां अस्पताल के शौचालय पर हमें अब्दुल राशिद मिले। हमने उनसे फरार चल रहे गुड्डू और शाइस्ता के बारे में बातचीत की। अब्दुल राशिद ने बताया, “गुड्डू और शाइस्ता के बारे में जो भी बात सामने आ रही है। वहीं हम सब भी सुन रहे हैं। 2 महीने बाद उन्हें क्यों नहीं पकड़ा जा सका। ये बात आप हमसे नहीं पुलिस से पूछिए।”
गड्डू और उसके परिवार के बारे पूछने पर 90% फीसदी लोग यहीं कहते हैं कि हमारा उनसे कोई वास्ता नहीं था। यहां गुड्डू का खौफ आज भी इतना ज्यादा है कि कोई भी उसके बारे में चाह के भी नहीं बोलना चाहता।
गोवा थी गुड्डू की लास्ट लोकेशन…
पिछले हफ्ते ये खबर आई थी कि गुड्डू भेष बदलकर बार-बार लोकेशन बदल रहा है। उसने अपना हुलिया चेंज करने के लिए दाढ़ी बढ़ा ली है। जिससे कि आम लोगों के बीच उसकी पहचान न की जा सके। UP के मेरठ के बाद महाराष्ट्र के नासिक में गुड्डू की लोकेशन पाए जाने के बाद जब STF की टीम वहां पहुंची तो गुड्डू वहां से निकल चुका था। इसके बाद कर्नाटक और फिर ओडिशा के बाद पता चला कि गुड्डू छत्तीसगढ़ में है।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अब गुड्डू की लास्ट लोकेशन गोवा में मिली है। गुड्डू को वहां पर गैंगस्टर अनवर शेख उर्फ टाइगर ने पनाह दी है। इससे पहले यूपी STF गुड्डू की तलाश में मेरठ पहुंची थी। फिलहाल, STF की एक टीम गोवा में भी गुड्डू की तलाश में जुटी है।
STF चीफ बोले- जगह बदलना गुड्डू का पुराना तरीका, जल्द पकड़ा जाएगा
गुड्डू की फरारी पर ADG/STF अमिताभ यश कहते हैं, “फरार रहते हुए जगह बदलना गुड्डू मुस्लिम का पुराना तरीका है। पुलिस को इसके छिपे होने की सूचना मिल भी जाती है, तो यह फोर्स के पहुंचने से पहले ही गायब हो जाता है। इसे दबोचने के लिए STF लगातार प्रयाग कर रही है। उम्मीद है ये जल्द ही पकड़ा जाएगा।”

यहां रुकते हैं। अब तक आपने गुड्डू के मोहल्ले वालों की बातें सुनी। उसका 3 मंजिला घर कब गिरेगा? गुड्डू पर आगे क्या-क्या कार्रवाई होगी? ये जानने के लिए हमने प्रयागराज विकास प्राधिकरण के सचिव अजीत सिंह से बात की।
नोटिस चिपकाए जाने के 30 दिन बाद भी बुलडोजर शांत क्यों?
3 अप्रैल 2023 को चकिया के मौजा चकनिरातुल में PDA की टीम पहुंचती है। गुड्डू मुस्लिम का घर खुला मिलता है। अंदर जाने पर बिखरा हुए सामान के अलावा कुछ भी नहीं मिलता। इसके बाद टीम घर के मेन-गेट पर मकान के ध्वस्तिकरण का नोटिस लगाती है। 15 दिन की मोहलत दी जाती है। नोटिस पर गुड्डू और उसकी पत्नी चांदनी उर्फ चांद बीबी का नाम है।

ये तस्वीर गुड्डू मुस्लिम के 3 मंजिला मकान की है। गेट पर प्रशासन का नेटिस चिपका हुआ है।
नोटिस में घर गिराए जाने की लास्ट डेट 18 अप्रैल 2023 होने के बावजूद अब तक क्यों कार्रवाई नहीं हुई। इस पर प्रयागराज विकास प्राधिकरण के सचिव अजीत सिंह कहते हैं, “गुड्डू मुस्लिम के घर पर बुलडोजर कब चलाना है, इसको लेकर ऊपरी लेवल पर बातचीत चल रही है। जो भी निर्णय लिया जाएगा, वह आपको बताया जाएगा। फिलहाल तब तक ध्वस्तीकरण प्रक्रिया को रोक दिया गया है।”
नोटिस का समय पूरा होने के बावजूद गुड्डू मुस्लिम का घर न गिराए जाने के पीछे एक और बड़ी वजह है। दरअसल, गुड्डू का मकान संकरी गली में है। वहां बुलडोजर ले जाने के लिए जगह नहीं है। ऐसे में प्रयागराज विकास प्राधिकरण मकान गिराने के लिए इंडोर ड्रिलिंग या फिर दूसरा कोई तरीका इस्तेमाल कर सकता है।
अब दिल्ली पुलिस पहुंची गुड्डू के शिवकुटी वाले घर
अब दिल्ली पुलिस को भी गुड्डू की तलाश है। दरअसल, दिल्ली पुलिस ने हथियार तस्कर अवतार सिंह की गिरफ्तारी के बाद 1 मई को खुलासा किया कि उमेश पाल की हत्या के लिए बमबाज गुड्डू ने ही दिल्ली से हथियार मंगाए थे। इसको लेकर गुड्डू के शिवकुटी स्थित घर पर नोटिस चिपकाया गया है।

गुड्डू मुस्लिम के शिवकुटी वाले घर पर दिल्ली पुलिस ने ये नोटिस चिपकाया है।
अवतार सिंह असलहों की सप्लाई इंटर स्टेट लेवल पर करता था। जिसे दिल्ली पुलिस ने 28 मार्च 2023 को गिरफ्तार किया। उसने पूछताछ में बताया कि उसने उमेश की हत्या से कुछ दिन पहले खालिद-जीशान नाम के 2 लोगों के जरिए गुड्डू मुस्लिम को 10 विदेशी असलहों की सप्लाई की थी। खालिद और जीशान असलहा तस्कर के संपर्क में पहले से ही थे।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जीशान और खालिद को 28 मार्च को शेख सराय, दिल्ली इलाके से गिरफ्तार किया था। इसके बाद दोनों के पास से दो पिस्टल और मैगजीन बरामद की गई थी। दोनों की निशानदेही पर 31 मार्च को दिल्ली से ही जावेद नाम के एक अपराधी को भी गिरफ्तार किया गया था।
फिलहाल, दिल्ली पुलिस असलहा तस्करों से पूछताछ के बेसिस पर गुडडू की तलाश में UP की अलग-अलग जगहों पर दबिश दे रही है।
गुड्डू को लेकर लेटेस्ट खुलासे…
1. उमेश पाल हत्याकांड में गुड्डू मुस्लिम ने ही हथियार मंगवाए थे।
2. बमबाज ने अपना हुलिया बदल लिया है। मूछें मुंडवा ली हैं, दाढ़ी बढ़ा ली है।
3. गुड्डू अब तक 7 राज्यों में फरारी काट चुका है। अब उसकी लोकेशन गोवा में मिली है।
4. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, गुड्डू को वहां पर गैंगस्टर अनवर शेख उर्फ टाइगर ने पनाह दी है।
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प्रयागराज के सेंट जोसेफ स्कूल में माफिया अतीक के सभी बेटों ने पढ़ाई की। स्कूल की कैंटीन से लेकर प्ले-ग्राउंड तक उनके रौब के कई किस्से फैले हुए हैं। खुद अतीक 20 साल पहले यहां बिना बुलाए चीफ गेस्ट बनकर पहुंचा था। बच्चों को इनाम दिए थे और कॉलेज प्रशासन को इसकी खबर दूसरे दिन लगी।
ये वही स्कूल है, जहां के पासआउट 4 स्टूडेंट्स सुप्रीम कोर्ट के जज और 16 हाईकोर्ट के जज रह चुके हैं। एक्स एयरचीफ मार्शल अनिल कुमार ब्राउन और देश के जाने-माने वकील प्रशांत भूषण तक ने यहां से पढ़ाई की। पूरी खबर पढ़ें…
गाड़ी तेज चली तो माफिया बोला- डायबिटीज का मरीज हूं… धीरे चलाओ

उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी माफिया अतीक अहमद को मंगलवार को कोर्ट में पेश किया गया। गुजरात की साबरमती जेल से प्रयागराज की नैनी जेल के 1300 किलोमीटर के सफर को पूरा करने में 23 घंटे 45 मिनट लगे। ये सफर आसान नहीं था। खासकर उस ड्राइवर के लिए, जो अतीक की गाड़ी चला रहा था। मीडिया की गाड़ियां लगातार ओवरटेक कर रही थीं। कैमरे का फोकस सीधे ड्राइवर पर था। शिवपुरी में अचानक सामने आई गाय ने ड्राइवर का हलक सुखा दिया। इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए हमने ड्राइवर परशुराम से फोन पर बात की। पढ़ें पूरी खबर…