सूडान से निकाले गए 365 भारतीय दिल्ली पहुंचे:अब तक 2400 से ज्यादा इंडियंस का रेस्क्यू; INS तेग से 288 भारतीय जेद्दाह के लिए रवाना

नई दिल्ली2 महीने पहले

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229 भारतीयों के साथ एक विमान बेंगलुरु के लिए रवाना हो चुका है। - Dainik Bhaskar

229 भारतीयों के साथ एक विमान बेंगलुरु के लिए रवाना हो चुका है।

सूडान में जारी लड़ाई के बीच अब तक 15 बैच में 2800 से ज्यादा भारतीयों को निकाला जा चुका है। इनमें से 2300 भारतीय सुरक्षित वतन लौट चुके हैं। इन्हें 8 फ्लाइट में सऊदी अरब के जेद्दाह से भारत लाया गया। एयरफोर्स और नेवी दोनों मिलकर भारतीय नागरिकों को रेस्क्यू कर रहे हैं।

रविवार शाम को एयरफोर्स का एक विमान 40 भारतीयों को लेकर दिल्ली पहुंचा। ये सूडान से भारत आने वाले भारतीयों का 8वां बैच है। इससे पहले 229 नागरिक बेंगलुरु पहुंचे थे। इस बैच में आए नंदिश राजू नाम के व्यक्ति ने बताया कि सूडान में इन लोगों के पास पीने का पानी तक नहीं था। ये शौचालय में इस्तेमाल होने वाला पानी पीने को मजबूर थे।

सूडान से 15 बैच में निकाले गए भारतीय
​​​​​​​सूडान से अबतक 15 बैच में भारतीयों को निकाला जा चुका है। 15वें बैच में 135 नागरिक जेद्दाह पहुंचे। 14वें बैच में INS तेग से 288 लोगों को जेद्दाह लाया गया था। इससे पहले, रविवार सुबह 365 भारतीय दिल्ली लौट आए थे। शनिवार सुबह 231 भारतीयों के साथ एक और विमान नई दिल्ली पहुंचा था।

अमेरिका ने भी किया अपने लोगों का रेस्क्यू
पहली बार अमेरिका ने भी सूडान में फंसे अपने नागरिकों को रेस्क्यू किया। अमेरिकी बस ने शनिवार को 300 लोगों को सूडान से बाहर निकाला। दरअसल, वहां लड़ाई के बीच फंसे अमेरिकियों के परिजन लगातार सरकार की आलोचना कर रहे थे और अपने लोगों की घर वापसी की मांग कर रहे थे।

वायुसेना का विमान C130J भारतीयों को लेकर जेद्दाह पहुंचा।

वायुसेना का विमान C130J भारतीयों को लेकर जेद्दाह पहुंचा।

नाइट विजन गॉगल्स की मदद से भारतीयों को रेस्क्यू किया गया
इससे पहले शुक्रवार रात भारतीय वायुसेना ने युद्ध में धधक रहे सूडान की जमीन पर उतरकर अपनी तरह का पहला ऑपरेशन चलाया। गरुड़ कमांडो की सुरक्षा में C-130J सुपर हर्क्यूलिस विमान रात में सूडान की एक जर्जर हवाई पट्‌टी पर उतारा गया। वहां से 121 भारतीयों को एयरलिफ्ट कर सुरक्षित जेद्दाह पहुंचाया गया। घना अंधेरा होने की वजह से पायलट्स ने नाइट विजन गॉगल्स की मदद से यहां विमान को लैंड कराया।

वायुसेना के अफसर ने बताया कि यह साहसिक ऑपरेशन 27-28 अप्रैल की रात को चलाया गया था। जानकारी मिली थी कि खार्तूम से सिर्फ 40 किमी दूर वादी सयीदिना हवाई पटटी के पास भारतीय नागरिक जमा हैं। इनमें एक गर्भवती और कुछ बीमार लोग हैं। लैंडिंग और टेक ऑफ में ढाई घंटे का समय लगा, इस दौरान 8 गरुड कमांडो लोगों के चारों तरफ सुरक्षा घेरा बनाकर खड़े रहे।

गरुड़ कमांडो की सुरक्षा में C-130J सुपर हर्क्यूलिस विमान रात में सूडान की एक जर्जर हवाई पट्‌टी पर उतारा गया। वहां से 121 भारतीयों को एयरलिफ्ट किया गया।

गरुड़ कमांडो की सुरक्षा में C-130J सुपर हर्क्यूलिस विमान रात में सूडान की एक जर्जर हवाई पट्‌टी पर उतारा गया। वहां से 121 भारतीयों को एयरलिफ्ट किया गया।

कैप्टन रवि नंदा के नेतृत्व में चला ऑपरेशन
डिफेंस अधिकारियों ने बताया कि C-130J सुपर हर्क्यूलिस विमान के कैप्टन रवि नंदा हैं। उनके ही नेतृत्व में इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। रवि इससे पहले भी पिछले साल अफगानिस्तान से भारतीयों को निकालने के लिए चलाए गए ऑपरेशन का हिस्सा थे। तब उन्हें गैलेंटरी मेडल से सम्मानित भी किया गया था।

तस्वीर IAF के C-130J सुपर हर्क्यूलिस विमान के पायलट की है।

तस्वीर IAF के C-130J सुपर हर्क्यूलिस विमान के पायलट की है।

बेहद खराब हालत में था वादी सयीदिना रनवे
दरअसल, खार्तूम से इन भारतीयों को भारत के रक्षा सैन्य सलाहकार लेकर आ रहे थे। उन्होंने विमान के कमांडर से लगातार संपर्क बनाए रखा। उनके पहुंचते ही सभी को एयरलिफ्ट कर लिया गया। सूडान के वादी सयीदिना में बना रनवे बेहद खराब हालत में था। यहां न तो नेविगेशन में मदद करने के लिए कोई मौजूद था, न फ्यूल का प्रबंध था और न ही लाइट लगी थीं, जिनकी मदद से रात में विमान को लैंड कराया जा सके।

इसके बावजूद वायुसेना के पायलट इस हवाई पट्‌टी पर लैंडिंग कराने में सफल रही। रवने पर कहीं कोई रुकावट तो नहीं है, यह सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल/इंफ्रा रेड सेंसर की मदद ली। ढाई घंटे तक हवाई पट्‌टी वायुसेना के कब्जे में रखी गई।

युद्ध की वजह से ये लोग बंदरगाह नहीं पहुंच पा रहे थे
अफसर ने बताया कि युद्ध की वजह से ये लोग बंदरगाह नहीं पहुंच पा रहे थे, जहां से नौसेना के युद्धपोत भारतीयों को जेद्दा लेकर जा रहे हैं। मुसीबत में फंसे नागरिकों को देखते हुए वायु सेना ने तत्काल C-130J सुपर हर्क्यूलिस रवाना कर दिया। इस पूरे ऑपरेशन पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने नजर बनाए रखी।

शुक्रवार देर रात भारतीयों का 12वां बैच C-130J विमान से जेद्दाह पहुंचा।

शुक्रवार देर रात भारतीयों का 12वां बैच C-130J विमान से जेद्दाह पहुंचा।

RSF लीडर ने कहा- पहले बमबारी रुके फिर होगी बातचीत
सूडान में मिलिट्री-पैरामिलिट्री में जारी जंग के बीच RSF के चीफ जनरल मोहम्मद हमदान डागालो ने BBC से कहा- जब तक सेना की तरफ से बमबारी नहीं रुकेगी, हम उनसे कोई बातचीत नहीं करेंगे। सीजफायर के दौरान भी सेना लगातार हमारे सैनिकों पर हमले कर रही है। हम सूडान को तबाह नहीं करना चाहते हैं। आर्मी चीफ ईरानी लीडर्स के कहने पर फैसले ले रहे हैं।

शुक्रवार सुबह 8वें बैच के जेद्दाह पहुंचने पर विदेश राज्य मंत्री ने भारतीयों से मुलाकात की।

शुक्रवार सुबह 8वें बैच के जेद्दाह पहुंचने पर विदेश राज्य मंत्री ने भारतीयों से मुलाकात की।

6 पॉइंट्स में समझें सूडान में हिंसा की वजह…

  • सूडान में मिलिट्री और पैरामिलिट्री के बीच वर्चस्व की लड़ाई चल रही है। सबसे पहले 2019 में सूडान के तत्कालीन राष्ट्रपति ओमर अल-बशीर को सत्ता से हटाने के लिए लोगों ने प्रदर्शन किया।
  • फिर अप्रैल 2019 में सेना ने राष्ट्रपति को हटाकर तख्तापलट कर दिया, लेकिन इसके बाद लोग लोकतांत्रिक शासन और सरकार में अपनी भूमिका की मांग करने लगे।
  • इसके बाद सूडान में एक जॉइंट सरकार का गठन हुआ, जिसमें देश के नागरिक और मिलिट्री दोनों का रोल था। 2021 में यहां दोबारा तख्तापलट हुआ और सूडान में मिलिट्री रूल शुरू हो गया।
  • आर्मी चीफ जनरल अब्देल फतह अल-बुरहान देश के राष्ट्रपति और RSF लीडर मोहम्मद हमदान डागालो उपराष्ट्रपति बन गए। इसके बाद से RSF और सेना के बीच संघर्ष जारी है।
  • सिविलियन रूल लागू करने की डील को लेकर मिलिट्री और RSF आमने-सामने हैं। RSF सिविलियन रूल को 10 साल बाद लागू करना चाहती है, जबकि आर्मी का कहना है कि ये 2 साल में ही लागू हो जाना चाहिए।
  • सिविलियन रूल यानी चुनाव के जरिए सरकार बनाना। आर्मी के मुताबिक 2023 में चुनाव कराकर नई सरकार का गठन किया जाना चाहिए। वहीं, RSF अभी और 8 साल तक देश पर शासन करना चाहती है।
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