एक ही देश में दिखे 1000 UFO! विशेषज्ञों ने बताया कहां छिपे हैं Aliens

ब्रिटेन में 2.5 साल के भीतर करीब 1000 यूएफओ दिखने का दावा किया गया है. इस दावे से पहले एक विशेषज्ञ ने बताया कि एलियंस डिटेक्ट किए जाने से बचने के लिए हमारे सोलर सिस्टम के ठीक बाहर अंधेरे स्थानों में छिपे हो सकते हैं. जनवरी 2021 के बाद से अभी तक जिन भी स्थानों पर सबसे ज्यादा और सबसे कम यूएफओ दिखाई दिए हैं, उनका एक मैप डॉक्यूमेंट तैयार किया गया है. यूएफओ को आधिकारिक तौर पर अनआइडेंटिफाइड एरियल फेनोमेना कहा जाता है.

मिरर यूके की रिपोर्ट के अनुसार, स्पॉटर वेबसाइट यूएफओ आडेंटिफाइड पर बताया गया है कि कुल 957 यूएफओ दिखे हैं. सबसे अधिक ग्लासगो क्षेत्र में. साल 2021 में 410 ऐसी घटनाएं हुईं, 2022 में 494 और इस साल 20 मई तक 53 घटनाएं हुई हैं. इनमें 25 फीसदी में सितारे जैसी वस्तु दिखाई दी, जो आसमान में घूम रही थी. 17 फीसदी गोल आकार की चीज दिखीं, 10 फीसदी वृत्ताकार की और 9 फीसदी सिलेंडर के आकार की.  

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पूर्व खुफिया अधिकारी ने किया था दावा

वेबसाइट से जुड़े ऐश एलिस ने बताया कि ऐसा भी हो सकता है कि कई यूएफओ की घटनाएं ऐसी होंगी, जो दर्ज ही नहीं हुई हों. ये जानकारी ऐसे वक्त पर सामने आई है, जब हाल में ही अमेरिकी कांग्रेस में वायु सेना के पूर्व खुफिया अधिकारी सेवानिवृत्त मेजर डेविड ग्रश से दूसरी दुनिया से संपर्क के संभावित सबूत के बारे में कहा था. उन्होंने कहा कि अमेरिका लंबे समय से चले आ रहे प्रोग्राम को छिपा रहा है. जिसके तहत उड़ने वाली अज्ञात वस्तुओं की रिवर्स इंजीनियरिंग की जाती है.  

एलियंस को लेकर विशेषज्ञों ने किया दावा (प्रतीकात्मक तस्वीर- Pexels)
एलियंस को लेकर विशेषज्ञों ने किया दावा (प्रतीकात्मक तस्वीर- Pexels)

ग्रश की इन बातों ने तूफान खड़ा कर दिया था. इसके बाद से वैज्ञानिकों को शक है कि अमेरिका को गुप्त तरीकों से दूसरी दुनिया पर जीवन होने के सबूत मिले हैं. इससे पहले इस साल के शुरुआत में एक वैज्ञानिक ने दावा किया था कि हो सकता है एलियंस डिटेक्शन से बचने के लिए सोलर सिस्टम के बाहर अंधेरी जगहों में छिपे हों, वो अपने फायदे के लिए टर्मिनेटर जोन्स का इस्तेमाल कर रहे हों. इन क्षेत्रों में ‘स्वीट स्पॉट’ भी शामिल हैं, जहां हमारे सोलर सिस्टम के बाहरी इलाके में ग्रह सितारों की परिक्रमा करते हैं. इसका मतलब ये कि उनकी एक साइड दिखाई देती है, जबकि दूसरी अंधेरे में रहती है.

अब सीमित पानी वाले ग्रहों की तरफ होगा ध्यान

कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी की डॉ. अना लोबो का कहना है, ‘दिन का समय चिलचिलाती गर्मी वाला हो सकता है, जो रहने लायक नहीं है. और रात का समय ठंडा होता है, संभवतः बर्फ से ढका हुआ. रात के वक्त आपके पास बड़े ग्लेशियर हो सकते हैं. तो आपको एक ऐसा ग्रह चाहिए होगा, जो पानी के तरल रूप के लिए बिल्कुल सही तापमान वाला हो.’

उन्होंने आगे कहा, ‘हम उन ग्रहों की तरफ ध्यान देने की कोशिश कर रहे हैं, जहां सीमित जल हो. इनमें बड़े महासागर न होने के बावजूद झीलें या तरल पानी के छोटे पिंड हो सकते हैं और ये जलवायु वास्तव में बहुत उम्मीद भरी भी हो सकती है. इनकी खोज से हम आने वाले भविष्य में रहने योग्य ग्रह को खोजने और उसकी उचित पहचान करने की अपनी संभावनाओं को बढ़ा सकते हैं.’

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